नागौर

नागौर के युवाओं ने आरएएस परीक्षा में लगा दी लाइन, डेढ़ दर्जन से अधिक बने प्रशासनिक अ धिकारी

आरएएस चयनित युवाओं ने दिया सफलता का मंत्र: एकाग्रता, निरन्तरता व योजनाबद्ध तरीके से पढ़ाई जरूरी

नागौरNov 19, 2023 / 09:44 am

shyam choudhary

Youth of Nagaur hoisted flag in RAS exam

आरपीएसी की ओर से जारी आरएएस परीक्षा परिणाम में नागौर जिले के युवाओं ने शानदार परिणाम देते हुए अपनी मेहनत का लोहा मनवाया है। नागौर व डीडवाना-कुचामन जिले से एक दर्जन से अधिक युवाओं का आरएएस परीक्षा में अंतिम रूप से चयन हुआ है। चयनित अभ्यर्थियों ने आरएएस परीक्षा सहित अन्य प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी कर रहे विद्यार्थियों को संदेश देते हुए कहा कि लक्ष्य को अर्जित करने के लिए एकाग्रता, निरन्तरता एवं योजनाबद्ध तरीके से पढ़ाई करने से किसी भी बड़ा सफलता को प्राप्त किया जा सकता है।

सहीराम की 283वीं रैंक
नागौर के गोवा निवासी सहीराम गोलिया का चयन आरएएस-2021 परीक्षा में 283वीं रैंक पर हुआ है। साधारण परिवार से ताल्लुक रखने वाले सहीराम गोलिया के पिता देवकरण गोलिया एक साधारण किसान हैं, लेकिन उच्च शिक्षा के प्रति सदैव जागरूक रहे हैं। वे शुरुआत से ही अपने पुत्र को प्रशासनिक सेवक के रूप देखना चाहते थे। सहीराम की इस सफलता से परिवार के साथ-साथ पूरे गांव में खुशी की लहर है। जवाहर नवोदय विद्यालय, कुचामन सिटी से स्कूली शिक्षा प्राप्त करने वाले सहीराम ने स्नातक शिक्षा दिल्ली विश्वविद्यालय तथा स्नातकोत्तर आईआईटी, कानपुर (भौतिकी विज्ञान) से पूर्ण की है। वर्तमान में सहीराम मुम्बई में ‘वायु यातायात नियत्रंक’ के पद पर कार्यरत हैं।

आरएएस में चयनित सुरेन्द्र व दिनेश का अभिनंदन
नागौर शहर के हनुमान बाग कॉलोनी में शनिवार शाम को आरएएस परीक्षा में अंतिम रूप से चयनित सुरेंद्र फूलफगर व दिनेश सांगवा का कॉलोनीवासियों ने माल्यार्पण व साफा पहनकर अभिनंदन किया। दोनों प्रतिभाओं ने क्रमश: 412वीं व 714वीं रैंक प्राप्त की है। दोनों ही वर्तमान में सहायक लेखाधिकारी पद पर कार्यरत हैं। अभिनंदन कार्यक्रम में पार्षद कैकेई, रामनिवास बाना, भोजाराम इनाणियां, श्रीपाल गोदारा, पूर्णाराम धेड़ू, पुखराज जांगिड़, हरदेव गारु, प्रदीप सांगवा, हनुमान भाकर, नरेंद्र फूलफगर, कौशल सिरोही, मेघाराम, सुखवीर डिडेल, आईदानराम पोटलिया, डॉ. हरवीर सांगवा, पुनाराम सांगवा, शिवकुमार, अनिल भाकल, रणवीर भाटी आदि मौजूद रहे।

किसान की बेटी ज्योति बनी आरएएस
जिले के बैराथल खुर्द निवासी किसान मोहनराम भांबू की 25 वर्षीय पुत्री ज्योति चौधरी ने आरएएस परीक्षा में 193वीं रैंक प्राप्त की है। पिता मोहनराम खेती बाड़ी के साथ समयानुसार लाइट फिटिंग का काम करते हैं।ज्योति की माता गीता देवी का सात वर्ष पूर्व निधन हो गया था, इस सदमे के बावजूद ज्योति ने हिम्मत जुटा कर कड़ी मेहनत करके आज यह मुक़ाम हासिल किया है।

22 वर्ष की आयु में रणजीत धौलिया बने आरएएस
जिले के मेड़ता क्षेत्र के गंठिया निवासी व वर्तमान में शहर के शारदापुरम में रहने वाले शिक्षक जस्साराम धोलिया के पुत्र रणजीतसिंह धोलिया का राजस्थान प्रशासनिक सेवा में अंतिम रूप से चयन हुआ है। धौलिया ने मात्र 22 वर्ष की उम्र में आरएएस परीक्षा में 313वीं रैंक प्राप्त की है। रणजीत वर्तमान में माउंट आबू में एसीएफ (फोरेस्ट) के पद पर कार्यरत हैं।

गोदारा की आरएएस में 64वीं रैंक
नागौर. शिक्षा विभाग के समग्र शिक्षा में कार्यक्रम अधिकारी के पद पर तैनात ओमप्रकाश गोदारा का आरएएस परीक्षा में चयन हुआ है। गोदारा की यह पांचवीं सरकारी सेवा है। सर्वप्रथम उनका चयन केंद्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल में सब इंस्पेक्टर के पद पर हुआ था, उसके बाद दिल्ली पुलिस में सब इंस्पेक्टर के पद पर तथा फिर केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल में सहायक कमांडेंट के पद पर वर्ष 2010 में चयन हुआ। 7 वर्ष तक सहायक कमांडेंट के रूप में देश के विभिन्न हिस्सों में अपनी सेवाएं देने के बाद गोदारा ने राजस्थान लोक सेवा आयोग की ओर से आयोजित स्कूल प्राध्यापक परीक्षा 2015 में सफलता प्राप्त की। अब आरएएस-2021 की परीक्षा में गोदारा का चयन 64 वीं रैंक के साथ हुआ है।

तानिया रिणवां ने आरएएस में 26वीं रैंक हासिल कर सफलता का परचम लहराया
शिक्षा नगरी के युवाओं ने आरएएस परीक्षा परिणाम में रचा इतिहास
कुचामनसिटी. राजस्थान लोक सेवा आयोग की ओर से जारी आरएएस परीक्षा के परिणाम में कुचामन शहर के कई होनहार युवाओं ने सफलता प्राप्त कर ‘शिक्षा नगरी’ के नाम को सार्थक साबित किया है। परिणाम जारी होने के बाद आरएएस में चयनित युवाओं का मुंह मीठाकर एवं माला पहनाकर अभिनंदन किया गया। चयनित युवाओं ने सफलता का राज असफल होने पर निराश होकर घर बैठने की बजाए निरन्तरता मेहनत व कठिन परिश्रम को जरूरी बताया। युवाओं का कहना है कि सफलता प्राप्ति के लिए निरन्तरता, एकाग्रता व अनुशासन बहुत ही जरूरी है।
विफलता को चुनौती मानकार प्राप्त कर 26वीं रैंक
कुचामन शहर के मिर्धा नगर के शिक्षक परिवार की बेटी तानिया रिणवां ने आरएएस में 26वीं रैंक हासिल कर सफलता का परचम लहराया है। तानिया ने यह साबित कर दिखाया कि निरन्तर कठोर परिश्रम, लगन व लक्ष्य के प्रति समर्पण आपको सफलता की ऊंचाइयों पर पहुंचाता है। तानिया ने अपनी स्कूली शिक्षा कुचामन शहर से प्राप्त करने के बाद जयपुर से बीटेक किया। इसके बाद प्रशासनिक सेवा को अपना लक्ष्य बनाकर तैयारी शुरू की। आरएएस 2018 में अपने प्रथम प्रयास में प्रारम्भिक परीक्षा, मुख्य परीक्षा व साक्षात्कार के सभी सोपान पर पहुंची, लेकिन अंतिम रूप से चयन नहीं हो पाया। विफलता को चुनौती मानकर द्वितीय प्रयास में सम्पूर्ण राजस्थान में 26वीं रैंक पर अंतिम रूप से चयनित हुई है। तानिया ने अपनी सफलता का श्रेय माता-पिता व परिवारजनों को दिया है। तानिया के दादा हुकमसिंह रिणवां, ताऊ भंवरसिंह रिणवां, पिता मुन्नालाल रिणवां, चाचा सुखराम रिणवां, नाना नानूराम डूकिया, मामा विजय डूकिया सभी शिक्षा के क्षेत्र में कार्यरत हैं।

तीन बार आईएएस का इंटरव्यू दिया, आखिरकार बने आरएएस
आरएएस में चयनित हुए कुचामन शहर के बुड़सू रोड के निवासी मनीष किरडोलिया ने इससे पहले आईएएस बनने के लिए काफी प्रयास किए। यहां तक कि तीन बार इंटरव्यू में भी भाग लिया था, लेकिन तीनों बार में सफलता नहीं मिली। आखिरकार निरन्तरता के साथ मेहनत करते हुए आरएएस परीक्षा में सफलता प्राप्त की। मनीष के पिता डॉ. हुकमसिंह किरडोलिया होम्योपैथिक चिकित्सक तथा माता दुर्गा देवी गृहणी है। मनीष ने 12वीं तक की पढ़ाई कुचामन में की तथा आगे की पढ़ाई जोधपुर से पूरी की। आरएएस में चयनित हुए मनीष का कहना है कि जब तक मंजिल प्राप्त नहीं हो जाती है, तब तक मेहनत करते रहना चाहिए।
व्याख्याता बनने से वंचित, अब बने से आरएएस
कुचामन शहर के निकटवर्ती ग्राम गुगड़वार के किसान परिवार में जन्मे कैलाश रणवां का भी आरएएस में चयन हुआ है। कैलाश ने सम्पूर्ण राजस्थान में 659वीं रैंक हासिल की है। कैलाश के पिता सोहनलाल रणवां खेती का कार्य करते हैं। माता छोटी देवी गृहणी है। आरएएस में चयनित हुए कैलाश चार भाई-बहिनों में सबसे बड़े हैं। कैलाश ने 12वीं तक की पढ़ाई कुचामन शहर से की तथा आगे की पढ़ाई दिल्ली से पूरी की। खास बात तो यह है कि कैलाश ने आरएएस की तैयारी के लिए किसी प्रकार की कोचिंग का सहारा नहीं लेकर स्वयं के स्तर पर पढ़ाई कर सफलता प्राप्त की है। कैलाश ने इससे पहले कॉलेज व्याख्याता बनने के लिए परीक्षा दी थी, लेकिन साक्षात्कार में कुछ अंक कम रहने से व्याख्याता बनने से वंचित रह गए।
आरएएस बनकर पूजा ने लगाए पिता के सपनों को पंख
शहर के डीडवाना रोड रहने वाली पूजा टाक ने 1615वीं रैंक हासिल कर आरएएस बनने में सफलता हासिल की है। पूजा के पिता प्रहलाद टाक मोरपंख खरीदने व बेचने का कार्य करते हैं तथा माता शांति देवी गृहणी है। दो भाई व आठ बहिनों में से सबसे छोटी पूजा है। पढ़ाई में लग्न होने के कारण पूजा ने पटवारी बनने में भी सफलता प्राप्त कर ली थी। पटवारी के साथ-साथ निरन्तर पढ़ाई कर आरएएस बनने में भी सफलता प्राप्त की है। पूजा ने बताया कि पटवारी का कार्य करते हुए योजनाबद्ध तरीके से पढ़ाई कर यह सफलता हासिल की है। आरएएस बनने के लिए उसके पिता हमेशा प्रेरित करते थे। पूजा ने भी आरएएस बनकर पिता के सपनों को पूरा किया है।
सुद्रासन के विजयपाल बने आरएएस
सुद्रासन. ग्राम पंचायत के ग्राम अहीरों का बास निवासी विजयपाल यादव पुत्र रामेश्वर लाल यादव का आरएएस परीक्षा में 56वीं रैंक और पंकज सामरिया पुत्र भारमल सामरिया का 76वीं रैंक पर चयन हुआ है। एक साथ गांव के दो युवाओं के आरएएस अधिकारी बनने पर ग्रामीणों में खुशी की लहर है। सरपंच केसर देवी ने बताया कि साधारण किसान परिवार और ग्रामीण परिवेश में भी कठिन मेहनत से बड़ा मुकाम हासिल किया जा सकता है।
कालवी की दीपशिखा की 13वीं रैंक
डेगाना. कालवी गांव की दीपशिखा कालवी ने राजस्थान प्रशासनिक सेवा परीक्षा में 13वीं रैंक हासिल की है। पिछले पांच साल से तैयारी कर रही दीपशिखा ने द्वितीय प्रयास में सफलता प्राप्त की है। उनके पति राजवेन्द्रसिंह मांझी वर्तमान में जेडीए में तहसीलदार हैं। पति के सहयोग से दीपशिखा की आरएएस की तैयारी में मदद सफलता हालिस की। दीपशिखा इस सफलता के पीछे प्रेरणास्रोत चाचा आरपीएस राजेंद्रसिंह सिसोदिया व माता सरोज कंवर को बताया, जिन्होंने विपरीत परिस्थितियों में भी हौसला बनाए रखने के लिए प्रेरित किया। उनकी स्कूली शिक्षा बीकानेर से हुई। ग्रेजुएशन, बीटेक गवर्नमेंट कॉलेज बीकानेर से किया। एक वर्ष तक टीसीएस में सिस्टम इंजीनियर के तौर पर काम किया। हमेशा से ही एक मन में समाजसेवा की भावना थी, इसलिए प्रशासनिक सेवा का क्षेत्र चुना और सफल हुई।
अवन्तिका की आरएएस में 12वीं रैंक
लाडनूं. उप तहसील निम्बी जोधा की अवन्तिका बरवड़ ने आरएएस परीक्षा में सम्पूर्ण राजस्थान में 12वीं रैंक प्राप्त की है। प्रथम प्रयास में आरएएस अधिकारी बनने वाली अवन्तिका ने सफलता को श्रेय अपने गुरुजनों के साथ जैन विश्वभारती विश्वविद्यालय के अन्तर्गत संचालित आचार्य कालू कन्या महाविद्यालय के प्राचार्य प्रो. आनन्द प्रकाश त्रिपाठी को दिया है। अवन्तिका ने कहा कि त्रिपाठी ने नैतिकता के मूल्यों को मेरे जीवन में स्थापित कर मुझे सफलता के पथ पर अग्रसर किया। संस्थान में विशेषकर छात्राओं को शिक्षा के साथ संस्कार एवं भारतीय परिवेश की सीख दी जाती है, जो जीवन में बेहद कारगर रही है। बरवड़ अपने कोचिंग संस्थान की ओर से करवाई गई तैयारी एवं परिजनों के समर्थन के प्रति कृतज्ञता व्यक्त करते हुए अपने पिता लालाराम मेघवाल के मार्गदर्शन को सफलता का कारण मानती है। तीन बहनों में बड़ी अवन्तिका की सफलता से पूरे परिवार में खुशियां छाई हुई है। अवन्तिका जैन विश्वभारती विश्वविद्यालय से 2019 बीकॉम गोल्ड मेडलिस्ट रह चुकी है।

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