सूत्रों के अनुसार विधानसभा के बाद लोकसभा चुनाव हुए। इस दौरान हिस्ट्रीशीटर पाबंद भी हुए पर कुछ के मामले में पुलिस की सख्ती ढीली रही। आलम यह रहा कि इनमें से कुछ ने राजनीतिक दलों के पक्ष में चुनाव प्रचार में भी हिस्सा लिया और मतदान को लेकर लोगों का डराया-धमकाया भी। इनमें से कुछ को पुलिस ने गिरफ्तार तक किया। जुआरी-सटोरियों पर भी पुलिस की लगाम ढीली दिखाई दी।
सूत्र बताते हैं कि कई हिस्ट्रीशीटर भू-माफिया बनकर काम कर रहे हैं तो कई नशीले पदार्थ के तस्करों को संरक्षण देने में लगे हैं। पुलिस इन पर अपना शिकंजा कस नहीं पा रही है। उधर, कई बदमाश अपराध दर अपराध कर यूं तो हिस्ट्रीशीटर का खिताब पा चुके हैं पर पुलिस की फाइल में अभी इनका नाम दर्ज नहीं हो पाया है। यह भी सामने आया कि इनमें से पचास फीसदी राजनीतिक गतिविधियों में भी खुद को शामिल रखते हैं।
सूत्रों का कहना है कि वर्ष 2022 में करीब तीन दर्जन हिस्ट्रीशीटर बढ़े थे, जबकि 45 हिस्ट्रीशीट का निस्तारण हुआ था। तब कुल 404 हिस्ट्रीशीटर शेष रहे थे। इसके बाद वर्ष 2023 में नागौर-डीडवाना का विभाजन हुआ, तब से अब तक करीब डेढ़ साल में तीन दर्जन हिस्ट्रीशीटरों की संख्या में बढ़ोत्तरी हो चुकी है। जल्द ही एक दर्जन की हिस्ट्रीशीट खुलने वाली है।
ये थाने अव्वल आंकड़ों पर नजर डालें तो कुचामन सिटी समेत करीब आधा दर्जन थानों में हिस्ट्रीशीटरों की संख्या दो दर्जन के आसपास है। इनमें कोतवाली में 28, सदर-चितावा में 24-24, कुचामन सिटी में 30, लाडनूं में सर्वाधिक 33, मेड़ता सिटी में 28 तो मकराना व डीडवाना में 18-18 हैं।
निगरानी में सुस्ती बताया जाता है कि इन हिस्ट्रीशीटरों की निगरानी में खासी सुस्ती बरती जा रही है। नियमों के मुताबिक थाना प्रभारी हर माह, सीओ तीन माह, एएसपी छह माह तो एसपी को एक साल में इनकी निगरानी के साथ रिपोर्ट देखनी होती है। थाने को इनके संबंध में किसी तरह की गतिविधियों की सूचना रखनी होती है। साथ ही चुनाव सहित अन्य बड़े अवसरों पर इनको पाबंद करना होता है। बावजूद इसके इन पर ऐसी कोई निगरानी नहीं हो रही।
इनका कहना आपराधिक गतिविधियों में लिप्त ऐसे लोगों पर पुलिस पूरी निगरानी रखती है। समाज में डर व्याप्त करने वाले ऐसे बदमाशों को समय-समय पर चिन्हित कर हिस्ट्रीशीट में शामिल किया जाता है। चुनाव हो या अन्य बड़े कार्यक्रम/आयोजन इनको पाबंद भी करते हैं। आमजन भी पुलिस को सहयोग कर ऐसे लोगों की संदिग्ध गतिविधि/क्रियाकलाप से अवगत कराए।
-नारायण टोगस, एसपी नागौर
बलात्कार के बाद आरोपी से निकाह, अब कराया मामला दर्ज
नागौर. दो साल पहले बलात्कार हुआ फिर आरोपी से शादी कर ली। बच्चा भी हो गया अब अपने ही पति के खिलाफ बलात्कार की जीरो एफआईआर पाली के ट्रांसपोर्ट नगर थाने से यहां सदर पहुंची है। मामले की जांच सदर सीआई अजय कुमार मीना कर रहे हैं। पुलिस के अनुसार युवती ने अपनी रिपोर्ट में बताया कि कुछ साल पहले वो यूपी से बासनी आई थी। जब वो नाबालिग थी तो यहां झाडू-पौछे का काम करती थी। इस दौरान यहां के मोहम्मद मुक्की ने उससे बलात्कार किया। बाद में उसी ने उससे निकाह कर लिया। अब उसके बच्चे भी हैं पर मोहम्मद मुक्की ने मारपीट कर उसे घर से बाहर निकाल दिया। बच्चे को जबरन बंधक बना रखा है। पीडि़ता पाली के अस्पताल में भर्ती है। सदर सीआई अजय कुमार मीना का कहना है कि वे सोमवार को पाली जाकर पीडि़ता का बयान लेंगे।