कुचेरा(नागौर). गरीब व मध्यम वर्ग को खुद का आशियाना बनाने के लिए जीवन की कमाई का अधिकांश हिस्सा खर्च करना पड़ता है। ऐसे में वह निर्माण सामग्री सस्ती दर पर खरीदना चाहता है। इसके लिए लोग मकान निर्माण में कुचेरा क्षेत्र के जुंजाला, फिरोजपुरा, खेड़ा नारनौलिया, रूपाथल, बोड़वा, खजवाना क्षेत्र की सस्ती बजरी काम में लेते हैं। पूर्व में रॉयल्टी नहीं लगने से यह बजरी 120 रुपए प्रति टन के हिसाब से मिल रही थी। हाल ही में इस बजरी को सिलिका सेंड बताकर लीज जारी करने के बाद 120 रुपए की बजरी पर प्रति टन 123 रुपए रॉयल्टी वसूली जा रही है। इससे बजरी के दाम दुगुने से भी अधिक हो गए हैं। बाहर से आने वाली अच्छी गुणवत्ता वाली बजरी के बराबर रायल्टी होने से इस बजरी की खरीद नहीं पर खदानें बंद होने नौबत बबने लगी है। बजरी महंगी होने से गरीब व मध्यम वर्ग का आशियाना बनाने का सपना अधूरा रहता नजर आने लगा है।
इस तरह बढ़ाई गई दरें पूर्व में 10 चक्का डम्पर बजरी की रेट 4500 रुपए थी, जिस पर 4300 रुपए रॉयल्टी लगने से नई दरें करीब 4800 रुपए हो जाएगी। इसी प्रकार 12 चक्का डम्पर बजरी की रेट 6000 रुपए थी जिसकी 6400 रुपए रॉयल्टी लगने से इसकी रेट अब 12400 रुपए हो जाएगी। वहीं 16 चक्का डम्पर बजरी की रेट 7000 रुपए थी, जिस पर 7995 रॉयल्टी लगने से अब करीब 15000 रुपए रेट हो जाएगी। कम गुणवत्ता की बजरी को सिलिका सेंड बताकर लीज जारी करने व अब बजरी से दोगुना से अधिक रॉयल्टी वसूलने से पूर्ववर्ती कांग्रेस सरकार की करस्तानी का खामियाजा लीज धारकों व जनता को भुगतना पड़ेगा।
करनी होगी 24 करोड़ वसूली जानकारी के अनुसार फिरोजपुरा, जुंजाला, खेड़ा नारनौलिया, बोड़वा, रूपाथल, खजवाना क्षेत्र में रॉयल्टी का प्रतिवर्ष 24 करोड़ में टेंडर हुआ है। कर आदि सहित 25 करोड़ वसूलने होंगे। इसमें से करीब 15 से 16 करोड़ चाइना क्ले की रॉयल्टी व 9 से 10 करोड़ सिलिका सेंड की रॉयल्टी वसूलनी होगी।
सांसद को मिलकर बताई पीड़ा क्षेत्र के लीज धारकों व ग्रामीणों ने गुुरुवार को खजवाना गांव में बैठक कर आगामी रणनीति बनाई। उसके बाद सांसद हनुमान बेनीवाल से मिलकर समस्या का उचित समाधान कराने गुहार लगाई।
इनका कहना है फिरोजपुरा, जुंजाला, खेड़ा नारनौलिया, रूपाथल, बोड़वा, खजवाना क्षेत्र की बजरी करीब 120 रुपए प्रति टन बिकती है। इस पर 123 रुपए प्रति टन रॉयल्टी लगने से यह दुगुनी महंगी हो जाएगी।
छोटूराम डुकिया, ग्रामीण बजरी की रेट से अधिक रॉयल्टी लगने से गरीब व मध्यम वर्ग को मिलने वाली सस्ती बजरी बंद हो जाएगी। जिससे वे बजरी नहीं खरीद पाएंगे। महेन्द्र डुकिया, व्यवसायी।
यहां की बजरी नहीं बिकने से लीज धारकों को नुकसान का सामना करना पड़ेगा। नुकसान के चलते खदाने बंद होने से ,सैंकड़ों लोगों के सामने रोजगार का संकट आएगा। राजेश डुकिया, युवा ग्रामीण।