नागौर

भगवान से निष्काम भक्ति करनी चाहिए

Nagaur.रामद्वारा केशव दास महाराज बगीची बख्तासागर में चातुर्मास की कथा भागवत पर प्रवचन करते हुए मंहत जानकीदास महाराज ने भागवत कथा में प्रतिपाद्य विषय का वर्णन किया

नागौरJul 26, 2021 / 10:42 pm

Sharad Shukla

Mahant Jankidas Maharaj delivering a discourse on the story of Chaturmasa at Nagaur. Ramdwara Keshav Das Maharaj Bagichi Bakhtasagar

नागौर. रामद्वारा केशव दास महाराज बगीची बख्तासागर में चातुर्मास की कथा भागवत पर प्रवचन करते हुए मंहत जानकीदास महाराज ने भागवत कथा में प्रतिपाद्य विषय का वर्णन किया । मंहत ने कहा कि भागवत में निष्काम भक्ति का वर्णन किया गया है। भागवत शास्त्र निष्काम भक्ति का विषय है। जहां कपट होता है वहां भक्ति नहीं होती । संसार का कोई सुख भोगने की इच्छा रखना यह कपट है। भगवान की भक्ति तो करते हैं साथ ही ऐसी इच्छा भी रखते हैं कि मुझे बहुत ज्यादा सुख मिलेगा। भोग प्राप्त करना भक्ति का फल नहीं है, भक्ति का फल संसार का भोग नहीं है । भक्ति का फल भगवान है । भगवान की भक्ति भगवान के लिए करनी चाहिए। मंदिर में जाकर भगवान के पास लोग पैसा मांगते ह। ैं भगवान के पास मांगना अच्छा नहीं होता है। मांगने से प्रेम कम होता है, देने से प्रेम बढ़ता है। भक्ति का अर्थ है भगवान के साथ प्रेम करना। भक्ति में लेने की इच्छा नहीं होती है। भक्ति में सब कुछ देने की इच्छा होती है। भगवान से जो कुछ नहीं मांगता है , उसे भगवान अपनी दृष्टि देते हैं। भगवान को अपेक्षा की दृष्टि से देखना चाहिए। इस दौरान बाबा मि_ूदास ,संत मांग दास ,संत कल्याणदास ,संत लक्यानंद , भंवराराम ढाका ,सत्यनारायण सेन, सोहनलाल कच्छावा, सत्यनारायण सेठ, मदनलाल कच्छावा, मोहनराम सांखला आदि मौजूद थे।
कृषि एवं उद्यानिकी में नवाचार करने वाले किसान होंगे सम्मानित
नागौर. कृषि विभाग की ओर से आत्मा परियोजना की ओर से जिला एवं पंचायत समिति स्तर पर प्रगतिशील काश्तकारों का सम्मान के लिए चयन किया जाएगा। उपनिदेशक गुंजन आसवानी ने बताया कि राज्य, जिला एवं पंचायत समिति स्तरीय प्रत्येक पुरस्कार में क्रमश: 50 हजार, 25 हजार एवं 10 हजार रूपये तथा प्रशस्ति पत्र प्रदान किया जाएगा। इसमें हेतु जिले की प्रत्येक पंचायत समिति स्तर पर गतिविधियों में कृषि, उद्यानिकी, पशुपालन, जैविक खेती और नवाचारी खेती आदि में एक-एक कृषक मिलाकर कुल पांच कृषकों का चयन होगा। पंचायत समिति स्तर पर चयनित कृषकों में से 10 सर्वश्रेष्ठ कृषकों को प्रत्येक गतिविधि के लिए दो कृषक को जिला स्तर पर चयनित किया जाएगा। राज्य स्तर के पुरस्कार के लिए जिला स्तर पर प्रथम स्तर के चयनित सर्वश्रेष्ठ कृषकों में से प्रत्येक गतिविधिवार में दो-दो कृषकों यानी कि कुल 10 कृषक का चयन किया जाना है। जिन कृषकों को पूर्व में आत्मा योजनान्तर्गत अथवा अन्य किसी भी योजना में किसी भी स्तर पंचायत समिति, जिला एवं राज्य स्तर पर सम्मानित हो चुके कृषकों को इसमें शामिल नहीं किया जाएगा। कृषक इसके लिए आवेदन पत्र अपने स्थानीय कृषि पर्यवेक्षक, सहायक कृषि अधिकारी, सहायक निदेशक कृषि विस्तार मेड़तासिटी व कुचामनसिटी, सहायक निदेशक उद्यान नागौर व पशुपालन विभाग को प्रस्तुत कर सकते हैं।

 

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