पकड़ में नहीं आते बदमाश
सुरक्षा के इंतजाम में तो करीब साठ फीसदी एटीएम पूरी तरह फेल हैं। तय नियम पूरे करने वाले एटीएम तो बमुश्किल दस फीसदी भी नहीं हैं। डीडवाना में तकरीबन चार साल पहले तीन बदमाशों ने पंजाब नेशनल बैंक के एटीएम को तोडऩे का प्रयास किया था, आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया गया लेकिन उसके बाद ऐसी वारदात कई बार हो गई। बुधवार रात को जोधियासी में जिस तरह से बदमाशों ने बोलेरो जीप के सांखळ बांधकर एसबीआई बैंक के एटीएम को उखाड़ा, ठीक इसी प्रकार 11 महीने पहले जोधियासी में ही बदमाशों ने सीबीआई बैंक के एटीएम को उखाड़ा था। उस समय एटीएम में 10.39 लाख रुपए रखे थे। पुलिस आज तक बदमाशों का सुराग नहीं लगा पाई। करीब तीन साल पूर्व जायल तहसील के एक बैंक में शातिर घुसा पर सफल नहीं हो पाया। बताया जाता है कि कोरोना के बाद से शातिर ठगों के निशाने पर बैंक एटीएम प्राथमिकता पर है, इसे लेकर एटीएम सुरक्षा के लिहाज से खरे नहीं उतर रहे।
सीसी टीवी व अलार्म के साथ गार्ड लगाना जरूरी
सूत्रों की मानें तो एटीएम में अलार्म के साथ सीसीटीवी कैमरा ही नहीं गार्ड भी लगाना जरूरी है। बावजूद इसके इस लिहाज से भी तीस फीसदी एटीएम तो आउट डेटेड हो चुके हैं। एसबीआई के एटीएम तो ई-सर्विलांस पर हैं। साठ फीसदी में गार्ड की व्यवस्था नहीं है और जहां गार्ड हैं भी, वहां अधिकांश बिना हथियार के। यही नहीं जिनके पास हथियार हैं भी, उनकी हालत क्या है, इस पर कभी गौर ही नहीं फरमाया गया। अलॉर्म के लिहाज से तो अधिकांश एटीएम ठीकठाक हैं, पर सीसीटीवी में भी ये मात खा रहे हैं। कई एटीएम के कैमरे आए दिन खराब रहते हैं तो कई में फोटो ही स्पष्ट नहीं है। जायल के तरनाऊ में हुई बैंक की वारदात में भी आरोपी इसीलिए पकड़ में नहीं आए कि उसकी तस्वीर ही साफ नहीं थी। यही नहीं संबंधित बैंक प्रबंधक भी इन एटीएम का हाल नहीं देख रहे।
इसलिए गंभीर नहीं हैं अफसर
एटीएम के संचालन और मेंटिनेंस के लिए एजेंसियों का चयन सीधे बैंकों के मुख्यालय से होता है। इसलिए एटीएम पर तैनात सुरक्षा गार्डों का सत्यापन होता है कि नहीं, वह ड्यूटी पर रहते हैं कि नहीं, इसको लेकर स्थानीय अधिकारी गंभीर नहीं रहते। कुछ अफसर कहते हैं कि एटीएम में सीसीटीवी कैमरे, पैनिक बटन लगे होते हैं। इससे उसमें छेड़छाड़ होने पर सीधे मुख्यालय से अलर्ट का मैसेज आ जाता है।
पुलिस टीमें कर रही तलाश
जोधियासी में हुई एटीएम लूट की घटना की जानकारी मिलने के बाद नागौर एएसपी सुमित कुमार के नेतृत्व में पुलिस की टीमें बदमाशों को गिरफ्तार करने के प्रयास कर रही हैं। श्रीबालाजी थानाधिकारी अमरचंद ने बताया कि एटीएम से 24 लाख 26 हजार रुपए थे, जिसको लेकर हिटाची प्रा. लिमिटेड कम्पनी के अधिवक्ता विकास सोनी पुत्र कन्हैयालाल सोनी ने श्रीबालाजी थाने में मामला दर्ज कराया है। थानाधिकारी ने बताया कि बदमाश एटीएम लूटने के बाद लालगढ़ की तरफ भागे थे, इसलिए रास्ते में लगे सभी सीसी टीवी फुटेज देख रहे हैं। बदमाशों को पकडऩे के लिए साइबर सेल प्रभारी उम्मेदसिंह के साथ खींववसर व सुरपालिया थानाधिकारी व डीएसटी की टीम भी लगी हुई है।