नागौर

युवा करने लगे स्मार्ट सेविंग, समय के साथ बदल रहे बचत करने के तरीके

विश्व बचत दिवस पर विशेष – पहले जहां डाकघर की आरडी व एलआईसी पर दिया जाता था जोर, वहां अब अधिक रिटर्न मिलने वाली एसआईपी योजनाओं में किया जा रह है निवेश, वित्तीय संस्थाओं ने भी बढ़ाई सुविधाएं, अब निवेशक ऑनलाइन देख सकता है मुनाफा या नुकसान

नागौरOct 30, 2024 / 08:36 pm

shyam choudhary

नागौर. अब वो दिन अब लद गए, जब कामकाजी पेशेवर अपनी वित्तीय योजना के लिए केवल पारंपरिक बीमा पॉलिसियों और बैंक जमाओं पर ही ध्यान देते थे। कम बीमा होने के बावजूद वे भारी प्रीमियम चुकाते थे और उन्हें कोई दिक्कत भी नहीं होती थी। अब बचत और निवेश के तरीके बदल रहे हैं। आज के युवा स्मार्ट सेविंग प्लान पर ध्यान दे रहे हैं, वे सोच-समझकर निर्णय लेते हैं। आज जीवन बीमा और म्यूचुअल फंड क्षेत्र में निजी कम्पनियों के उभरने के साथ ही युवा बचतकर्ता अपनी मेहनत की कमाई को निवेश करने के लिए अन्य रास्ते तलाश रहे हैं। दिग्गज निवेशक वॉरेन बफेट का एक कथन है, ‘जोखिम तब आता है, जब आपको पता नहीं होता कि आप क्या कर रहे हैं।’ लेकिन एआई के युग में युवा बचत या निवेश करने से पहले आवश्यक शोध करते हैं, हर पहलू की अच्छी तरह से जानकारी लेते हैं और निवेश करने से पहले सभी फायदे और नुकसान का मिलान करते हैं। युवा निवेशक अपनी वर्तमान और भविष्य की जरूरतों, अपनी जीवनशैली और अन्य महत्वाकांक्षाओं पर भी विचार करते हैं।
निवेशकों में लोकप्रिय हो रहा एसआईपी

वर्तमान में एसआईपी भारतीय म्यूच्यूअल फंड्स निवेशकों के बीच काफी लोकप्रिय हो रहा है। इसकी वजह यह है कि ये निवेशक को बाजारों के उथल-पुथल और समय गणना की चिंता से अलग रख एक अनुशाशित तरीके से निवेश में सहायता करता है। साथ ही हर वक्त ऑनलाइन अपडेट्स भी उपलब्ध रहते हैं, जिससे बचतकर्ता को यह पता रहता है कि उसे कितना ब्याज और रिटर्न मिल रहा है। लम्बी अवधि के निवेश के लिए म्यूच्यूअल फंड्स के माध्यम से प्रस्तावित एसआईपी निवेश की दुनिया में कदम रखने का सबसे बढिय़ा रास्ता है। निवेश में सर्वाधिक और श्रेष्ठ प्राप्ति के लिए बेहद जरूरी है लम्बी अवधि के लिए निवेश हो।
सिस्टमेटिक इन्वेस्टमेंट प्लान पर जोर

सिस्टेमेटिक इन्वेस्टमेंट प्लान (एसआईपी)म्यूच्यूअल फंड्स की ओर से प्रस्तावित एक ऐसा निवेश का जरिया है, जिसके माध्यम से एक व्यक्ति एक निर्धारित रकम, नियमित अंतराल में म्यूच्यूअल फंड्स के किसी स्कीम में – जैसे मासिक या त्रैमासिक, बजाय एक मुश्त रकम की अदायगी के, निवेश कर सकता है। यह किश्त 500 रुपए प्रति माह की मामूली रकम भी हो सकती है, जो बहुत कुछ रेकरिंगडिपोजिट (आवर्ती जमा) से मिलती-जुलती है। ये इसलिए भी आसान है क्योंकि आप अपने बैंक को ये स्थाई अनुदेश दे सकते हैं कि आपके खाते से ये रकम हर माह डेबिट (निकासी) होती रहे।
रेटिंग देखकर करते निवेश

आज का स्मार्ट यूथ निवेश करने से पहले म्यूचुअल फंड की रेटिंग भी देखता है। युवा निवेशक सुभाष विश्नोई ने बताया कि यदि रेटिंग मजबूत है तो उस स्कीम में रिस्क कम होता है। रेटिंग अच्छी होने पर बेहतर रिटर्न मिलने की संभावना भी बढ़ जाती है। म्यूचुअल फंड मार्केट में बेहतर पेार्टफोलियो, एक्सपेंस रेश्यो, कम जोखिम और अच्छा प्रदर्शन करने के ट्रैक रिकॉर्ड से स्कीम को रेटिंग मिलती है। ऐसी स्कीम में 5 साल में एकमुश्त निवेश पर 33 से 46 फीसदी और एसआईपी करने पर 35 से 44 फीसदी सालाना की दर से रिटर्न मिल रहा है। युवाओं का कहना है कि एकमुश्त पैसा लगाने वालों को 6 गुना तक रिटर्न मिला है।
एसआईपी के माध्यम से छोटे-छोटे निवेश करें

म्यूचुअल फंड वर्तमान में अच्छा रिटर्न दे रहे हैं। शेयर बाजार की कम जानकारी रखने वाले म्यूचुअल फंड के माध्यम से अच्छा रिटर्न प्राप्त कर सकते हैं। हर महीने यदि 4 हजार का निवेश करना हो तो 4 अलग-अलग तरह के म्यूचुअल फंड में निवेश एसआईपी के माध्यम से करें, जैसे लार्ज कैप, मिड कैप, स्माल कैप, क्वांट आदि। निवेश करने से पहले म्यूचुअल फंड के 3 व 5 साल के रिटर्न देखें एवं निकास भार व लॉक इन पीरियड भी देखें।
– रुचिर पारीक, युवा बतचकर्ता व एआरओ, एवीवीएनएल, नागौर

Hindi News / Nagaur / युवा करने लगे स्मार्ट सेविंग, समय के साथ बदल रहे बचत करने के तरीके

Copyright © 2024 Patrika Group. All Rights Reserved.