-जायरीनों ने चढ़ाई चादर, पेश किए अकीदत के फूल, दोपहर में-कुल की रस्म का पानी लेने की लगी रही जायरीरों में होड़नागौर. ख्वाजा साहब के खास खलीफा हजरत हमीदुदीन नागौरी रहमतउल्लाह अलैह का 773वां उर्स मुबारक का सूफी साहब की दरगाह में कुल की रस्म के साथ समापन हुआ। उर्स के अंतिम दिन सूफी साहब […]
-जायरीनों ने चढ़ाई चादर, पेश किए अकीदत के फूल, दोपहर में
-कुल की रस्म का पानी लेने की लगी रही जायरीरों में होड़
नागौर. ख्वाजा साहब के खास खलीफा हजरत हमीदुदीन नागौरी रहमतउल्लाह अलैह का 773वां उर्स मुबारक का सूफी साहब की दरगाह में कुल की रस्म के साथ समापन हुआ। उर्स के अंतिम दिन सूफी साहब की दरगाह में जायरीनों की भीड़ उमड़ी। सुबह फज्र की नमाज के बाद कुरान ख्वानी के हुए आयोजन में काफी संख्या में जायरीन शामिल हुए। दोपहर को जोहर कि नमाज के बाद महफिल खाने में कव्वाली के कार्यक्रम का भी आयोजन किया गया। इसमें कव्वालों ने एक से बढकर एक कलाम भी सूफी की शान में पढे । इस दौरान दरगाह कमेटी पदाधिकारियों की तरफ से कुल की रस्म भी अदा की गई। यहां पर कुल का पानी लेने के लिए जायरीनों में होड़ लगी रही। बुधवार को भी सुबह से ही जायरीन दरगाह परिसर में पहुंचने लगे। चादर के साथ अकीदत के फूल कर दुआएं की, और सूफी के मजार पर मन्नत के धागे बांधे गए। आखरी उर्स के मौके पर दावत-ए-इस्लामी की तरफ से सूफी के मजार पर चादर चढ़ा कर अकीदत के फूल पेश किए गए। दावत-ए-इस्लामी के मोहम्मद अली अत्तारी के नेतृत्व में जायरीनों ने दरगाह में चादर पेश की। मौलाना असलम अतारी, इमरान अतारी, फिरोज मदनी, रफीक मदनी आदि ने दुआएं पढ़ी।
मजार शरीफ पर की चादर पेश
दरगाह हजऱत ख्वाजा सूफी हमीदुद्दीन नागोरी चिश्ती खलीफा ए खास हजऱत ख्वाजा मोइनुद्दीन हसन चिश्ती रहमतुल्लाह के सालाना उर्स मौके पर अजमेर शरीफ के सज्जादा नशीन हजरत दीवान सैयद ज़ैनुल आबेदीन अली खान की तरफ से उनके जानशीन हजऱत सैयद नसीरुद्दीन चिश्ती साहब ने सूफी हमीदुद्दीन नागौरी रहमतुल्लाअलेह के मजार शरीफ पर चादर पेश की। इस मौके पर दरगाह ख्वाजा सूफी हमीदुद्दीन नागौरी व रहमतुल्लाह अलैह के सज्जादानशीन पीर सूफी जमाल फारूकी चिश्ती, दरगाह हजऱत ख्वाजा सूफी कमालुद्दीन चिश्ती के सज्जादा नशीन पीर गुलाम नजमी फारूकी , मौलाना जियाउद्दीन साहब दरगाह सूफी हमीदुद्दीन नागोरी रहमतुल्लाह के दरगाह कमेटी के अध्यक्ष हाजी शमशेर खान आदि ने हजऱत सैयद नसीरुद्दीन चिश्ती की दस्तार बंदी की। इस दौरान हजऱत सैयद नसीरुद्दीन चिश्ती ने सूफी हमीदुद्दीन नागौरी रहमतुल्ला के जीवन काल पर उनकी जिंदगी के बारे में प्रकाश डालते हुए कहा कि ख्वाजा साहब के खलीफा हजरत सूफी हमीदुद्दीन नागोरी रहमतुल्ला अलेह ने अपनी जिंदगी में हमेशा लोगों की भलाई की और आपसी भाईचारे का पैगाम दुनिया को पहुंचा। सूफियों के दर से हमेशा इंसानियत का पैगाम दिया जाता है।
इन्होंने संभाली व्यवस्थाएं
उर्स के दौरान उस्मान खां सोलंकी, आबिद अल्वी, शरीफ कुरैशी, रफीक गौरी, अब्बास खान, मोईनुदीन बेहलीम, शोकत खां नूरखानी, फारूख अंसारी, मकबूल अंसारी, जावेद खान सोढ़ा, आरिफ गौरी, असलम मुल्तानी, याकूब मुल्तानी, शकील ताकली, मुराद खां, इलियास गौरी, सगीर आलम अंसारी, तबरेज खान, नदीम खान, खालिद हुसैन ने व्यबस्था सम्भाली।
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