नागौर

प्रत्याशियों की संख्या नहीं बढ़ा सकी मतदान प्रतिशत

वर्ष 1991 के चुनाव में सबसे अधिक 16 जनों ने लड़ा था नागौर से चुनाव, फिर भी मतदान प्रतिशत 54.72 रहा- नागौर लोकसभा सीट पर इस बार 9 प्रत्याशी मैदान में

नागौरApr 13, 2024 / 11:39 am

shyam choudhary

Lok Sabha Elections 2024

नागौर. विधानसभा चुनाव में अक्सर प्रत्याशियों की संख्या अधिक होने पर मतदान का प्रतिशत भी अधिक देखने को मिलता है, लेकिन नागौर लोकसभा सीट पर आजादी के बाद अब तक हुए चुनावों में ऐसा नहीं हुआ। नागौर लोकसभा क्षेत्र के मतदाताओं को न तो चुनाव आयोग समझ पाया है और न ही चुनाव लडऩे वाले प्रत्याशी। वर्ष 1971 के लोकसभा चुनाव में जहां अब तक का सबसे अधिक मतदान प्रतिशत रहा, वहीं वर्ष 2009 में मतदाताओं ने सबसे कम वोट डाले। जबकि 1971 के चुनाव में 7 प्रत्याशी मैदान में थे और मतदाताओं में भी इतनी जागरुकता नहीं थी, वहीं दूसरी ओर वर्ष 2009 के चुनाव में 8 प्रत्याशी मैदान में थे और साक्षरता के साथ लोगों में जागरुकता भी काफी आई थी।
इस प्रकार प्रदेश में होने वाले लोकसभा चुनाव के प्रथम चरण में नागौर लोकसभा निर्वाचन क्षेत्र में मतदान होगा। इस बार चुनाव मैदान में कुल 9 प्रत्याशी ताल ठोक रहे हैं। नागौर लोकसभा सीट के लिए मतदान 19 अप्रेल को होगा। इसके लिए अंतिम मतदाता सूची जारी की जा चुकी है। नागौर संसदीय क्षेत्र में इस बार कुल 21 लाख 46 हजार 725 मतदाता अपने मताधिकार का प्रयोग करेंगे। इसके लिए नागौर जिले में कुल 2551 बूथ स्थापित किए गए हैं, जिनमें 41 सहायक बूथ बनाए गए हैं। हमेशा की तरह इस बार भी चुनाव में मतदान प्रतिशत बढ़ाने के लिए जागरुकता अभियान चलाया जा रहा है। खास उन क्षेत्रों में विशेष फोकस किया जा रहा है, जहां पिछले लोकसभा चुनाव में 50 प्रतिशत से कम मतदान हुआ। हालांकि पिछली बार नागौर लोकसभा में 62.19 प्रतिशत मतदान हुआ था, जो 2014 के चुनाव से लगभग तीन प्रतिशत अधिक था। नागौर लोकसभा चुनाव के इतिहास में सबसे अधिक 66.98 प्रतिशत मतदान 1971 के चुनाव में हुआ था। इस बार भी मतदान प्रतिशत पिछली बार की तुलना में अधिक होने की संभावना जताई जा रही है, इसके पीछे मुख्य कारण यह माना जा रहा है कि रामनवमी शोभायात्रा को लेकर घर-घर दिए जा रहे आमंत्रण के साथ ही मतदाताओं से शत-प्रतिशत मतदान की अपील भी की जा रही है।

खींवसर विधानसभा में सबसे अधिक मतदाता
नागौर लोकसभा क्षेत्र में आने वाली लाडनूं विधानसभा में 2 लाख 68 हजार 681, डीडवाना में 2 लाख 66 हजार 159, जायल में 2 लाख 63 हजार 525, नागौर में 2 लाख 73 हजार 3, खींवसर में 2 लाख 84 हजार 74, मकराना में 2 लाख 71 हजार 425, परबतसर में 2 लाख 50 हजार 240 तथा नावां में 2 लाख 69 हजार 618 मतदाता शामिल हैं।

आंकड़ों से जानिए, नागौर लोकसभा का इतिहास
वर्ष – प्रत्याशी – मतदान प्रतिशत
1971 – 7 – 66.98 प्रतिशत
1977 – 3 – 58.65 प्रतिशत
1984 – 11 – 65.93 प्रतिशत
1989 – 10 – 61.06 प्रतिशत
1991 – 16 – 54.72 प्रतिशत
1996 – 14 – 48.57 प्रतिशत
2009- 8 – 41.22 प्रतिशत
2014 – 13 – 59.90 प्रतिशत
2019 – 13 – 62.19 प्रतिशत

2009 में हुआ था सबसे कम मतदान
वर्ष 2009 के चुनाव में नागौर के इतिहास में सबसे कम मतदान हुआ। हालांकि मैदान में 8 प्रत्याशी थे, इसके बावजूद नागौर प्रदेश में मतदान प्रतिशत में 21वें स्थान पर रहा था। राजसमंद, भरतपुर, जालोर व करौली-धौलपुर लोकसभा क्षेत्र में ही नागौर से कम मतदान हुआ। दूसरी तरफ 1977 के चुनाव में नागौर लोकसभा से 3 प्रत्याशी मैदान में थे, लेकिन मतदान का प्रतिशत 58.65 रहा। वर्ष 1991 के चुनाव में 16 उम्मीदवार मैदान में थे, लेकिन मतदान 54.72 प्रतिशत ही रहा। इसी प्रकार 1996 में 14 प्रत्याशी चुनाव मैदान में होने के बावजूद मतदान प्रतिशत 48.57 रहा।

चला रहे जागरुकता अभियान
नागौर लोकसभा क्षेत्र में मतदाता प्रतिशत बढ़ाने के लिए जागरुकता अभियान के तहत विभिन्न गतिविधियों का आयोजन किया जा रहा है, ?इसमें रैलियां, नुक्कड़ नाटक, शपथ ग्रहण आदि शामिल हैं। अब सतरंगी अभियान शुरू किया है, जिसके तहत मतदाताओं को जागरूक किया जाएगा।
– मनीष पारीक, जिला समन्वयक, स्वीप कार्यक्रम, नागौर

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