क्या है पूरा मामला
आरोपी रामसिंह नाबालिग के साथ कई महीनों तक दुष्कर्म की घटना को अंजाम देता रहा और जब पीड़िता गर्भवती हो गई तो उसे एक झोलाछाप डॉक्टर के पास गर्भपात करने ले गया। आरोपी डॉक्टर विजय ने पीड़िता के तीन माह के गर्भ को पैसे की लालच में उसके जीवन को बचाने की कोई सदभावना नहीं रखते हुए गर्भपात किया व पीड़िता के सहमति के बिना तीन माह की गर्भवती होना पाने के बाद भी बिना किसी लाईसेंस या बिना किसी रजिस्ट्रीकृत चिकित्सा व्यवसाय होना जानते हुए भी उसका गर्भपात कर दिया।
विशेष लोक अभियोजक ने सिद्ध किया आरोप
इस प्रकरण में शासन की ओर नरेश नाईक विषेष लोक अभियोजक, कोण्डागांव ने आरोपी पर आरोपित अपराध को सिद्ध कर दिया। जिससे अपर सत्र न्यायाधीश (एफ.टीसी), कोण्डागांव के न्यायाधीश शान्तनु कुमार देशलहरे ने प्रकरण का विचारण कर अभियुक्त रामसिंग को धारा 493 भादवि के लिए 7 वर्ष का सश्रम कारावास एवं 10 हजार का अर्थदण्ड, अर्थदण्ड की राशि अदा नहीं होने पर 1 वर्ष के अतिरिक्त सश्रम कारावास, धारा 6 लैगिंक अपराधों से बालकों का संरक्षण अधिनियम 2012 के तहत 20 वर्ष के सश्रम करावास एवं रूपये 500 के अर्थदण्ड, अर्थदण्ड की राशि अदा नहीं होने के पर एक वर्ष के अतिरिक्त सश्रम कारावास की सजा सुनाई है।
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