दूसरी ओर दावा किया जा रहा है कि फायरिंग करने वाले दोनों आरोपी नागौर का बनकर रफीक के पास पहुंचे थे और कुछ देर चाय-नाश्ते के बाद चले गए थे। लेकिन, मुंबई क्राइम ब्रांच के अधिकारियों की मानें तो शूटआउट के लिए जेल में बंद गैंगस्टर लॉरेंस बिश्नोई के भाई अनमोल बिश्नोई से फंड मिलने के बाद रफीक चौधरी ने 8 अप्रैल और 11 अप्रैल को मुंबई में ही शूटर सागर पाल और विक्की गुप्ता से मुलाकात की थी। साथ ही चौधरी ने दोनों शूटर को पैसे भी दिए थे।
फायरिंग से पहले रफीक चौधरी ने ही मुंबई के बांद्रा इलाके में सलमान खान घर रेकी की थी। इधर, नागौर एसपी नारायण टोगस का कहना है कि यहां रफीक समेत उसके परिवार का रेकॉर्ड खंगाला गया, लेकिन कोई आपराधिक मामला दर्ज नहीं मिला। ऐसे में रफीक की भूमिका इस मामले में क्या थी, यह तो मुंबई पुलिस ही बता पाएगी।
मुंबई में दूध डेयरी का काम संभालता है रफीक चौधरी
रफीक चौधरी (38) नागौर जिले के बासनी का रहने वाला है। वह पिछले बीस-बाइस साल से मुंबई में दूध डेयरी का काम संभालता है। सूत्र बताते हैं कि रफीक अपने भाई यूनूस, सलमान और करीम के साथ वहां डेयरी चलाता है। एसपी नारायण टोगस ने बताया कि मुंबई पुलिस की ओर से कोई सूचना नहीं दी गई। यहां रफीक समेत उसके परिवार का रेकॉर्ड खंगाला गया, लेकिन कोई आपराधिक मामला दर्ज नहीं मिला। रफीक की भूमिका इस मामले में क्या थी, यह तो वहां की पुलिस ही बता पाएगी।
कब पकड़ा गया 5वां आरोपी?
रफीक चौधरी गत सोलह अप्रेल को बासनी आया और करीब बीस दिन बाद सोमवार को बांद्रा जाने के लिए नागौर स्टेशन से ट्रेन में बैठा था। दूसरे दिन दोपहर बारह बजे जब यहां से परिजनों ने बांद्रा में रहने वालों को फोन कर रफीक के बारे में पूछा तो उन्होंने मना कर दिया। कुछ घंटो बाद खुलासा हुआ कि उसे मुम्बई पुलिस की क्राइम ब्रांच ने पकड़ लिया है। मारवाड़ जंक्शन से हिरासत में लेने के बाद रफीक को मुंबई की अदालत में पेश कर रिमांड पर लिया गया है।