उद्घाटन सत्र में परिषद के प्रांतीय सह सत्संग प्रमुख पुखराज सांखला ने संगठन की स्थापना एवं संगठन के कार्य की रीति नीति के बारे में कार्यकर्ताओं को बताया। महंत सूरजनाथ महाराज ने कहा कि संपूर्ण विश्व को ज्ञान देने का कार्य भारत से ही प्रारंभ हुआ है तथा मानव सभ्यता का विकास भी भारत से ही हुआ है। महंत ने कहा कि केवल विचारधारा से काम नहीं होगा संगठन का कार्य धरातल पर करना होगा तभी हम स्वाभिमान के साथ खड़े रहेंगे । ज्ञान विज्ञान एवं आध्यात्मिक तथा सामाजिक क्षेत्रों में भारत को शक्तिशाली बनाने में सहयोग कर सकेंगे।
धर्म के बिना पतन निश्चित कार्यक्रम में प्रांतीय कार्यकारिणी सदस्य और जिले के पालक कार्यकर्ता महावीर प्रसाद ने भी कार्यक्रम को संबोधित किया। समापन में परिषद के कोषाध्यक्ष गणेश त्रिवेदी ने कहा कि जिस देश में धर्म नहीं है उस देश का पतन होना निश्चित है, धर्म प्रत्येक व्यक्ति का स्वाभिमान होता है इसलिए संगठन के माध्यम से धर्म का आचरण करते हुए हमें संगठित होना अति आवश्यक है। महावीरसिंह राजपुरोहित ने कहा कि हिंदू समाज और हमारी संस्कृति के खिलाफ आज देशभर में अनेक षड्यंत्र रचे जा रहे हैं। इनसे समाज को बचाना है इसलिए हिंदू समाज को जागृत रहना होगा। दुर्गा वाहिनी की विभाग संयोजिका माया सांखला ने भी विचार व्यक्त किए।
पद देकर सौंपी जिम्मेदारियां इस अवसर पर जिलाध्यक्ष रामेश्वर सारस्वत ने खींवसर प्रखंड अध्यक्ष जालाराम प्रजापत को बनाया। मातृशक्ति में प्रखंड की सह संयोजिका उषा को बनाया । इसी प्रकार खींवसर खंड में बजरंग दल के संयोजक का दायित्व श्यामलाल देवड़ा को तथा गौ सेवा प्रमुख पंकज तंवर को बनाया। इसी तरह पांचला खंड में अध्यक्ष विजय कुमार गौड़ तथा उपाध्यक्ष पुनाराम गर्ग को बनाया । इस अवसर पर परिषद के जिला मंत्री मेघराज राव, उपाध्यक्ष नंदकिशोर करवा, राधेश्याम टोगसिया, मठ मंदिर प्रमुख जुगल किशोर तिवारी, बालमुकुंद ओझा, रामचंद्र भादू, साहित्यकार माणकचंद गौड़, गणेश ढाका, इंदरचंद फिड़ौदा, रामनिवास झाड़वाल, अनिल खदाव, सुरेश प्रजापत, महिपाल, भारत विकास परिषद के रामकुमार दाधीच मौजूद रहे।