नागौर

भौगोलिक सूचना तकनीक की महत्वपूर्ण भूमिका

Nagaur. बी.आर. मिर्धा राजकीय महाविद्यालय के भूगोल विभाग व नेत्रा जियोइन्फोरमेटिक मैनेजमेंट एण्ड टेकनॉलोजिज फाउण्डेशन, नई दिल्ली के संयुक्त तत्वावधान में च्भौगोलिक सूचना तकनीक एवं रोजगार के अवसरज् विषय पर राष्ट्रीय वेबीनार हुआ

नागौरAug 13, 2021 / 11:48 pm

Sharad Shukla

Nagaur. BR National Webinar on Geographic Information Technology and Employment Opportunities under the joint aegis of Department of Geography of Mirdha Government College and Netra Geoinformatic Management and Technologies Foundation, New Delhi.

नागौर. बी.आर. मिर्धा राजकीय महाविद्यालय के भूगोल विभाग व नेत्रा जियोइन्फोरमेटिक मैनेजमेंट एण्ड टेकनॉलोजिज फाउण्डेशन, नई दिल्ली के संयुक्त तत्वावधान में च्भौगोलिक सूचना तकनीक एवं रोजगार के अवसरज् विषय पर राष्ट्रीय वेबीनार हुआ। प्रो. पूर्णिमा झा ने स्वागत उद्बोधन दिया। प्राचार्य शंकरलाल जाखड़ ने कहा कि भौगोलिक सूचना तकनीक की वर्तमान समय में महत्वपूर्ण भूमिका है। इस तकनीक ने जीवन को बहुत ही आसान बना दिया है। इस क्षेत्र विद्यार्थियों के कैरियर बनाने की अपार संभावनाएं हैं। इस राष्ट्रीय स्तर के वेबीनार के माध्यम से देश के विभिन्न क्षेत्रों के प्रतिभागियों के ज्ञान में वृद्धि होगी और इस कोरोना काल में ऐसे आयोजन बहुत ही महत्वपूर्ण हैं। वेबीनार के मुख्य अतिथि भूगोल विभाग, के.एस.जी.एम. कॉलेज, निरसा, झारखण्ड के असिस्टेट प्रोफेसर टिकैत मांझी ने कहा कि भौगोलिक सूचना तंत्र के माध्यम से महाद्वीप व महासागरों जैसे विस्तृत भू-भागों से लेकर सूक्ष्म क्षेत्र तक के आंकड़ों एवं फोटो के माध्यम से जानकारी प्राप्त की जा सकती है। विशेषकर यह तकनीक ग्रामीण क्षेत्रों में बहुत ही लाभप्रद सिद्ध हो सकती है। भौगोलिक सूचना तकनीक के द्वारा उपग्रहों, दूरसंवेदन, वायुयानों, ड्रोन कैमरा आदि के माध्यम से आंकड़ों व चित्रों को सर्वेक्षण द्वारा संग्रहित एवं विश्लेषित कर जानकारी प्राप्त की जा सकता है। विद्यार्थियों की विभिन्न शंकाओं व समस्याओं का समाधान प्रश्नोत्तर के सत्र द्वारा किया गया। अंत में राष्ट्रीय वेबीनार के समन्वयक डॉ. हेमा राम धुंधवाल ने सभी प्रतिभागियों का धन्यवाद ज्ञापित किया। इसमेे एन.आई.एम.जी.एन.टी. नई दिल्ली के मदनसिंह, अंशु राघव, देवेन्द्र सिंह व इस महाविद्यालय के आरिफ गौरी व प्रो. अविनाश व्यास ने महत्वपूर्ण तकनीकी भूमिका निभाई। महाविद्यालय के डॉ. प्रेमसिंह बुगासरा, ओ.पी. दवे, प्रो. सुरेन्द्र कागट, प्रो. भूपेश, डॉ. प्रकाश नारायण, प्रो. भैरू प्रकाश नवल, प्रो. विनिता मिर्धा, आदि थे।

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