यूं तो राज्य एवं केन्द्र सरकार योजनाओं का लाभ जन-जन पहुंचाने तक के दावे करती है, लेकिन आज तक एक भी योजना का लाभ हमारे तक नहीं पहुंचा है। हालांकि हमारा चेनार गांव ग्राम पंचायत में आता है, लेकिन हमारे लिए न तो पंचायत ने कुछ किया, और न ही किसी अन्य ने किया। यही वजह है कि अब कुम्भकारों का कुम्भकारी कला से मोह भंग हो चुका है। सरकार की ओर से दावा या घोषणा नहीं, बल्कि कुछ बेहतर काम हमारे उद्योग के लिए किया जाए तो फिर बात बन सकती है।
पापालाल प्रजापत, कुम्भकार, ग्राम चेनार
मेरे बाद मेरे क्या, यहां किसी के भी परिवार में कोई मिट्टी के बरतन बनाने वाला काम नहीं करेगा।कारण कि युवा पीढ़ी न तो इसमें दिलचस्पी रखती है, और न ही इसमें कोई फायदा होता है। हमारे लिए भी अलग से बाजार व दुकानें आदि की व्यवस्था सरकार को करनी चाहिए। हमें बनाने के लिए मिट्टी तक नहीं मिल पा रही है। ऐसे में नए बरतनों के लिए मिट्टी की तलाश में कड़ी मशक्कत करनी पड़ ही है।
लालाराम प्रजापत, कुम्भकार, ग्राम चेनार
कुम्भकारों के लिए अलग से बाजार की व्यवस्था सरकार को करनी चाहिए। इनके लिए योजनाओं का लाभ इन तक पहुंचाने के लिए सरकारी स्तर पर ठोस कदम उठाने होंगे। स्थिति यह है कि इन कुम्भकारों को न तो योजना की जानकारी है, और न ही यह योजनाओं का लाभ लेने के लिए शिक्षित हैं। इनको हर दिन काम करना पड़ता है। अब यह सरकारी कार्यालयों के चक्कर काटेंगे तो इनके घरों में चूल्हे ही नहीं जल पाएंगे।
लोकेश टाक, ग्राम चेनार
पापालाल प्रजापत, कुम्भकार, ग्राम चेनार
मेरे बाद मेरे क्या, यहां किसी के भी परिवार में कोई मिट्टी के बरतन बनाने वाला काम नहीं करेगा।कारण कि युवा पीढ़ी न तो इसमें दिलचस्पी रखती है, और न ही इसमें कोई फायदा होता है। हमारे लिए भी अलग से बाजार व दुकानें आदि की व्यवस्था सरकार को करनी चाहिए। हमें बनाने के लिए मिट्टी तक नहीं मिल पा रही है। ऐसे में नए बरतनों के लिए मिट्टी की तलाश में कड़ी मशक्कत करनी पड़ ही है।
लालाराम प्रजापत, कुम्भकार, ग्राम चेनार
कुम्भकारों के लिए अलग से बाजार की व्यवस्था सरकार को करनी चाहिए। इनके लिए योजनाओं का लाभ इन तक पहुंचाने के लिए सरकारी स्तर पर ठोस कदम उठाने होंगे। स्थिति यह है कि इन कुम्भकारों को न तो योजना की जानकारी है, और न ही यह योजनाओं का लाभ लेने के लिए शिक्षित हैं। इनको हर दिन काम करना पड़ता है। अब यह सरकारी कार्यालयों के चक्कर काटेंगे तो इनके घरों में चूल्हे ही नहीं जल पाएंगे।
लोकेश टाक, ग्राम चेनार