सूत्रों के अनुसार एसओजी के हत्थे चढ़ा गंगासिंह खुद मूण्डवा ब्लॉक के राजकीय उच्च प्राथमिक विद्यालय, मिरजास में पीटीआई है। गंगासिंह मूलत: ईनाणा गांव का रहने वाला है। ओपीजेएस यूनिवर्सिटी के संचालक जोगेन्द्र सिंह व दलाल सुभाष के साथ मिलकर वह लोगों को फर्जी तरीके से बैक डेट में विभिन्न कोर्स की डिग्री व अंक तालिका उपलब्ध कराता था। इसके लिए उसे मोटा कमीशन मिलता था। इनमें बीपीएड, डीपीएड व अन्य कोर्स भी शामिल थे। ये फर्जी डिग्री/अंक तालिका सिर्फ पीटीआई भर्ती परीक्षा-2022 में ही नहीं कुछ अन्य भर्ती परीक्षा में भी काम लेने की पुख्ता जानकारी सामने आई है। कई ऐसे फर्जी डिग्रीधारी इन दिनों सरकारी नौकरी कर रहे हैं। इनमें खुद गंगासिंह तक शामिल है।
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सूत्र बताते हैं कि पिछले कुछ सालों में फर्जी अंक तालिका व डिग्री को लेकर एसओजी पहले भी नागौर जिले में कई बार दबिश दे चुकी है। पिछले साल प्रमोदसिंह समेत चार जनों को उठाया था, उनका लिंक भी इसी ओपीजेएस यूनिवर्सिटी की फर्जी डिग्री/अंक तालिका से था। वे भी कुचेरा-मूण्डवा के निवासी हैं। एसओजी जयपुर ने कार्रवाई की थी। मेड़ता समेत जिले में कुछ ऐसे शिक्षक भी जांच में फर्जी मिले जिन्होंने बीएड तक की फर्जी डिग्री लगाई थी।संचालक समेत कई जेल में
सूत्र बताते हैं कि ओपीजेएस यूनिवर्सिटी के संचालक जोगेन्द्र सिंह, पूर्व रजिस्ट्रार जितेंद्र यादव व सरिता कड़वासरा के साथ दलाल सुभाष पूनिया को पहले ही गिरफ्तार किया जा चुका है। ये सभी न्यायिक अभिरक्षा में हैं। मामले की जांच जयपुर एसओजी कर रही है।
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फ्तारअब फर्जी नौकरीशुदा पर तलवार…
सूत्रों का कहना है कि ओपीजेएस यूनिवर्सिटी की फर्जी डिग्री/अंक तालिका से नौकरी पाने वाले सभी पर तलवार लटक गई है। एसओजी ने यूनिवर्सिटी से तमाम रेकॉर्ड खंगाल लिया है, कब कितनी डिग्री/अंक तालिका जारी हुई। इनके नाम/पते के आधार पर दस्तावेजों के फर्जीवाड़े का खुलासा करने की तैयारी की जा रही है। गौरतलब है कि पहले भी सरकार को इस बाबत आगाह किया गया है कि फर्जी डिग्री के आधार पर नौकरी करने वालों की जांच हो और उन्हें नौकरी से निकाला जाए।