CG News: नक्सलवाद का सफाया करने की योजना
जानकारी के अनुसार अबूझमाड़ का इलाका नक्सलियों का सेफ जोन माना जाता था। इस सेफ जोन में नक्सली अपनी समांतर सरकार चलाते थे। इस सरकार की
अबूझमाड़ इलाके में तूती बोला करती थी। नक्सल समस्या के चलते अबूझमाड़ का इलाका विकास से कोसो दूर बना हुआ था। लेकिन 2024 में प्रदेश सरकार ने अबूझमाड़ इलाके से नक्सलियों का अस्तित्व खत्म करने की रणनीति पर अमल करना शुरू कर दिया है।
अबूझमाड़ इलाके में नए-नए सुरक्षा बल के कैप स्थापित कर नक्सल अभियान को तेज कर दिया है। इस अभियान में मार्च 2026 तक प्रदेश से नक्सलवाद का सफाया करने की योजना बनाई गई है। इस योजना पर अमल करते हुए अबूझमाड़ में स्थापित हुए नए पुलिस बैस कैंप के नजदीक 5 किलोमीटर दायरे के 5 गांवों को नियद नेल्लानार योजना सम्मिलित किया गया है। नियद नेल्लानार में शामिल गांवों में मूलभूत सुविधाओं सहित शासन की योजनाओं का क्रियान्वयन किया जाना है।
अबूझमाड़ जैसी दूरस्थ अंचल में बसे गांवो के ग्रामीणों का शासन-प्रशासन के प्रति विश्वास बढ़े। इसके साथ ही अबूझमाड़ के ग्रामीण समाज की मुख्यधारा में जुड़कर सामान्य रूप से अपना जीवन व्यतीत कर सके। पुलिस ने जिला मुख्यालय से करीब 50 किलोमीटर दूर नारायणपुर-कुतुल मार्ग ओर कोडलियार में नया पुलिस बैस कैप का संचालन शुरू कर दिया है। इस बैस कैप के संचालन शुरू होने से नक्सलियों को अपना सेफ जोन छोड़ने के लिए मजबूर होना पड़ा।
इस बैस कैंप से कोडलियार गांव मुख्य मार्ग से करीब 3 किलोमीटर दूरी पर बसा हुआ है। इस कोडलियार गांव के ग्रामीणों को नियद नेल्लानार योजना से लाभान्वित करने के लिए आजादी 7 दशक बाद पहली बार जिला प्रशासन ने नुमाइंदों ने दस्तक दी थी।
बाइक पर सवार होकर पहुंचा अमला
CG News: स्वास्थ्य, शिक्षा, राजस्व, महिला बाल विकास विभाग, कृषि, जनपद पंचायत सहित अन्य विभाग के कर्मचारियों ने बारूदी सुरंग के रास्ते मोटरसाइकिल से कोडलियार गांव दस्तक देंकर घोटुल में अपनी चौपाल लगाई। इस चौपाल में ग्रामीणों की समस्या से रूबरू होने के बाद नियद नेल्लानार योजना से ग्रामीणों को लाभान्वित करने के उनके दस्तावेज एकत्रीकरण करने,
आयुष्मान कार्ड, श्रमिक कार्ड, मनरेगा जॉब कार्ड, आधार कार्ड सहित अन्य कार्य चौपाल में पूर्ण पूरे किए गए। शासन की योजनाओं का क्रियान्वयन जमीनीस्तर पर करेंगे।