बता दें, प्रदेशाध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा ने शनिवार को कांग्रेस प्रत्याशी डॉ. रतन चौधरी के समर्थन में जनसभा को संबोधित किया। जहां उनके साथ विधायक मुकेश भाकर, नागौर कांग्रेस जिलाध्यक्ष मकराना विधायक जाकिर हुसैन गेसावत, पूर्व उप मुख्य सचेतक महेंद्र चौधरी, पीसीसी प्रदेश सचिव रघुवेंद्र मिर्धा सहित कई नेता मौजूद थे।
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BJP सरकार पर इस तरह साधा निशाना
इस दौरान गोविंद सिंह डोटासरा ने कहा कि भाजपा वालों ने पर्ची से मुख्यमंत्री बना दिया, जबकि राजस्थान के तो गांवों में पंच-सरपंच तक वोट से बनते हैं। सरकार की कुर्सियों पर ऐसे लोगों को बैठा दिया, जो खुद के काम नहीं करवा सकते। वो जनता के क्या काम करवाएंगे? सीएम कोई काम करते नहीं सिर्फ भाषण देते हैं। डोटासरा ने स्कूल बंद के मुद्दे पर बोलते हुए कहा कि ये कहते हैं कि सरकारी इंग्लिश मीडियम स्कूल बंद कर देंगे, क्यों काका का राज समझ रखा है क्या? रोजाना महिलाओं के साथ अत्याचार हो रहे हैं। इन उपचुनाव की सीटों से प्रदेश सरकार को कोई फर्क नहीं पड़ने वाला है।
वहीं, आरएलपी सुप्रीमो हनुमान बेनीवाल पर निशाना साधते हुए कहा कि हनुमान बेनीवाल जो चाहे बोल रहे हैं। कांग्रेस की नेता दिव्या मदेरणा को लेकर जो बोला वो सही नहीं है। डोटासरा ने बेनीवाल को नसीहत देते हुए कहा कि आप अपनी भाषा को मर्यादित रखें, आपको चुनाव लड़ने का अधिकार है, आप लड़िए, लेकिन अपनी स्वार्थ की राजनीति के लिए आप कांग्रेस के किसी नेता व कार्यकर्ता को अपशब्द मत बोलिए।
गठबंधन पर क्या बोले डोटासरा?
उन्होंने गठबंधन पर बोलते हुए कहा कि हनुमान बेनीवाल इंडिया गठबंधन के सम्मानित सांसद हैं, लेकिन हम राजस्थान में कांग्रेस को गिरवी नहीं रखेंगे। कांग्रेस का कार्यकर्ता जिंदा रहना चाहिए। कांग्रेस के कार्यकर्ता का सम्मान रहना चाहिए। उन्होंने कहा कि आगामी पंचायतीराज और नगर निकायों में भी कोई गठबंधन नहीं होगा। कांग्रेस के लोग सारे चुनाव लड़ेंगे। साथ ही गमछे पर कहा कि ये गमछा…तेजाजी महाराज के सम्मान का, किसान के स्वाभिमान का, नौजवानों के अधिकार का और 36 कौम के आशीर्वाद का प्रतीक है। यह भी पढ़ें
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खींवसर में बेनीवाल की राह मुश्किल
गौरतलब है कि खींवसर का उप चुनाव रालोपा सुप्रीमो हनुमान बेनीवाल के लिए अपने राजनीतिक जीवन का सबसे कठिन चुनाव है। इसको जीतने के लिए उन्होंने अपने पत्नी कनिका बेनीवाल को चुनाव मैदान में उतारा है। इस बार हनुमान बेनीवाल की चारों तरफ से जोरदार घेराबंदी कर उन्हें एक तरह से अभिमन्यु की तरह चक्रव्यूह में फंसा दिया है। क्योंकि बीजेपी ने उन्हीं के पुराने साथी रहे रेवंतराम डांगा को मैदान में उतारा है जो 2023 में करीब 2000 वोटों से पीछे रह गए थे। वहीं कांग्रेस ने गठबंधन ना करते हुए रतन चौधरी को टिकट दिया है। यहां मुकाबला त्रिकोणीय बना हुआ है। बता दें कि राजस्थान की सात सीटों झुंझुनू, दौसा, देवली-उनियारा, खींवसर, चौरासी, सलूंबर और रामगढ़ पर उपचुनाव के लिए मतदान 13 नवंबर को होगा और नतीजे 23 नवंबर को घोषित किए जाएंगे।
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