नागौर. शहर के बंशीवाला मंदिर परिसर में रविवार से रामलीला का शुभारम्भ हुआ। पहले दिन नारद मोह, रावण तपस्या एवं इंद्र दरबार आदि पौराणिक प्रसंगों का मंचन किया गया। नारद का मोह भंग प्रसंग के दौरान भगवान विष्णु से हरि यानि की उनका रूप मांगना, भगवान विष्णु का नारद को वर देना आदि दृश्यों का मंचन किया गया। इस दौरान कलाकारों की संवाद अदायगी शानदार रही। इसके साथ ही रावण की तपस्या करने के द़श्य से पौराणिक काल जीवंत नजर आया।
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रामलीला के दौरान बंशीवाला मंदिर परिसर संवादों से गुंजायमान रहा। शहर से काफी संख्या में श्रद्धालु रामलीला देखने पहुंचे।
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राम के जन्म पर खुशी मनाते अयोध्यावासी।
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नागौर. रामलीला में भगवान राम के जन्म प्रसंग का दृश्य।
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नागौर. बंशीवाला मंदिर परिसर में आयोजित रामलीला में सोमवार को श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ी। रामलीला में भगवान राम व सीता के जन्म, विश्वामित्र व दशरथ संवाद के साथ ताड़का वध के मंचित प्रसंगों ने पौराणिक काल को जीवंत कर दिया। विश्वामित्र का अपने यज्ञ की रक्षा के लिए राजा दशरथ से भगवान राम को मांगना, और दशरथ का संकोच के साथ अप्रत्यक्ष रूप से मना करने का प्रयास करना, फिर भगवान के जन्म के मूल उद्देश्य से विश्वामित्र के अवगत कराने पर भगवान राम व लक्ष्मण का यज्ञ की रक्षा करना, ताड़का का हुंकार करते हुए भगवान राम के सामने आना आदि दृश्यों के साथ ही संवादों को सुन श्रद्धालु मंत्र-मुग्ध हो गए। भगवान राम ने ताड़का का वध व अहिल्या का उद्धार किया तो श्रद्धालु जय श्रीराम के जयघोष करने लगे। मंदिर परिसर का चौक श्रद्धालुओं से भरा रहा। रामलीला मंचन देखने के लिए शहर के बड़ी संया में महिला-पुरुष मौजूद रहे।