जनआंदोलन गौरतलब है कि 16 जनवरी को आरओबी का कार्य चलने के कारण 84 दिन के लिए रेलवे फाटक बंद किया गया था। लेकिन ठेकेदार की लापरवाही व लेटलतीफी के चलते काम आठ माह बाद भी पूरा नहीं हो सका। ऐसे में परेशान शहरवासियों ने 15 दिन पहले शहर ऑल संगठन समाज संयुक्त संघर्ष समिति बनाकर रूपसिंह पंवार को संयोजक बनाया था।
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नागौर. शहर के बीकानेर रोड रेलवे फाटक (सी-61) को करीब पन्द्रह दिन चले आंदोलन के बाद आखिरकार मंगलवार को खोलना पड़ा। फाटक खुलने के बाद समूचे शहर ने राहत की सांस ली।
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पार्षद गोविंद कड़वा ने कहा कि शहर के लोगों को अपनी मांगों के लिए जागरूक होकर आगे आना चाहिए। यह संघर्ष का ही परिणाम रहा कि रेलवे बंद फाटक को फिर से खोलने को तैयार हुआ।
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रात को साढ़े 9 बजे से फाटक खोलने को लेकर पूर्व में प्रस्तावित तेजाजी का जागरण किया गया। रात भर तेजाजी व अन्य देवी-देताओं के भजन हुए। सुबह सुंदरकांड व आरती होगी। बुधवार को पैदल खरनाल जाने का भी कार्यक्रम है।
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बीकानेर रोड रेलवे फाटक
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संघर्ष समिति ने 17 सितम्बर को पशु प्रदर्शनी स्थल में रैली का आयोजन कर जिला कलक्टर को ज्ञापन सौंपा, जिसमें आरओबी का निर्माण कार्य समय पर पूरा करवाने व फाटक खोलने की मांग की गई।
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इसके बावजूद फाटक नहीं खुलने पर पंवार ने 24 सितम्बर को तेजाजी का जागरण देने व 25 सितम्बर को रेल रोको आंदोलन करने की चेतावनी दी।
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उसके बाद अधिकारी हरकत में आए और रातों-रात कमी पूर्ति करके मंगलवार को दोपहर में फाटक खुलवा दिया।
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जनआंदोलन
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एनएच के अधिकारियों ने फाटक के दोनों तरफ सीमेंट के स्पीड ब्रेकर बनाए हैं, जो निर्धारित मापदंड के विपरीत है। स्पीड ब्रेकर ढलाननुमा होने की बजाए खड़ी ऊंचाई वाले हैं, जो वाहनों के इंजन से टच हो रहे हैं। मंगलवार को जैसे ही वाहन निकलने लगे, कई बाइक चालक गिर गए। वहीं ऑटो बीच में फंस गए। शहरवासियों ने सीमेंटेट स्पीड ब्रेकर के पास में डामर से ढलान बनाने की मांग की है।
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सुबह हुई बैठकफाटक खोलने से पहले एसडीएम लाखाराम की अध्यक्षता में उपखंड अधिकारी कार्यालय में पुलिस एवं प्रशासन के अधिकारियों की मौजूदगी में संघर्ष समिति की बैठक बुलाई गई। बैठक में समिति के संयोजक से समझाइश की गई कि फाटक खुलने में एक-दो दिन लग सकते हैं, इसलिए पटरियों पर धरना नहीं दें, लेकिन वे अड़े रहे। उधर, प्रशासनिक अधिकारियों ने रेलवे के अधिकारियों से समन्वय बनाते हुए मंगलवार को ही फाटक खोलने का निर्णय ले लिया।
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संघर्ष के आगे झुकी सरकार, खोलना पड़ा बीकानेर रोड रेलवे फाटक
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मौके पर मौजूद दुकानदारों व ऑटो चालकों ने शहर ऑल संगठन समाज संयुक्त संघर्ष समिति के संयोजक रूपसिंह पंवार व पार्षद गोविन्द कड़वा को कंधों पर उठाकर संघर्ष की जीत का जश्न मनाया और एक-दूसरे को मिठाई खिलाकर बधाई दी।
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संयोजक पंवार ने इस मौके पर मौजूद एसडीएम लाखाराम, डीएसपी रामप्रताप विश्नोई, एनएच के एक्सईएन दीपक परिहार आदि का भी मुंह मीठा करवाकर आभार जताया।
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नागौर. फाटक खोलने के बाद रूपसिंह व गोविंद कड़वा को कंधों पर उठाकर जश्न मनाते शहरवासी।
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शहर के बीकानेर रेलवे फाटक को खोलने की मांग पिछले काफी दिनों से जारी थी। गत 17 सितबर को ज्ञापन देने के बावजूद फाटक नहीं खुला तो संघर्ष समिति के संयोजक रूपसिंह पंवार ने 24 सितबर को तेजाजी से अरदास लगाने के लिए जागरण कराने का प्रस्ताव रखा, जिसे सभी ने स्वीकृति दी। हालांकि मंगलवार दोपहर में प्रशासन ने फाटक खुलवा दी, लेकिन समिति ने पूर्व निर्धारित कार्यक्रम के तहत रात को जागरण किया। इसमें गायक कलाकारों ने तेजाजी के भजन प्रस्तुत किए। इस मौके पर खरनाल निवासी मेहराम धौलिया ने तेजा गायन किया। जागरण में बड़ी संया में शहरवासी पहुंचे। समिति के संयोजक पंवार ने बताया कि बुधवार सुबह 10 बजे तेजाजी के दर्शन करने के लिए नागौर से डीजे के साथ पैदल खरनाल जाएंगे और वहां प्रसाद चढ़ाएंगे।
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फाटक खोलने के बाद रात को हुआ तेजाजी का जागरण
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नागौर. तेजागायन करते मेहराम धौलिया व मंच पर मौजूद कलाकार।
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नागौर. जागरण में मौजूद शहरवासी।
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आरओबी निर्माण कार्य पूरा करवाने को लेकर राजस्थान पत्रिका सिलसिलेवार समाचार प्रकाशित कर जिम्मेदारों का ध्यान आकृष्ट कर रहा है। पिछले 15 दिन से शहरवासियों की ओर से फाटक को खुलवाने व आरओबी निर्माण कार्य पूरा करने को लेकर किए जा रहे आंदोलन को पत्रिका ने प्रमुखता से प्रकाशित किया। साथ ही निर्माण कार्य में बरती जा रही लापरवाही को भी उजागर किया। मंगलवार को फाटक खुलने पर पार्षद गोविन्द कड़वा व समिति के संयोजक रूपसिंह पंवार सहित शहरवासियों ने राजस्थान पत्रिका को धन्यवाद दिया।
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बिना मापदंड बना दिए स्पीड ब्रेकर, पहले ही दिन गिरे बाइक चालक‘पत्रिका’ बना शहरवासियों की आवाज
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आरओबी का निर्माण कार्य पूरा करवाने के लिए दो बार ठेके देने के बावजूद सात साल में काम पूरा नहीं हो पाया है। इस कारण शहरवासियों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। दूसरे ठेकेदार ने ओवरब्रिज का तय समय पर निर्माण पूरा करने की बजाए काम अधूरा छोड़ दिया है। फाटक खुल गया है, यहां से दुपहिया और छोटे चार पहिया वाहन ही निकल सकेंगे, क्योंकि आरओबी के पिलर बनने से रास्ता काफी संकरा हो गया है। स्थाई समाधान आरओबी बनने के बाद हो पाएगा। साथ ही नागौर और बीकानेर के बीच ट्रेनों का आवागमन अधिक होने से दर्जनों बार फाटक को बंद करना पड़ेगा। कई बार क्रॉसिंग होने पर आधे-आधे घंटे तक फाटक बंद रहेगी, जबकि अब जेएलएन अस्पताल बीकानेर रोड पर है तो एमसीएच विंग पुराना अस्पताल भवन में संचालित हो रही है, ऐसे में मरीजों को लाने-ले जाने में जो परेशानी आ रही है, वो आरओबी बनने के बाद ही खत्म होगी। नागौर. शहर के बीकानेर रोड रेलवे फाटक (सी-61) को करीब पन्द्रह दिन चले आंदोलन के बाद आखिरकार मंगलवार को खोलना पड़ा। फाटक खुलने के बाद समूचे शहर ने राहत की सांस ली। मौके पर मौजूद दुकानदारों व ऑटो चालकों ने शहर ऑल संगठन समाज संयुक्त संघर्ष समिति के संयोजक रूपसिंह पंवार व पार्षद गोविन्द कड़वा को कंधों पर उठाकर संघर्ष की जीत का जश्न मनाया और एक-दूसरे को मिठाई खिलाकर बधाई दी। संयोजक पंवार ने इस मौके पर मौजूद एसडीएम लाखाराम, डीएसपी रामप्रताप विश्नोई, एनएच के एक्सईएन दीपक परिहार आदि का भी मुंह मीठा करवाकर आभार जताया। पार्षद गोविंद कड़वा ने कहा कि शहर के लोगों को अपनी मांगों के लिए जागरूक होकर आगे आना चाहिए। यह संघर्ष का ही परिणाम रहा कि रेलवे बंद फाटक को फिर से खोलने को तैयार हुआ। रात को साढ़े 9 बजे से फाटक खोलने को लेकर पूर्व में प्रस्तावित तेजाजी का जागरण किया गया। रात भर तेजाजी व अन्य देवी-देताओं के भजन हुए। सुबह सुंदरकांड व आरती होगी। बुधवार को पैदल खरनाल जाने का भी कार्यक्रम है। गौरतलब है कि 16 जनवरी को आरओबी का कार्य चलने के कारण 84 दिन के लिए रेलवे फाटक बंद किया गया था। लेकिन ठेकेदार की लापरवाही व लेटलतीफी के चलते काम आठ माह बाद भी पूरा नहीं हो सका। ऐसे में परेशान शहरवासियों ने 15 दिन पहले शहर ऑल संगठन समाज संयुक्त संघर्ष समिति बनाकर रूपसिंह पंवार को संयोजक बनाया था। संघर्ष समिति ने 17 सितम्बर को पशु प्रदर्शनी स्थल में रैली का आयोजन कर जिला कलक्टर को ज्ञापन सौंपा, जिसमें आरओबी का निर्माण कार्य समय पर पूरा करवाने व फाटक खोलने की मांग की गई। इसके बावजूद फाटक नहीं खुलने पर पंवार ने 24 सितम्बर को तेजाजी का जागरण देने व 25 सितम्बर को रेल रोको आंदोलन करने की चेतावनी दी। उसके बाद अधिकारी हरकत में आए और रातों-रात कमी पूर्ति करके मंगलवार को दोपहर में फाटक खुलवा दिया।