नागौर

डेह में नहरी पानी आने के बाद लगाया आरओ, वो भी कस्बे से एक किमी दूर

आरओ प्लांट लगाने में करोड़ों का खेल : जिले में 100 से अधिक ऐसे आरओ प्लांट, जहां पहुंच चुका नहरी पानी, फिर भी हो रहा प्लांट संधारण का खर्च- आरओ प्लांट लगाने की योजना की बड़ी खामी, साइट सलेक्शन ही गलत

नागौरJul 07, 2021 / 12:37 pm

shyam choudhary

RO installed after the arrival of canal water in Deh, that too one km away from the town

नागौर. जिले के फ्लोराइड प्रभावित गांवों के ग्रामीणों को मीठा और शुद्ध पानी पिलाने के लिए लाखों रुपए खर्च कर लगाए गए आरओ प्लांट में किए गए भ्रष्टाचार की परतें एक के बाद एक करके खुल रही हैं। जिला मुख्यालय के निकटवर्ती डेह में लगाए गए आरओ प्लांट में चौंकाने वाले तथ्य सामने आए हैं। पत्रिका की ग्राउण्ड रिपोर्ट में सामने आया कि डेह कस्बे में मार्च 2018 में नहरी पानी पहुंच गया, इसके बावजूद कमीशन के चक्कर में पीएचईडी के अधिकारियों व ठेकेदार ने मिलीभगत कर आरओ प्लांट लगा दिया और वो भी कस्बे के आबादी क्षेत्र से एक किलोमीटर दूर, जहां आरओ प्लांट लगाने का कोई औचित्य नहीं रह गया है। ठेकेदार ने खुद की सुविधा के लिए नहर परियोजना व मातासुख पेयजल परियोजना के पम्प हाउस परिसर में ही आरओ लगा दिया, जहां ग्रामीण पहुंच ही नहीं पाते हैं, क्योंकि आरओ प्लांट के एक किलोमीटर की परिधि में कोई घर या ढाणी नहीं है। इसके चलते प्लांट के पानी की खपत शून्य है।
अधिकारी अनजान या फिर लापरवाह
जिले में विभिन्न चरणों में लगाए गए 450 से आरओ प्लांट में से सैकड़ों ऐसे हैं, जो लम्बे समय से बंद पड़े हैं और अधिकारी एयर कंडिशनर कमरों में बैठकर धरातल की वस्तुस्थिति जाने बिना ही ठेकेदारों को रखरखाव का भुगतान कर रहे हैं। राजस्थान पत्रिका द्वारा पिछले तीन दिन में प्रकाशित खबरों के बाद एक दर्जन से अधिक लोगों ने गांवों में बंद आरओ प्लांट के फोटो भेजकर लोगों की परेशानी से अवगत कराया है। ऐसे में सवाल खड़ा होता है कि क्या वाकई अधिकारी खराब या बंद पड़े आरओ प्लांट की वस्तुस्थिति से अनजान हैं या फिर जानबूझकर लापरवाह बने हुए हैं।
सैकड़ों गांवों में पहुंचा नहरी पानी
जिले में नहरी परियोजना का काम भी तेजी से चल रहा है, जिसके चलते जिले के कई गांवों में पानी पहुंच चुका है, जहां आरओ प्लांट की आवश्यकता नहीं है। खुद जलदाय विभाग के अधिकारी इस बात को स्वीकार कर रहे हैं कि जिले में अब तक सैकड़ों आरओ प्लांट की जगह नहरी पानी पहुंच चुका है, जहां अब आरओ का पानी कोई नहीं पी रहा है, इसलिए विभाग को प्लांट के संधारण का खर्चा बंद कर प्लांट दूसरी जगह पर शिफ्ट करना चाहिए।
आरओ प्लांट का कोई औचित्य नहीं
डेह में करीब तीन साल पहले लगाया गया आरओ प्लांट कस्बे से इतना दूर है कि कोई भी ग्रामीण वहां पानी लेने नहीं जाता। अधिकारियों ने साइट का सलेक्शन ही गलत किया, जिसके कारण जनता के लाखों रुपए बर्बाद हो गए। आरओ गांव में लगाते तो लोगों को मीठा पानी मिलता। इसके लिए जिम्मेदार अधिकारी के खिलाफ कार्रवाई करते हुए वसूली की जानी चाहिए, ताकि दूसरे अधिकारी ऐसी गलती करने से पहले सोचें।
– जगवीर छाबा, भाजपा नेता, डेह

Hindi News / Nagaur / डेह में नहरी पानी आने के बाद लगाया आरओ, वो भी कस्बे से एक किमी दूर

Copyright © 2024 Patrika Group. All Rights Reserved.