सुविधाओं को तरस रहे यात्री
बारिश के दिनों में यात्रियों की यह परेशानी ओर भी बढ जाती है। यात्रियों को टे्रन आने के समय कोच की पॉजीशन के अनुसार प्लेटफार्म पर जाना पड़ता है। बारिश के दिनों में टे्रन से उतरने वाले यात्री व उनका लगैज भी टीन शेड तक पहुंचते-पहुुंचते भीग जाता है। हर महीने करीब सवा करोड़ रूपए की मासिक आय देने वाले नागौर रेलवे स्टेशन से औसतन करीब 24 गाडिय़ां गुजरती है। करीब 600 मीटर लम्बे प्लेटफार्म पर रोजाना करीब 2700 यात्रियों का आना जाना रहता है। हर माह करीब 81 हजार यात्रियों से करीब सवा करोड़ रुपए आय होती है। इसके बावजूद यहां यात्री सुविधाओं का अभाव है।
लम्बे समय से कर रहे मांग
मुम्बई, बेंगलूरू, दिल्ली, कोलकाता, चेन्नई समेत कई बड़े शहरों के लिए नागौर से लम्बी दूरी की रेल सेवा उपलब्ध है। स्टेशन पर कई गाडिय़ों का ठहराव दो से तीन मिनट का होने के चलते यात्रियों को पहले से ही प्लेटफार्म पर जाना पड़ता है। प्लेटफार्म संख्या एक व दो पर टीन शेड का विस्तार किए जाने की मांग की जाती रही है। सूत्रों के अनुसार यात्री सुविधाओं का विस्तार के तहत टीन शेड की लम्बाई बढ़ाने का प्रस्ताव उच्चाधिकारियों को भिजवाया गया है, लेकिन अभी तक स्वीकृति नहीं मिली है।