नागौर

Rajasthan Monsoon 2024: राजस्थान में यहां इंद्रदेव नहीं हो रहे मेहरबान, मंडराया ‘अकाल’ का साया

Rajasthan Weather Update: राजस्थान में अधिकतर जगह मानसून मेहरबान है। लेकिन, एक जिले में इस बार इंद्र मेहरबान नहीं हो रहे हैं।

नागौरJul 22, 2024 / 10:35 pm

Anil Prajapat

नागौर. हवाई पट्टी के पास बारिश के अभाव में सूखी पड़ी प्रेम नाडी।

Rajasthan Monsoon 2024: राजस्थान में अधिकतर जगह मानसून मेहरबान है। लेकिन, नागौर जिले में इस बार इंद्रदेव मेहरबान नहीं हो रहे हैं। नागौर जिले में जून माह सूखा बीतने के बाद जुलाई माह में भी मात्र 75 एमएम औसत बारिश हुई है, जबकि डीडवाना-कुचामन जिले में यह आंकड़ा 154 एमएम का है।
बारिश के अभाव में जिले के कई क्षेत्रों में खरीफ की बुआई तक नहीं हुई और जहां हुई, वहां फसलें झुलस रही हैं। किसानों व कृषि विशेषज्ञों का कहना है कि जल्द ही जिले में बारिश नहीं हुई तो अकाल का साया मंडरा जाएगा। नागौर के कई गांवों में बारिश नहीं होने से अब तक खरीफ की बुआई भी नहीं हुई है।

गत वर्ष से इस बार आधी भी बारिश नहीं

गत वर्ष नागौर जिले में जनवरी से मई तक 169 मिलीमीटर, जून माह में 157.5 एमएम और जुलाई माह में 232.8 एमएम बारिश रिकॉर्ड की गई थी, यानी वर्ष 2023 में जुलाई माह तक कुल औसत 559.8 एमएम बारिश हो गई थी। इस वर्ष अब तक नागौर में मात्र 134 एमएम तथा डीडवाना-कुचामन जिले में 212 एमएम बारिश हुई है।
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गौरतलब है कि गत वर्ष डीडवाना-कुचामन जिले की तहसीलों में 19 जुलाई तक ही 497 एमएम बारिश हो गई थी, यानी इस बार गत वर्ष की तुलना में आधी भी बारिश नहीं हुई है।

नाडी-तालाब के साथ टांके भी खाली

बारिश के अभाव में अभी तक नाडी-तालाब भी सूखे पड़े हैं। ग्रामीणों के साथ मवेशियों को पानी के लिए भटकना पड़ रहा है। इसी प्रकार शहरों एवं गांवों में लोगों ने बारिश का पानी भरने के लिए घरों में टांके बना रखे हैं, जिन्हें बारिश की संभावना व मौसम विभाग की पूर्व सूचना को देखते हुए साफ भी कर लिया, लेकिन अब तक अच्छी बरसात नहीं होने से लोगों के टांके खाली हैं।
Didwana-Kuchaman rain

जिले में करीब 8 लाख हैक्टेयर में बुआई

नागौर जिले में इस बार कृषि विभाग ने साढ़े 8 लाख हैक्टेयर में खरीफ बुआई का लक्ष्य रखा था, जिसकी तुलना में 18 जुलाई तक 7 लाख 98 हजार 385 हैक्टेयर में बुआई हो गई है। कृषि अधिकारी श्योपालराम जाट ने बताया कि जिले में सबसे अधिक साढ़े चार लाख हैक्टेयर में बुआई का लक्ष्य मूंग का रखा था, जिसकी तुलना में 3.87 लाख हैक्टेयर में बुआई हो चुकी है।
वहीं बाजरा का लक्ष्य 1.70 लाख हैक्टेयर का रखा था, जिसकी तुलना में 1.76 लाख हैक्टेयर में बुआई हो गई। इसी प्रकार ग्वार की बुआई भी लक्ष्य से अधिक हुई है, जबकि शेष सभी फसलों की बुआई लक्ष्य की तुलना में कम हुई है। बोई गई फसलों को समय पर बारिश का पानी नहीं मिला तो झुलसने का खतरा पैदा हो जाएगा।
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