नागौर

सीवरेज का पानी ट्रीट करने की व्यवस्था चरमराई, ट्रीटमेंट प्लांट पर नहीं किया जाता पूरा पानी लिट

Dec 06, 2024 / 06:24 pm

चंद्रशेखर वर्मा

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नागौर. शहर से निकलने वाले सीवरेज के पानी को ट्रीट करने की व्यवस्था पिछले दो साल चरमराई हुई है। ट्रीटमेंट प्लांट पर ठेकेदार न तो पूरा पानी लिट करा रहा है और न ही ट्रीट करता। ऐसे में सीवरेज का ज्यादातर पानी पॉलिटेक्निक कॉलेज के सामने बने दो-तीन चैबर से लगातार बहता रहता है।
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हालात यह है कि सीवरेज का दूषित पानी बहकर आसपास खाली पड़ी करीब 500 बीघा सरकारी व निजी जमीन में जमा हो चुका है। सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट संचालित करने वाले ठेकेदार की लापरवाही के कारण रोजाना बहने वाला लाखों लीटर दूषित पानी आबकारी थाना परिसर में भर गया है। साथ ही यहां संचालित आवासीय अल्पसंयक विद्यालय, बाल गृह व किशोर संप्रेषण गृह में रहने वाले बच्चों के लिए भी मुसीबत बना हुआ है। यही नहीं पॉलिटेक्निक कॉलेज के विद्यार्थियों व डॉ. भीमराव अबेडकर आवासीय कॉलोनी में रहने वाले 400 से अधिक परिवारों के लिए भी बीमारी का कारण बनेन लगा है। खुले स्थान पर पानी भरा रहने से मच्छर पनप रहे हैं।
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बन गया बबूल का जंगलपॉलिटेक्निक कॉलेज के सामने लगातार गंदा पानी बहने से यहां बबूल की झाड़ियों का जंगल बन गया है। यहां श्वानों के साथ सूअर सहित अन्य जानवर भी बढ़ने लगे हैं। इनसे हर वक्त अनहोनी की आशंका रहती है। गौरतलब है कि पिछले दो साल से ट्रीटमेंट प्लांट का संचालन सुचारू नहीं होने से सीवरेज पाइपलाइन के चैबर से दूषित पानी ओवरलो होकर खुले में फैल जाता हैं। इससे बदबू फैलने के साथ मच्छर पनपते हैं, कॉलोनीवासियों ने कई बार जिमेदार अधिकारियों को अवगत कराया, लेकिन स्थाई समाधान नहीं किया गया।


जानबूझकर नहीं चलाता मोटर
सीवरेज के चैबर से पानी ओवरलो होने पर जब भी अधिकारी निरीक्षण करते हैं तो एसटीपी के ठेकेदार की ओर एक ही बात कही जाती है कि बिजली नहीं होने के कारण मोटर बंद रहती है, जबकि हकीकत कुछ और है। सूत्रों के अनुसार ठेकेदार जानबूझकर मोटर नहीं चलाता है।
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