बताया जा रहा कि कि संक्रमित रोगी ना ही चिकित्सा व्यवस्था से जुड़ पा रहे हैं ना ही सरकार की ओर से मिलने वाले अन्य लाभ का फायदा ले पा रहे हैं। ऐसे में उनसे और लोगों के संक्रमित होने की आशंका के साथ उनके स्वस्थ रहने की मुश्किल बढ़ रही है। इसे देखते हुए नागौर (डीडवाना-कुचामन) में करीब तीन दर्जन से अधिक शिविर लगाए जाएंगे, जो सितम्बर से नवम्बर तक आयोजित होंगे।
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संक्रमित गांव-स्थान किए गए चिन्हित
सूत्र बताते हैं कि ऐसे गांव-स्थान चिन्हित किए गए हैं जहां एचआईवी संक्रमित होने की आशंका अधिक है। इनमें खासतौर से बाहर रहने वाले तीज-त्योहार पर कुछ दिनों के लिए घर/वापसी वाले लोगों को ध्यान में रखते हुए स्थान चुने गए हैं। बताया जाता है कि इसके लिए मुख्यालय को प्रस्ताव भेज दिया गया है। इसकी हरी झण्डी मिलते ही शिविर शुरू होंगे। खासतौर से बाहर नौकरी अथवा व्यवसाय करने वालों पर फोकस किया गया है। इसके लिए संबंधित के बारे में आसपास के पीएचसी/सीएचसी से भी जानकारी जुटाई जा रही है। यह भी पढ़ें