नागौर

Rajasthan News: रॉयल्टी फर्म निगल रही मजदूरों का पैसा, विभाग दिखा रहा दरियादिली; जानें पूरा मामला

Nagaur News: नागौर जिले के खींवसर के गांवों में दिन रात लाइम स्टोन का अवैध दोहन हो रहा है।

नागौरNov 27, 2024 / 03:08 pm

Nirmal Pareek

Nagaur News: नागौर जिले के खींवसर के गांवों में दिन रात लाइम स्टोन का अवैध दोहन हो रहा है। यहां अवैध लाइम स्टोन को वैध बनाने वाली रॉयल्टी फर्म केवल सरकार को ही चुना नहीं लगा रही, बल्कि मजदूरों के डीएमएफटी के लाखों रुपए डकार रही है। खनिज विभाग भी फर्म पर इतना मेहरबान है कि यहां सर्वाधिक अवैध खनन की रोकथाम के लिए नाके लगाने की बजाए कम अवैध खनन वाले स्थानों पर नाके लगा रखे हैं। ऐसे में इस रॉयल्टी फर्म के कार्मिकों की लूट रोकने वाला कोई नहीं है।
स्थिति यह है कि 50-50 किलोमीटर दूर की वैध लीजों से रवन्ना मंगवाकर अवैध लाइम स्टोन को वैध किया जा रहा है, लेकिन विभाग कार्रवाई करने की बजाए दरियादिली दिखा रहा है। कई गांवों में अवैध खनन को वैध करने के लिए बीकानेर जिले की कई लीजों से रवन्ना मंगवाया जा रहा है ।

नहीं हो रहा यह सब

नियमानुसार डीएमएफटी (डिस्टिक मिनरल फाउण्डेशन ट्रस्ट) फण्ड से अच्छी सडकें पर्यावरण शुद्धिकरण के लिए पेड़ पौधे, सामाजिक भवन, पर्यावरण पर गोष्ठियों के लिए भवन, चूना काली भट्टे एवं लीज खानों पर स्वास्थ्य शिविर आयोजित कर स्वास्थ्य की समय-समय पर जांच करना। अस्पताल, पानी के जीएलआर, हौद, श्रमिकों के बच्चों के लिए स्कूल, मजदूर आवासीय भवन सहित विभिन्न सुविधाएं मिलनी चाहिए। जबकि इनमें से एक भी सुविधा नहीं मिल रही है।
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हमारे पास ऐसी कोई शिकायत नहीं

नागौर जिले के खनिज अभियंता नरेंद्र खटीक का कहना है कि गांवों में रायल्टी रसीदें काटकर अवैध लाइम स्टोन को वैध बनाने संबंधी हमारे पास कोई शिकायत आज तक नहीं आई है लाइम स्टोन के लिए रिद्धि सिद्धि फर्म को ठेका दे रखा है।

केवल पेट भरना लक्ष्य

रॉयल्टी फर्म अवैध लाइम स्टोन से रॉयल्टी वसूलने के साथ मजदूरों के नाम पर डिस्ट्रिक्ट मिनरल फाउंडेशन ट्रस्ट का पैसा भी डकार रही है। जबकि सरकारी सुविधाओं से अनजान श्रमिक कई बार चिकित्सा सुविधा के अभाव में काल कल्वित तक हो रहे हैं। इनके बच्चे शिक्षा के अभाव में बाल श्रमिक बन रहे हैं। अत्यधिक चूना कली भट्टों एवं लीज खानों के कारण औद्योगिक नगरी कहलाने वाले भावण्डा-माणकपुर में श्रमिकों के लिए खुद का अस्पताल तो दूर सरकारी अस्पताल में चिकित्सक तक नहीं है। श्रमिकों को सुविधा के लिए भामाशाहों का मुुंह ताकना पड़ता है।

वसूली में चूक नहीं

उपखण्ड क्षेत्र के लीज धारकों, चूना कली भट्टे मालिकों एवं अवैध लाइम स्टोन परिवहन वालों से रॉयल्टी फर्म द्वारा रॉयल्टी वसूली जा रही है। यह वसूली का आंकड़ा प्रतिवर्ष लाखों में है। जबकि श्रमिकों एवं पर्यावरण पर मिलने वाली सुविधाएं शून्य है। भावण्डा, माणकपुर सहित लीज की खानों पर काम करने वाले श्रमिक आज तक सरकारी सुविधाओं का लाभ नहीं ले पाए है।
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