नागौर. इससे बड़ी बदनसीबी और क्या होगी कि जन्म लेते ही उसे लावारिस की तरह पालना गृह में फेंक दिया गया। खुशी से कोसों दूर हुई उसकी पैदाइश, किसी को खबर तक नहीं लगने दी गई कि उनके घर बेटा पैदा हुआ है। आस-पड़ोस की छोडि़ए घर वाले खुद ही इस बात को छिपाने और दबाने में लगे थे। यह अभागा नवजात मां के होते ही किसी दूसरी मां के गोद चला जाएगा, ऐसा लगभग तय है। जन्म होते ही कथित पिता के खिलाफ मामला दर्ज हो और उसे जेल भेज दिया जाए या फिर पैदा होते ही उसका डीएनए टेस्ट इसलिए किया गया कि उसका पिता कौन है?
सूत्रों ने बताया कि सोमवार को नवजात को बाल कल्याण समिति (सीडब्लूसी) के सुपुर्द कर दिया गया। अब इसका लालन-पोषण शिशु गृह में होगा। जल्द ही किसी ने दावा नहीं किया तो यह किसी को सौंप दिया जाएगा। यह नवजात पिछले दस दिन से पुराना अस्पताल स्थित एसएनसीयू वार्ड में भर्ती था। वार्ड के नर्सिंग प्रभारी मोहम्मद शकील ने सीडब्लूसी अध्यक्ष डॉ मनोज सोनी को नवजात सुपुर्द किया। नवजात का डीएनए टेस्ट हो गया है। रिपोर्ट अनुसंधान अधिकारी को सौंप दी है। यह पहला ऐसा मामला है जिसमें मां के साथ पिता की भी पहचान हो गई पर नवजात अनाथ की तरह शिशु गृह में पाला जाएगा। गौरतलब है कि नवजात को जन्म देने वाली नाबालिग मां के परिजनों ने कथित पिता के खिलाफ देह शोषण व बलात्कार का मामला दर्ज कराया है। आरोपी पीडि़ता का रिश्तेदार है। अदालत ने उसे जेल भेज दिया है।
इधर, नवजात सीडब्लूसी के समक्ष पहुंचने के बाद मामला और पेचीदा हो गया। नवजात का डीएनए टेस्ट मिलान हो चुका है। अब इस नवजात पर उसके परिजन कोई दावा करेंगे या नहीं, दो महीने में ऐसा नहीं होने पर नवजात कानूनी प्रक्रिया के तहत चयनित दम्पती को गोद दे दिया जाएगा।यह है मामलाकरीब दस दिन पहले तड़के चार बजे पुराना अस्पताल स्थित पालना गृह में अज्ञात नवजात मिला। चिकित्सकों उसे एमसीएच विंग के एसएनसीयू वार्ड में भर्ती कर कोतवाली थाना पुलिस को सूचना दी। नागौर सीओ रामप्रताप विश्नोई की अगुवाई में हुई जांच में नाबालिग मां के बारे में पता चला। बाद में एक आरोपी के खिलाफ उसके साथ दुष्कर्म करने का मामला दर्ज कर उसे गिरफ्तार किया ।
इनका कहना करीब दो माह तक दावा/आपत्ति का इंतजार किया जाएगा। उसके बाद दत्तक गृहण के लिए उसे विधि मुक्त कर गोद दिया जाएगा। डीएनए की क्या रिपोर्ट रही, यह अनुसंधान अधिकारी के पास है। पुलिस मामला दर्ज होने सहित अन्य पहलुओं की जांच करेगी।
डॉ मनोज सोनी, अध्यक्ष बाल कल्याण समिति नागौर