-शहर के सुप्रसिद्ध मंदिर बंशीवाला में भगवान के दुग्ध स्नान के बाद निकली झांकियां-शहर एवं ग्रामीण क्षेत्रों में शादियों की रही धूमनागौर. चार माह बाद भगवान विष्णु निद्रा से उठे तो श्रद्धालुओं ने धूमधाम से देव प्रबोधिनी एकादशी धूमधाम से मनाई। इस मौके पर मंदिरों में भगवान का पूजन-अर्चन किया गया। इस दौरान तुलसी-शालिगराम यानि […]
-शहर के सुप्रसिद्ध मंदिर बंशीवाला में भगवान के दुग्ध स्नान के बाद निकली झांकियां
-शहर एवं ग्रामीण क्षेत्रों में शादियों की रही धूम
नागौर. चार माह बाद भगवान विष्णु निद्रा से उठे तो श्रद्धालुओं ने धूमधाम से देव प्रबोधिनी एकादशी धूमधाम से मनाई। इस मौके पर मंदिरों में भगवान का पूजन-अर्चन किया गया। इस दौरान तुलसी-शालिगराम यानि की भगवान विष्णु का विवाह भी आयोजित किया गया। श्रद्धालुओं ने कइयों ने उपवास भी किया। शहर के सुप्रसिद्ध मंदिर बंशीवाला में भगवान कृष्ण का विधिपूर्वक पूजन किया गया। श्रद्धालुओं ने दिन भर भजन, कीर्तन किया। रात्रि में दस बजे से बैठी भजन मण्डली ने एक से बढकऱ एक भजनों की प्रस्तुतियां दी। इसमें सांवरा बाई रे मरारी सुन लो नती, बावलायो कानूदो म्हारा राजस्थानी कृष्णा भजन, लागी लगन थारे नाम री, मेरा आपकी कृपा से सब काम हो रहा है, बांके बिहारी मुझको देना सहारा, गोविन्द मेरो है, गोपाल मेरो है, वृंदावन के ओ बांकेबिहारी, मेरे सांवरिया बांसुरी बजाए जा, प्यारो लगे री बरसानों सरीखे भजनों से माहौल पूरा भक्ति के रंग में रंगा रहा। गोपाल अचल एवं कैलाश पाठक आदि ने भजनों की प्रस्तुति दी।
निकाली झांकिया
बंशीवाला मंदिर में रात्रि में दो बजे भगवान को वैदिक मंत्रोच्चार के साथ बाहर विराजित कराया गया। इस दौरान भगवान का पुरुष सूक्त के साथ दुग्ध स्नान कराया गया। इसके पश्चात मोहिनी रूप, चीरहरण, गरुण एवं शेषनाग की की अलग-अलग झांकी निकाली गई। शेषनाग की झांकी सुबह निकली। सुबह के पहले पहर के साथ मंदिर में श्रद्धालुओं की भीड़ भी पहुंचने लगी। श्रद्धालुओं ने जयकारों के साथ भगवान का पूजन किया।
तुलसी विवाह के आयोजन हुए
शहर के विभिन्न क्षेत्रों में तुलसी का भगवान विष्णु के संग वैदिक मंत्रोच्चार के साथ विवाह कार्य कराया गया। तुलसी के समक्ष दीप प्रज्जवलित कर शालिगराम को रखकर माला का कार्यक्रम कराया गया। इसके पश्चात तुलसी एवं भगवान को वैदिक रूप से तिलक लगाकर उनका पूजन किया गया।
कई जगहों पर गूंजे नगाड़े, हुई शादियां
तुलसी विवाह के शुभ अवसर पर कई जगहों पर वैवाहिक कार्यक्रम भी खूब हुए। सडक़ों पर गाजे-बाजे के साथ निकलती बारात में थिरकते लोग सरीखे दृश्यों से लंबे समय के बाद सडक़ें गुलजार रहीं। शहर एवं ग्रामीण क्षेत्रों में हर जगह वैवाहिक कार्यक्रमों की धूम रही। इसकी वजह से माहौल बदला सा नजर आया।
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