उन्होंने कहा कि जो ठेकेदार अधिकारियों, विधायक और सांसद के फोन नहीं उठाते हैं। ऐसे ठेकेदारों को बाहर निकालो, दूसरे ठेकेदार आ जाएंगे। जो ठेकेदार कहें कि ट्रांसफर कर दूंगा तो उसके लिए आप तैयार रहो, स्वाभिमान जरूरी है। पढ़-लिखकर अधिकारी बने हो, किसी नेता ने नहीं लगाया आपको। यहां नहीं तो और सही, और नहीं तो और कहीं सही। लोगों ने तो वनवास भी भोगा था, पता है आपको तो आजादी कैसे मिली थी।
ट्रांसफर हो जाएगा तो क्या होगा?
उन्होंने आगे कहा कि आजादी में कितने लोगों ने बलदान दिया था। इस बात का अहंकार होना चाहिए कि हम उस मिट्टी से आते है। क्या हो जाएगा बदली हो जाएगी तो? हमारे यहां तो पहले ऐसे-ऐसे एक्सईएन थे, जो बड़ी-बड़ी फैक्ट्रियां खोलकर जांचों को ही खा गए। क्या हुआ उनका? उनके नाम से तो पूरा राजस्थान जानता था। यह भी पढ़ें