यहां मन्दिर कमेटी प्रबंधक राठौड़, सीसीटीवी कार्यालय के प्रभारी जीतू सिंह शेखावत सहित अन्य कार्मिकों ने उनसे महिला को मंदिर में बेसहारा छोड़कर जाने का कारण पूछा। सभी कई तरह की बातें बताकर उन्हें गुमराह करते रहे। बाद में पुलिस पूछताछ में उन्होंने सच उगला। इस दौरान महिला की बेटी ने उसकी बहन का एक्सीडेंट होने और पारिवारिक काम का बहाना भी बनाया।
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भेजेंगे वृद्धाश्रम
पत्रिका में खबर प्रकाशित होने के बाद नागौर से हरिकेसर वृद्धाश्रम के सचिव ओमप्रकाश पारासरिया, कैलाश चौधरी व खेमाराम भौबिया भी संत चतुरदास महाराज मन्दिर पहुंचे और बुजुर्ग महिला, उसकी बेटी और दामाद से चर्चा की। बेटी ने मां को घर ले जाकर देखभाल करने की बात कही, वहीं दामाद ने उसकी मां, पत्नी और सास के बीच अनबन की जानकारी देते हुए सास मोनिका को वृद्धाश्रम छोड़ने पर सहमति जताई। पारासरिया ने बताया कि बुजुर्ग महिला को अजमेर स्थित वृदाश्रम में रखवाने का प्रयास करेंगे, ताकि उनकी दोनों बेटियां भी समय-समय पर उसकी देखभाल कर सकें। यह भी पढ़ें