पद पर आसानी से चयन टेढ़ी खीर हो गया था ( Nagaur NEWS ) वहीं समाज सेवी मोहम्मद अशफाक रान्दड़ की पत्नी सईदा बेगम भी अपना नामांकन प्रस्तुत करते हुए सभापति पद के लिए चुनावी दंगल में ताल ठोक दी थी। एेसे में बगावती सुर के बाद पद पर आसानी से चयन टेढ़ी खीर हो गया था। सभापति पद के लिए चुनाव 26 नवम्बर को होने थे, लेकिन शनिवार को सिमरन के सभापति बनने की संभावना उस समय वास्तविकता में बदल गई जब सभापति पद के अन्य तीनों प्रत्याशियों ने अपने नाम वापस ले लिए।
सिमरन भाटी निर्विरोध सभापति चुनी गई सभापति पद के लिए पहला नामाकंन उपसभापति सिसोदिया की पत्नी परवीन बेगम द्वारा भरा गया था वहीं नाम वापसी के तहत सबसे पहले नाम वापस लेने वाले प्रत्याशियों में भी परवीन बेगम ही थी। इसके बाद सईदा बेगम ने अपना नाम वापस ले लिया। जिसके चलते दोपहर बाद निर्वतमान सभापति गौड़ के बड़े भाई की पुत्र वधू रूखसाना तथा पूर्व विधायक गैसावत की पुत्री सिमरन के मध्य मुकाबला माना जा रहा था लेकिन अंतिम समय रूखसाना ने भी अपना नाम वापस ले लिया। इस प्रकार सिमरन भाटी निर्विरोध सभापति चुनी गई।
‘पार्टी की एकजुटता फिर दिखी’
चुनाव प्रभारी जसवंत गुर्जर ने बताया कि संगठन के अनुशासन का मान रखते हुए अनावश्यक आशंका दूर हो गई। साथ ही पार्टी की एकजुटता फिर दिखी। यह खबरें भी पढ़ें…
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