नागदा

कहीं आफत तो कहीं अमृत बनकर बरसा पानी

सोयाबीन की कटी फसल बर्बाद होने की आशंका

नागदाSep 23, 2018 / 01:23 am

Lalit Saxena

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खाचरौद. नगर सहित आसपास के ग्रामीण क्षेत्रों में 21 सितंबर रात्रि से प्रारंभ हुई जोरदार बारिश किसी के लिए अमृत तो किसी के लिए आफत बनकर बरसी। क्षेत्र के कई किसानों द्वारा सोयाबीन की फसलें कटकर खेतों में पड़ी थी, परंतु खेतों में खुले में पड़ी फसलों पर जोरदार बारिश के कारण फसलेें बर्बाद हो गई हैं तथा किसानों को लंबा नुकसान होने का अनुमान हैं, क्योंकि जिन किसानों द्वारा फसलें काट ली थी तथा दो दिनों में हुई जोरदार बारिश के कारण उनके खेतों में काटकर सूखने के लिए रखी सोयाबीन की फसलें बह गई, जिस कारण उन पर आर्थिक संकट पैदा हो गया हैं। वहीं ऐसे किसान जिनके द्वारा बाद में सोयाबीन बोई गई थी तथा वर्तमान में काटी नहीं थी उनकी फसलों में ज्यादा नुकसान नहीं होगा तथा आने वाली रबी की फसलों के लिए यह बारिश अमृत के तुल्य हैं। क्योंकि विगत कई सप्ताह से क्षेत्र में बारिश नहीं होने से किसानों के चेहरों पर आगामी रबी की फसलों में पानी के लिए चिंता की लकीरें नजर आ रही थी, जो दो दिनों की बारिश के बाद अब कुछ हद तक कम होती दिखाई दे रही हैं। समाचार लिखे जाने तक बारीष जारी थी।
कुएं, बावडिय़ों में आया पानी
बारिश से क्षेत्र एवं आसपास के ग्रामीण क्षेत्रों के किसानों के कुएं, नलकूप एवं तालाबों में पानी की कमी थी जिस कारण उनमें सिंचाई के लिए पानी की चिंता सता रही थी। 21 सितंबर रात्रि से प्रांरभ हुई जोरदार बारिश से तालाब, नलकूपों आदि में पानी आ गया हैं तथा उनके भराने की आस बंधी हैं।
साढ़े चार इंच से अधिक बारिश
बडनग़र. नगर सहित अंचल में शनिवार अलसुबह से बारिश प्रांरभ हुई, जो समाचार लिखे जाने तक जारी थी। तहसील में शुक्रवार तक 533 एम एम वर्षा दर्ज थी । शनिवार को 115 एमएम वर्षा हुई अभी तक कुल 650 एमएम वर्षा दर्ज की गई है। बारिश से अधिकांश खेतों में पानी भरा गया और जिन खेतो में सोयाबीन कटी हुई है वह तैरते हुए देखी गई। किसानों की माने तो इस बारिश से वर्तमान फसल को नुकसान है लेकिन आने वाली फसल को लाभ मिलेगा।
बारिश से खेतों में भराया पानी
तराना. नगर एवं ग्रामीण क्षेत्रोंं में शुक्रवार रात से हो रही वर्षा ने किसानों की सोयाबीन की फसल बिगाड़ दी है। कई किसानों ने अपनी फसल काटकर खेत में छोड़ रखी थी। एक दो दिन में ही कटी फसल को मशीन द्वारा निकालने वाले थे। इसी बीच मौसम ने करवट ली व वर्षा होने लगी तेज वर्षा के कारण सोयाबीन की कटी हुई फसल खेतों में तेरने लगी।

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