नागौर

सौ-दो सौ रुपए में बसों से गांजा भेजो या बारूद, नहीं होती है कोई जांच, ताक पर यात्रियों की सुरक्षा

सवारियों की आड़ में अफीम, डोडा, नकली मावा, सिगरेट सहित अन्य मादक पदार्थों का अवैध परिवहन, नागौर सहित प्रदेश की पुलिस कई बार पकड़ चुकी है निजी बसों में मादक पदार्थों की तस्करी, पैक होकर जाने वाले कर्टन में क्या भरा रहता है माल, किसी को जानकारी नहीं, न ही होती है जांच

नागौरOct 17, 2024 / 11:27 am

shyam choudhary

नागौर. निजी यात्री बसों में गांजा भेजो या गैर कानूनी सामान, चालक-परिवालक को इससे कोई मतलब नहीं है। उन्हें केवल सामान परिवहन करने के बदले मिलने वाले धन से है। पैसे दो और कुछ भी सामान लोड कर दो, गंतव्य तक यह सामान आसानी से पहुंच जाता है। अभी तक जीपों व कारों में भरकर मादक पदार्थों की तस्करी का चलन अब पुराना होने के साथ रिस्की भी हो गया है, ऐसे में तस्कर अब निजी बसों को तस्करी का सुरक्षित माध्यम मान रहे हैं। पिछले सालों में हुई से यह अंदाजा लगाया जा सकता है कि निजी बसों में मादक पदार्थों की तस्करी बड़े स्तर पर होने लगी है।
यात्री परिवहन का अच्छा व सुलभ साधन निजी ट्रेवल्स की स्लीपर बसें सवारियों की आड़ में मादक पदार्थों की तस्करी एवं टेक्स चोरी का माल परिवहन करने का जरिया बनती जा रही हैं। दक्षिणी राजस्थान से आने वाली स्लीपर बसों में जहां सामान के बीच दबाकर डोडा-पोस्त, अफीम, अफीम का दूध, चांदी सहित अन्य अवैध माल का परिवहन किया जा रहा है, वहीं नागौर से दिल्ली व अहमदाबाद सहित देश के अन्य शहरों में जाने वाली बसों में कृषि जिंसों के साथ हैण्डटूल्स अवैध रूप से भेजा जा रहा है। अब तो स्थिति यह है कि लोग ट्रांसपोर्ट का महंगा भाड़ा बचाने के साथ टेक्स चोरी का माल भी स्लीपर बसों से परिवहन करने लगे हैं।
ये प्रकरण दे रहे गवाही

केस -1

10 अक्टूबर 2024 को उत्तराखंड राज्य की दून थाना पुलिस ने निजी बस के चालक व परिचालक को पांच लाख रुपए की 2.580 किलोग्राम चरस के साथ गिरफ्तार किया। निजी बस के चालक-परिचालक सवारियों की आड़ में मादक पदार्थों की तस्करी कर रहे थे, इसके लिए उन्होंने सीट के नीचे चरस छिपाने के लिए स्पेशल केबिन बना रखा था।
केस-2

13 मार्च 2022 को जयपुर क्राइम ब्रांच (सीआईडी) की टीम ने रात में अवैध मादक पदार्थ तस्करी में एक बदमाश को गिरफ्तार किया, जिसके कब्जे से 20 ग्राम एमडी और 1.2 किलो गांजा बरामद किया गया। पुलिस पूछताछ में पता चला कि झालरापाटन निवासी आरोपी हंसराज भील अवैध मादक पदार्थ झालावाड़ से निजी बस में सवार होकर जयपुर लाया था।
केस -3

4 अप्रैल 2019 – पाली जिले के सांडेराव थाना पुलिस ने 4 अप्रेल को तडक़े 3 बजे कोटा से बाड़मेर जा रही निजी ट्रेवल्स बस की तलाशी में बस चालक, परिचालक व एक यात्री के कब्जे से अफीम का दूध व डोडा-पोस्त बरामद किया। मादक पदार्थों की तस्करी के आरोप में गिरफ्तार तीनों आरोपियों से पुलिस पूछताछ में यह सामने आया कि तीनों लम्बे समय से तस्करी कर रहे थे।
केस -4

30 मार्च 2019 – एटीएस-एसओजी की टीम ने पाली जिला पुलिस के सहयोग से रात्रि में उदयपुर से जोधपुर व अहमदाबाद से जोधपुर आने वाली प्राइवेट ट्रेवल्स की बसों की तलाशी ली गई, जिनमें 85 किलो चांदी, 9 किलो अफीम का दूध व 30 लाख रुपए मिले।
केस -5

10 जुलाई 2015 – नागौर कोतवाली पुलिस देर रात निजी बस से डोडा पोस्त व अफीम की तस्करी करते तीनों आरोपियों को गिरफ्तार किया था। आरोपियों से आधा किलो अफीम, 8-9 किलो डोडा-पोस्त जब्त किया था। आरोपियों ने बस में फर्जी नाम से टिकट बुक करवाए थे। पुलिस ने मुखबिर की सूचना पर जोधपुर रोड पर कुरजां होटल के पास नाकाबंदी कर बस में भरे सामान को चेक किया तो अफीम व डोडा बरामद हुआ था।
केस-6

26 मई 2018 – जोधपुर पुलिस ने लखनऊ से जोधपुर आ रही एक निजी ट्रेवल्स की स्लीपर बस से तीन थैलों में भरा 24 किलो डोडा-पोस्त बरामद किया। जिस बस से यह डोडा लाया जा रहा था। उस बस का चालक, परिचाक सहित डोडा-पोस्त के तस्कर को पुलिस ने गिरफ्तार किया था।
इसलिए करते हैं पब्लिक ट्रांसपोर्ट का उपयोग

पुलिस अधिकारियों का कहना है कि तस्कर हमेशा तस्करी के लिए तरीके बदलते रहते हैं। ट्रक या कार से तस्करी करने में पकड़े जाने की संभावना ज्यादा रहती है, लेकिन पब्लिक ट्रांसपोर्ट के वाहनों में तस्करी करने पर पकड़े जाने की आशंका नहीं के बराबर रहती है। आम तौर पर पुलिस या दूसरे विभाग सवारी बसों की जांच कम करते हैं, या करते हैं तो माल भले ही पकड़ा जाए, लेकिन तस्कर पकड़ में नहीं आते।
सवारियों को उठानी पड़ती है परेशानी

मादक पदार्थों की तस्करी हो या टेक्स चोरी का माल, जब भी पुलिस, परिहवन विभाग या वाणिज्य कर विभाग के अधिकारी कार्रवाई करते हैं तो बस को जब्त करना पड़ता है या माल की जांच के लिए काफी देर तक बस को रोकना पड़ता है। ऐसे में बस में सवार यात्रियों को बड़ी परेशानी का सामना करना पड़ता है, जबकि तस्करी में उनका कोई दोष नहीं होता। विशेष बात यह है कि यात्रा के बदले यात्री किराया भी अच्छा-खास चुकाते हैं।
लगेज बॉक्स और यात्रियों की सीट के पास रखते है सामान

पत्रिका ने शहर से जाने वाली बसों के चालक व परिचालकों से सामान के पार्सल ले जाने को लेकर बात की। बस चालक व परिचालक कुछ पैसों के लालच में बिना जांच कराए पार्सल ले जाने के लिए तैयार हो गए। पत्रिका संवाददाता ने सामान पहुंचाने की गारंटी पूछी तो कंडेक्टर ने रोज का काम होने की बात कहते हुए अपना नंबर दिया और सामान रिसीव करने वाले शख्स को उस नंबर देकर बात करने के लिए कहा।
रिपोर्ट मांगी है

निजी बसों में परिवहन किए जा रहे सामान को लेकर संबंधित अधिकारियों से रिपोर्ट मांगी है। रिपोर्ट मिलने के बाद आगे की कार्रवाई की जाएगी।

– अरुण कुमार पुरोहित, जिला कलक्टर, नागौर
कार्रवाई करेंगे

यदि निजी बसों में टेक्स चोरी करके माल का परिवहन किया जा रहा है तो निश्चित तौर पर कार्रवाई की जाएगी।

– रजनीकांत कस्वां, उप आयुक्त, जीएसटी, अजमेर

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