नागौर

सरकारी सुस्त तो निजी अस्पताल अनजान,पोर्टल में नहीं हो रही नवजात तक की एंट्री

टीकाकरण हो या प्रसव/जन्म, यू-विन पोर्टल में इसका तुरंत रजिस्ट्रेशन करना भले ही अनिवार्य हो पर निजी अस्पताल की तो छोड़ो अभी सरकारी संस्थाएं तक इसमें काफी पीछे हैं।

नागौरJan 11, 2025 / 08:42 pm

Sandeep Pandey

यू-विन पोर्टल को शुरू हुए छह महीने हुए

नागौर. टीकाकरण हो या प्रसव/जन्म, यू-विन पोर्टल में इसका तुरंत रजिस्ट्रेशन करना भले ही अनिवार्य हो पर निजी अस्पताल की तो छोड़ो अभी सरकारी संस्थाएं तक इसमें काफी पीछे हैं। कई ब्लॉक में तो हालत गंभीर है, यहां गर्भवती महिला के रजिस्ट्रेशन से लेकर इनके वैक्सीनेशन ही नहीं डिलीवरी तक की एंट्री नहीं की जा रही।सूत्रों के अनुसार नागौर (डीडवाना-कुचामन) जिले में डीडवाना, कुचामन, मकराना और नावां ब्लॉक का आलम तो यह है कि गर्भवती के रजिस्ट्रेशन के बाद उसके वैक्सीनेशन से डिलीवरी ही नहीं उसके हैपेटाइटस बी तक के टीकाकरण का इंद्राज नहीं किया जा रहा।
नागौर ब्लॉक की स्थिति ठीक-ठाक है। अकेले नागौर ब्लॉक में नवंबर-दिसम्बर में 1634 नवजात यू-विन पोर्टल में एंट्री हुए हालांकि इनमें निजी अस्पताल में हुए बच्चों की जानकारी पूरी नहीं है। यू-विन में नवजात की एंट्री के मामले में नागौर के अलावा मूण्डवा, खींवसर, जायल, डेगाना, लाडनूं की स्थिति ठीक-ठाक है पर मौलासर, परबतसर, मकराना व नावां में जन्म लिए बच्चों की यू-विन पोर्टल में एंट्री तक नहीं हो रही। इसका एक कारण यह भी है कि इसके लिए तय कार्मिक नहीं लगाए गए। रोजमर्रा की ड्यूटी वालों पर इसका काम भी लादा जा रहा है।
जानकारी के अनुसार गर्भवती महिला के वैक्सीनेशन से नवजात की एंट्री के अलावा बच्चों के टीकाकरण का मामला भी कुछ ब्लॉक में पिछड़ा हुआ है। बार-बार आगाह करने के बाद भी ठीक ढंग से एंट्री नहीं हो रही। यहां भी कुचामन सिटी, डीडवाना, नावां, परबतसर ब्लॉक टीकाकरण के मामले में बच्चों की एंट्री करने में पीछे हैं। कारण कुछ भी हो, इस पोर्टल का मुख्य उद्देश्य तो यह है कि हर जन्म लेने वाला बच्चा इस पोर्टल में दर्ज हो, बच्चों के टीकाकरण समय पर हो, तय तिथि से पहले मोबाइल के जरिए उसके परिजनों तक सूचना भेजी जाए। यही नहीं इस पोर्टल को ऐप के जरिए खोलकर खुद परिजन इसकी जानकारी ले सकें। यही नहीं इसका उद्देश्य नियमित टीकाकरण की इलेक्ट्रॉनिक रजिस्ट्री बनाए रखना है। यू-विन सभी गर्भवती महिला और 0-5 साल की उम्र के बच्चों के टीकाकरण के हर चरण को डिजिटल रूप से रिकॉर्ड करेगा ताकि समय पर वैक्सीनेशन हो।
निजी अस्पताल तो अभी भी अनजान…

होने वाले नवजात अथवा गर्भवती के अलावा अन्य बच्चों के टीकाकरण की जानकारी तुरंत यू-विन पोर्टल पर दर्ज करनी है, इससे अधिकांश निजी अस्पताल अनजान बने हुए हैं। जानते-बूझते भी उन्होंने तरीके से एंट्री शुरू नहीं की जबकि पोर्टल को शुरू हुए छह महीने हो गए। यू-विन का उद्देश्य वैक्सीनेशन सेवाओं की सारी सूचनाओं और डेटा को एक जगह उपलब्ध करवाना है। यह पोर्टल प्रेग्नेंसी के वक्त से ही डेटा इकठ्ठा करना शुरू करेगा और आगे चलकर नवजात शिशु के पंजीकरण, जन्म से वैक्सीनेशन रिकॉर्ड को इसमें जोड़ता जाएगा। वैक्सीनेशन की स्थिति और प्रसव के नतीजों पर रियल-टाइम अपडेट भी मुहैया कराएगा।
इनका कहना

टीकाकरण से लेकर बर्थ तक की हिस्ट्री इस पोर्टल में दर्ज रहेगी। इसका लाभ सबको है, बच्चों के वैक्सीनेशन से लेकर जन्म के समय का समस्त रिकॉर्ड इस पर उपलब्ध रहेगा। कुछ ब्लॉक में सरकारी संस्थाएं अभी इसमें थोड़ा उदासीन है, उन्हें निर्देश दिए गए हैं। निजी अस्पताल संचालकों की भी जल्द ही मीटिंग बुलाएंगे।
-डॉ महेश वर्मा, आरसीएचओ नागौर

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