अगले सत्र से अपने भवन में भविष्य संवारेंगे जूना नागदा और अंजनी नगर के 100 से ज्यादा बच्चे
नागदा. अपनी छत पाने के लिए 10 साल से चल रहे संघर्ष पर विराम लग गया। वार्ड नंबर 5 जूना नागदा में मंदिर और वार्ड नंबर 24 अंजनी नगर में आश्रम में स्कूल संचालन की तस्वीर अगले सत्र से बदलने वाली है। नए शिक्षा सत्र में दोनों स्कूलों के 100 से ज्यादा बच्चे अपने भवन में भविष्य संवारेंगे। निश्चित रुप से दोनों स्कूलों को अपना भवन मिलने से छात्र संख्या में भी इजाफा होगा। साथ ही शिक्षा का स्तर और सुदृढ होगा। लगभग 2500 स्क्वायर फीट की जगह में दोनों स्कूलों का निर्माण होगा। दोनों स्कूल भवनों पर नगर पालिका 27.28 लाख रुपए के करीब खर्च कर रही है। इसमें सुनीर नगर में बन रहें अंजनी नगर में संचालित स्कूल की लागत 13.14 लाख रुपए हैं। वहीं जूना नागदा में नाग मंदिर के पास बन रहे स्कूल की लागत 14.14 लाख रुपए हैं। नक्शे के अनुसार स्कूल भवन में दो क्लास रुम, स्टॉफ रुम, टॉयलेज व पैसेज रहेगा।
रविवार को नपाध्यक्ष संतोष ओपी गेहलोत की अध्यक्षता में आयोजित भूमिपूजन समारोह में बतौर मुख्य अतिथि रहें विधायक डॉ. तेजबहादुरसिंह चौहान ने स्कूल निर्माण की नींव रखी। इस अवसर पर पूर्व विधायक लालसिंह राणावत, लोकतंत्र सेनानी गुलाबराव वाघमरे, पूर्व नपाध्यक्ष गोपाल यादव, भाजपा मंडल अध्यक्ष सीएम अतुल, जिला उपाध्यक्ष राकेश यादव, बबीता रघुवंशी, राजेश धाकड़, जितेंद्र कुशवाह, प्रकाश जैन, गौरव यादव, भावना रावल, साहिल शर्मा, बिट्टू यादव, रामकुंवर विजय सिसौदिया भी बतौर अतिथि रहें। संचालन नगर पालिका उपाध्यक्ष सुभाष शर्मा ने किया। कार्यक्रम के दौरान नपाध्यक्ष ने अधिकारियों को तेजी से काम करने के निर्देश दिए। ताकि नवीन सत्र से विद्यार्थियों को भवन का लाभ मिल सकें। कार्यक्रम में ओमप्रकाश चौहान, विजय पटेल, अनिल जोशी, रुपम ठाकुर, दौलतराम प्रजापत, भवानीसिंह देवड़ा, रामु सिसौदिया, श्यामचरण मरमट आदि भी मौजूद रहें। वार्ड 21 में आंगनवाड़ी भवन व 5 में शेड व किचन बनाएंगे कार्यक्रम के दौरान विधायक ने वार्ड नंबर 21 में आंगनवाड़ी भवन व वार्ड नंबर 5 में शेड व किचन निर्माण की घोषणा की। पाडल्या कलां वार्ड नंबर 21 में अभी किराएं के भवन में आंगनवाड़ी संचालित होती है। क्षेत्रीय पार्षद रामकुंवर पटेल की मांग पर विधायक ने आंगनवाड़ी भवन के लिए ढाई लाख रुपए अपनी निधि से देने की घोषणा की।
पढि़एं…दोनों स्कूलों में अध्ययरत बच्चे व पढ़ाने वाले शिक्षकों के संघर्ष की कहानी
11 साल पहले घिनौदा से मर्ज होकर आया है जूना नागदा प्रावि: नगर से लगभग 5 किमी दूर जूना नागदा में संचालित शा. प्रावि वर्ष 2013 में घिनौदा से मर्ज होकर आया है। तभी से स्कूल जूना नागदा के श्रीराम मंदिर में संचालित हो रहा है। वर्तमान में बच्चों की संख्या 63 के लगभग हैं। प्रधानाध्यापक दिनेश योगी शुरू से इस स्कूल में सेवाएं दे रहें हैं। बकौल दिनेश पैरों से दिव्यांग हैं। चढऩे-उतरने में परेशानी होती है। फिर भी उन्होंने अपनी जिम्मेदारी से मुंह नहीं मोड़ा। स्कूल भवन नहीं था, बावजूद स्कूल में छात्र संख्या बढ़ाने पर जोर दिया। बच्चों की बढती संख्या पर पिछले साल ही यहां निंबोदिया से ममता सेंगर को पदस्थ किया गया हैं। इस स्कूल के शिक्षक जितने कर्तव्य निष्ठ है, उतने ही जिम्मेदार छात्र-छात्राएं भी हैं। बच्चे रोजना स्कूल पढऩे आते हैं। इसीलिए यहां का परिणाम भी बेहतर रहता हैं। पेड़ से आश्रम तक पहुंचा अगले सत्र में मिलेगा खुद का भवन: अंजनी नगर का शा. प्रावि। कभी पेड़ के नीचे बैठकर बच्चे भविष्य का ताना-बाना बनूते थे। फिर कुछ समय किराएं के भवन में चला। समस्या बढऩे पर रविदास समाज ने अपना 21 बाय 50 का आश्रम स्कूल प्रबंधन को स्कूल संचालन के लिए दे दिया। लगभग ढाई सालों से स्कूल यहीं चल रहा हैं। पिछला सत्र शुरू होने के समय यहां बच्चों की संख्या 68 के लगभग थी। एडमिशन के लिए पांच नए फॉर्म आएं थे। चूंकि अंजनी नगर में अधिकांश गरीब तबके के लोग रहते हैं। ऐसे में लंबे समय से स्कूल भवन की दरकार थी। स्कूल प्रबंधन के सामने मजबूरी थी कि जगह के अभाव में वे बहुत ज्यादा एडमिशन नहीं ले पातें। अब स्कूल को अपना भवन मिलने से कुछ हद तक बच्चों की संख्या बढऩे की संभावना बनेगी।
2013 में हुई थी स्वीकूति
दोनों स्कूल भवनों की स्वीकृति 2013 में ही हो गई थी। लेकिन अलग अलग कारणों के चलते ये मामला खटाई में रहा। अब जाकर इन भवनों के निर्माण का भूमि पूजन हुआ।
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