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नागौर

राजस्थान के इस जिले में बच्चों के भविष्य के साथ हो रहा है खिलवाड़, न नियुक्ति-न ही ट्रांसफर

Third Grade Teacher: नागौर के शहरी क्षेत्र के सरकारी स्कूलों में तृतीय श्रेणी शिक्षकों के आधे से ज्यादा पद रिक्त हैं। तृतीय श्रेणी शिक्षक भर्ती परीक्षा हुई, लेकिन ग्रामीण क्षेत्र के स्कूलों में ही तृतीय श्रेणी लेवल प्रथम व लेवल द्वितीय के शिक्षक लगाए गए।

नागौरDec 28, 2023 / 12:24 pm

Nupur Sharma

श्यामलाल चौधरी
Third Grade Teacher: नागौर के शहरी क्षेत्र के सरकारी स्कूलों में तृतीय श्रेणी शिक्षकों के आधे से ज्यादा पद रिक्त हैं। तृतीय श्रेणी शिक्षक भर्ती परीक्षा हुई, लेकिन ग्रामीण क्षेत्र के स्कूलों में ही तृतीय श्रेणी लेवल प्रथम व लेवल द्वितीय के शिक्षक लगाए गए। विधानसभा के में एक प्रश्न के जवाब में शिक्षा विभाग ने बताया था कि प्रदेश में माध्यमिक शिक्षा विभाग के विद्यालयों में अध्यापक लेवल-2 के 16440 तथा अध्यापक लेवल-1 के 14867 पद रिक्त हैं। प्रारंभिक शिक्षा विभाग के विद्यालयों में अध्यापक लेवल-2 के 14473 तथा अध्यापक लेवल-1 के 14598 पद रिक्त हैं। माध्यमिक एवं प्रारंभिक शिक्षा में तृतीय श्रेणी शिक्षकों के कुल 60378 पद रिक्त थे। करीब 48 हजार तृतीय श्रेणी शिक्षकों की भर्ती हुई, सभी गांव में लगा दिए। पांच-छह साल में न तो शहरों में पोस्टिंग दी गई और न ही तबादले किए गए।

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सरकार की नीतियों के कारण हुआ ऐसा
शिक्षकों एवं संस्था प्रधानों का कहना है कि शहरी क्षेत्र के सरकारी स्कूलों में तृतीय श्रेणी शिक्षकों के पद या तो 6डी से भरे जाते हैं या फिर तबादलों से। तृतीय श्रेणी शिक्षकों की नियुक्ति जिला परिषदों के माध्यम से ग्रामीण क्षेत्र में दी जाती है। प्रदेश में वर्ष 2018 के बाद तृतीय श्रेणी शिक्षकों के तबादले ही नहीं हुए। न ही 6डी की प्रक्रिया पूरी हुई। कभी-कभार स्कूलों में अधिशेष शिक्षक हुए तो भी उन्हें शहरों की बजाए ग्रामीण क्षेत्र के ही स्कूलों में लगाया गया।

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