मवेशियों को मिली बड़ी राहत
आमतौर पर जून का महीना आते-आते ग्रामीण क्षेत्र के नाडी-तालाबों में भी पानी सूख जाता है। लावारिश पशुओं के लिए खाने को भी कुछ नहीं मिलता। लेकिन इस बार पश्चिमी विक्षोभ बार-बार सक्रिय होने से गांवों की तस्वीर बदली हुई नजर आ रही है। गत 15-20 दिन में हुई बारिश से एक ओर जहां घास उग आई है, वहीं नाडी-तालाबों में भी पानी भर गया है, इससे सबसे बड़ी राहत पशु-पक्षियों को मिली है। इस बार दो महीने की नहरबंदी होने के बावजूद पानी की किल्लत महसूस नहीं की गई। लोगों ने बारिश का पानी टांकों में भर लिया, वहीं नाडी-तालाबों में पानी आने से भी बड़ी राहत मिली है।
आमतौर पर जून का महीना आते-आते ग्रामीण क्षेत्र के नाडी-तालाबों में भी पानी सूख जाता है। लावारिश पशुओं के लिए खाने को भी कुछ नहीं मिलता। लेकिन इस बार पश्चिमी विक्षोभ बार-बार सक्रिय होने से गांवों की तस्वीर बदली हुई नजर आ रही है। गत 15-20 दिन में हुई बारिश से एक ओर जहां घास उग आई है, वहीं नाडी-तालाबों में भी पानी भर गया है, इससे सबसे बड़ी राहत पशु-पक्षियों को मिली है। इस बार दो महीने की नहरबंदी होने के बावजूद पानी की किल्लत महसूस नहीं की गई। लोगों ने बारिश का पानी टांकों में भर लिया, वहीं नाडी-तालाबों में पानी आने से भी बड़ी राहत मिली है।
खरीफ की बुआई शुरू
पिछले 10-15 दिनों में अच्छी व बार-बार हुई बारिश का परिणम यह रहा कि किसानों ने खरीफ की बुआई शुरू कर दी है। कृषि विशेषज्ञों के अनुसार इन दिनों बाजरा व मूंग की बुआई की जा रही है। बुआई के बाद 10 से 15 दिन में दुबारा बारिश हो गई तो फसलें पनप जाएंगी और अच्छी पैदावार की उम्मीद बंध जाएगी।
पिछले 10-15 दिनों में अच्छी व बार-बार हुई बारिश का परिणम यह रहा कि किसानों ने खरीफ की बुआई शुरू कर दी है। कृषि विशेषज्ञों के अनुसार इन दिनों बाजरा व मूंग की बुआई की जा रही है। बुआई के बाद 10 से 15 दिन में दुबारा बारिश हो गई तो फसलें पनप जाएंगी और अच्छी पैदावार की उम्मीद बंध जाएगी।
अगेती फसलों की बुआई कर सकते हैं
किसान ज्यादा समय में पकने वाली अगेती फसलों की बुआई कर सकते हैं। कई क्षेत्रों में बुआई करने की सूचना मिली है। 20 से 30 प्रतिशत बुआई इस बारिश से होने की संभावना है।
– शंकरराम सियाक, सहायक निदेशक, कृषि विभाग, नागौर
किसान ज्यादा समय में पकने वाली अगेती फसलों की बुआई कर सकते हैं। कई क्षेत्रों में बुआई करने की सूचना मिली है। 20 से 30 प्रतिशत बुआई इस बारिश से होने की संभावना है।
– शंकरराम सियाक, सहायक निदेशक, कृषि विभाग, नागौर