नागौर. विधानसभा चुनाव 2023 में हुए खींवसर सीट की मतगणना के 20 राउंड में भाजपा प्रत्याशी रेवंतराम डांगा शुरू के मात्र दो ही राउंड में आगे थे, इसके बाद आरएलपी लगातार 18 राउंड में आगे रही। लीड का अंतर कम-ज्यादा जरूर हुआ, लेकिन दूसरे राउंड के बाद भाजपा आगे नहीं निकल पाई, जबकि इस बार भाजपा मात्र दो राउंड में पीछे आई, शेष सभी 18 राउंड में भाजपा आगे रही। केवल आठवें व नवें राउंड में आरएलपी प्रत्याशी को मामूली लीड मिली। इस बार भाजपा ने शुरू में इतनी लीड बनाई कि सातवें राउंड तक वो टूट नहीं पाई। हालांकि समर्थकों और प्रत्याशियों की धड़कनें हर राउंड पर ऊपर-नीचे होती रही। मतगणना पूरी होने के बाद भाजपा प्रत्याशी रेवंतराम डांगा को विजयी घोषित किया गया तथा प्रमाण पत्र सौंपा।
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9 प्रत्याशियों पर भारी पड़ा नोटा नोटा को एक प्रतिशत यानी 2155 वोट मिले, जबकि शेष 9 प्रत्याशियों में कोई भी 1500 का आंकड़ा भी नहीं छू पाया। नोटा को कुल 2155 वोट मिले। शेष 9 प्रत्याशियों में किशनाराम को 1155, भीमरत्न को 1112, ओमप्रकाश सेन को 239, जगदीश को 210, जेठाराम को 235, नेमीचंद को 340, राकेश को 628, राजकुमार जाट को 1264, राम बाबू को 854 वोट मिले। इस प्रकार मतगणना में 2,16,549 में 452 वोट डाक मतपत्र सहित कुल 2,17,001 मतों में से भाजपा को 13,901 वोट से जीत मिली।
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विधानसभा चुनाव 2023 के करीब एक साल बाद हुए उप चुनाव में काफी कुछ बदल गया। हालांकि करीब ढाई फीसदी मतदान प्रतिशत बढ़ा, लेकिन आरएलपी व भाजपा का वोट प्रतिशत इससे कहीं अधिक बढ़ गया। भाजपा के रेवंतराम डांगा ने पिछले चुनाव से इस बार 31,195 वोट (13.07 प्रतिशत) अधिक वोट लेकर कुल वोट प्रतिशत 50.06 कर लिए, जबकि आरएलपी की कनिका बेनीवाल ने पिछले चुनाव से इस बार 15,235 (5.68 प्रतिशत) अधिक वोट लिए। यही वजह रही कि भाजपा ने जीत दर्ज की। वहीं पिछले चुनाव में 13.26 प्रतिशत वोट लेकर तीसरे नम्बर रही कांग्रेस इस बार मात्र 2.51 प्रतिशत वोट पर सिमट गई, यानी कांग्रेस के कुल 10.75 प्रतिशत वोट घट गए।
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मिठाई खिलाकर व पटाखे चलाकर मनाया जश्न
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बारह-तेरह राउण्ड के बाद स्थिति रेवंतराम डांगा के पक्ष में दिखने लगी, इधर-उधर हलचल शुरू हुई तो बाहर यह खबर आग की तरह फैली की किसी स्कूल में डांगा अपने समर्थकों के साथ जीत के इंतजार में जश्न की मुद्रा में है। पिछले साल रिजल्ट के बिना ही जश्न शुरू हो गया था। इस बार भी इस स्कूल में लोगों की भीड़ ऐसी उमड़ी की संभालना मुश्किल हो गया। अलग-अलग तरीके से हर कोई बधाई देने यहां पहुंचा। इस भीड़ में पूर्व केन्द्रीय मंत्री सीआर चौधरी, पूर्व विधायक मोहनराम चौधरी, डॉ हापूराम चौधरी, भाजपा जिला अध्यक्ष रामनिवास सांखला समेत अन्य नेता भी शामिल थे। यहां पटाखों का शोर था तो बधाई देने वालों की भीड़ इतनी कि बहुतों को लबा इंतजार करना पड़ा। फिर जीत के उद्घोष के साथ जुलूस विधि कॉलेज पहुंचा।
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भारतीय जनता पार्टी ने प्रदेश में 7 सीटों पर हुए उप चुनाव में पांच सीटों पर जीत दर्ज की, इससे पार्टी पदाधिकारियों एवं कार्यकर्ताओं में खुशी का माहौल रहा। पार्टी की विजय व महाराष्ट्र में भारी बहुमत से एनडीए की सरकार बनने पर पार्टी के जिला कार्यालय में शनिवार शाम को पार्टी कार्यकर्ताओं ने एक-दूसरे को मिठाई खिलाकर व पटाखे चलाकर जश्न मनाया। खींवसर विधानसभा से भाजपा के रेवंतराम डांगा विजय होने पर जिला कार्यालय में खींवसर उपचुनाव के प्रभारी मंत्री झाबरसिंह खर्रा, किसान आयोग अध्यक्ष सी.आर. चौधरी, महिला बाल विकास मंत्री डॉ. मंजू बाघमार व पूर्व विधायक मोहनराम चौधरी, मूण्डवा के पूर्व प्रधान सुखराम फिडोदा का जिलाध्यक्ष रामनिवास सांखला सहित अन्य कार्यकर्ताओं ने साफा व पार्टी का दुपट्टा पहनाकर स्वागत किया। इस मौके पर मंत्री खर्रा ने खींवसर की जीत पर वहां की जनता व पार्टी के पदाधिकारियों एवं कार्यकर्ताओं का आभार जताया। खर्रा ने कहा कि मुयमंत्री भजनलाल शर्मा व देश के प्रधानमंत्री की जनकल्याणकारी योजनाओं पर जनता ने विश्वास जताया है। मंच संचालन लक्ष्मीनारायण मुण्डेल ने किया।
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मतगणना पूरी होने तक स्कूल परिसर में काफी भीड़ जमा हो गई। इधर, आरएलपी सुप्रीमो हनुमान बेनीवाल के घर पर भी उनके समर्थकों की भीड़ काफी बढ़ गई। जीत तय होने के बाद भाजपा प्रत्याशी डांगा व भाजपा प्रदेश उपाध्यक्ष ज्योति मिर्धा समर्थकों के साथ पैदल ही जुलूस के रूप में मतगणना स्थल की ओर बढ़े। इसको देखते हुए पुलिस अलर्ट हो गई।
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नागौर. किसी की कोशिश कामयाब रही तो किसी का वर्चस्व टूटा तो भरम भी। त्रिकोणीय कहे जाने वाला मुकाबला सीधे तौर पर भाजपा-रालोपा का बनकर रह गया। राष्ट्रीय पार्टी कांग्रेस हाशिए पर दिखी। भाजपा की घेराबंदी ने रालोपा की जीत के मंसूबों पर पानी फेर दिया। भाजपा के चक्रव्यूह को इस बार रालोपा के सुप्रीमो हनुमान बेनीवाल भी नहीं भेद पाए। यहां से प्रत्याशी उनकी पत्नी कनिका बेनीवाल थीं जो कभी उनके ही खास रहे भाजपा उम्मीदवार रेवंतराम डांगा से हार गईं। तकरीबन सोलह साल से इस सीट पर हनुमान बेनीवाल या फिर भाई नारायण बेनीवाल का कब्जा रहा।
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कांग्रेस के समर्थन से सांसद बने बेनीवाल विधानसभा में इसे बरकरार रखने में सफल नहीं रहे। कोशिश की भी होगी तो प्रदेश अध्यक्ष गोविंद डोटासरा समेत कुछ नेताओं ने इसे कारगर नहीं होने दिया। पिछली बार मामूली अंतर से हारे रेवंतराम डांगा पर भाजपा ने दोबारा भरोसा किया। इस बार उसकी रणनीती/घेराबंदी कुछ खास रही।
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भाजपा समर्थकों ने लहराए ‘डोका’ भाजपा के जुलूस में शामिल समर्थकों ने ज्वार के ‘डोका’ खूब लहराए। इससे पहले खुद डांगा ने स्कूल परिसर में ‘डोका’ हाथ में लेकर डांस किया। गौरतलब है कि चुनाव प्रचार के दौरान हनुमान ने ‘डोका’ काटने को लेकर बयान दिया था।
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वहीं पूर्व विधायक नारायण बेनीवाल ने भी आरएलपी समर्थकों से समझाइश कर शांत रहने व घर के अंदर रहने के लिए कहा। भाजपा के समर्थकों ने नारेबाजी जरूर की, लेकिन शांतिपूर्वक सब आगे बढ़ गए।
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बेनीवाल के घर के आगे आरएलपी समर्थक नारेबाजी कर रहे थे तो मूण्डवा चौराहा की ओर से भाजपा समर्थक जुलूस के रूप में आ रहे थे। दोनों पार्टियों के समर्थकों के बीच तकरार नहीं हो, इसके लिए पुलिस ने डिवाइडर पर एक सुरक्षा दीवार बना दी।
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रालोपा हार की खामियां तलाशेगी और भाजपा के वादों पर जनता का ऐतबार कितना सच होगा, यह वक्त ही बताएगा। हैरतअंगेज भाजपा का जीतना भी उतना ही है जितना रालोपा का हार जाना। लम्बे समय से खींवसर की जनता से सीधा जुड़ाव रखने वाले ‘हनुमान’ की संजीवनी बूटी इस बार रालोपा को ’ मूर्छित ’ होने से नहीं बचा पाई। पिछले सत्र में तीन विधायक वाली रालोपा इस बार शून्य हो गई है। खास तो यह है कि उनकी प्रतिष्ठा खींवसर सीट से अधिक जुड़ी है, यह भी हाथ से निकल गई
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पुलिस अधीक्षक नारायण टोगस को जैसे ही सूचना मिली कि डांगा जुलूस लेकर कॉलेज की तरफ आ रहे हैं, वे पैदल ही तेज कदमों से बेनीवाल के घर के आगे पहुंच गए और भारी संख्या में पुलिस बल तैनात किया गया।
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भाजपा ने पहले वही रास्ते चिह्नित कर बंद किए जो रालोपा के मददगार बने हुए थे। हर बार विधानसभा में कभी बसपा अथवा निर्दलीय प्रत्याशी के तौर पर चुनाव लड़कर अच्छे-खासे वोट हासिल करने वाले दुर्गसिंह को भाजपा में शामिल किया। असल में इसे ही हनुमान बेनीवाल की जीत का ’ मंत्र ’ माना जाने लगा था। इसके बाद अभिनव राजस्थान पार्टी के अशोक चौधरी ने भी भाजपा प्रत्याशी का समर्थन कर दिया। यही नहीं चिकित्सा मंत्री गजेंद्र सिंह खींवसर पर भी भीतरी तौर पर हनुमान की मदद के आरोप लगते रहे। बताया जाता है कि इस बार यह बात भाजपा के शीर्षस्थ नेताओं तक पहुंच गई। इस पर उन्हें भी इस बाबत सचेत किया बताया। इसका भी असर देखने को मिला, उन्होंने खुलकर रेवंतराम डांगा के समर्थन में ना सिर्फ वोट मांगे, बल्कि हारने पर मुण्डन कराने तक की बात कही। माना जाता है कि राजपूत समेत खींवसर की कुछ अन्य जातियों के वोट इससे प्रेरित होकर डांगा की झोली में आए।
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‘भाजपा’ का रचा चक्रव्यूह भेद नहीं पाए ‘हनुमान ’खींवसर विधानसभा उपचुनाव में भाजपा प्रत्याशी रेंवतराम डांगा की जीत पर कुचेरा शहर में जश्न मनाया गया। भाजपा कार्यकर्ताओं व समर्थकों ने पटाखे फोड़कर व मिठाई बांटी। भाजपा कार्यालय से डीजे के साथ विजयी जुलूस निकाला गया। जुलूस कायमखानी मोहल्ला, नागौर रोड, बड़ा बाजार, बाजार रोड, बस स्टेण्ड, खजवाना चौराहा सहित मुय मार्गों से होकर गुजरा। सुखराम फड़ोदा, नेमाराम सेन, भाजपा मीडिया प्रभारी लक्ष्मण सेन सहित पदाधिकारियों व समर्थकों ने आतिशबाजी की।
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आरएसएस के कुछ पदाधिकारियों ने घर-घर जाकर वोट मांगे, वो भी भाजपा की जीत का महत्वपूर्ण कारण रहा। राज्य के मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा समेत अनेक राज्य के केबिनेट ही नहीं केन्द्रीय मंत्री तक भाजपा को जिताने की भरसक कोशिश करते दिखे। राज्य के साथ केन्द्र में सरकार होने का दंभ कहें या फिर सक्षम होने का दावा, यही नहीं नुकसान न होने की आशंका में कुछ लोगों के वोट भाजपा के हिस्से में आ जाना भी इस जीत की वजह रही।