परमाणु परीक्षण स्वर्णिम इतिहास
भाजपा प्रदेश कोषाध्यक्ष रामकुमार भूतड़ा ने कहा कि 1998 में पोकरण में परमाणु परीक्षण हमारा स्वर्णिम इतिहास है। डॉ एपीजे अब्दुल कलाम ने परीक्षण कर यह दिखा दिया कि भारत भी किसी से कम नहीं है। परीक्षण के बाद दुनिया ने हमारा लोहा माना और भारत भी परमाणु शक्ति संपन्न देशों की सूची में शामिल हो गया। इस दौरान विधायक हबीबुर्रहमान, प्रदेश मंत्री सरोज प्रजापत, भाजयुमो जिलाध्यक्ष नटवर व्यास भी उपस्थित रहे।
बेनीवाल ने राज्यपाल, मुख्य सचिव एवं जिला कलक्टर को लिखा पत्र
उधर, दो दिन पहले वन विभाग द्वारा ‘वानिकी एवं जैव विविधता परियोजना’ में किए गए ऋण की राशि के दुरुपयोग की जांच के लिए खींवसर विधायक हनुमान बेनीवाल ने राज्यपाल, मुख्य सचिव एवं जिला कलक्टर को पत्र लिखा है। विधायक बेनीवाल ने वानिकी एवं जैव विविधता परियोजना -2 के तहत जापान से लिए गए कर्ज की राशि का वन विभाग के अधिकारिायों द्वारा दुरुपयोग करने पर पूरे मामले की जांच स्वतंत्र एजेंसी से कराने के लिए राज्यपाल, राज्य के मुख्य सचिव डीबी गुप्ता एवं नागौर कलक्टर कुमारपाल गौतम से अपील की है। गौरतलब है कि बेनीवाल ने परियोजना पर हुए खर्च से सम्बन्धित सूचना विधानसभा में मांगी थी। इसके बाद राजस्थान पत्रिका ने समाचार प्रकाशित कर वन विभाग के अधिकारियों की कार्यशैली पर सवाल खड़े किए थे।
उधर, दो दिन पहले वन विभाग द्वारा ‘वानिकी एवं जैव विविधता परियोजना’ में किए गए ऋण की राशि के दुरुपयोग की जांच के लिए खींवसर विधायक हनुमान बेनीवाल ने राज्यपाल, मुख्य सचिव एवं जिला कलक्टर को पत्र लिखा है। विधायक बेनीवाल ने वानिकी एवं जैव विविधता परियोजना -2 के तहत जापान से लिए गए कर्ज की राशि का वन विभाग के अधिकारिायों द्वारा दुरुपयोग करने पर पूरे मामले की जांच स्वतंत्र एजेंसी से कराने के लिए राज्यपाल, राज्य के मुख्य सचिव डीबी गुप्ता एवं नागौर कलक्टर कुमारपाल गौतम से अपील की है। गौरतलब है कि बेनीवाल ने परियोजना पर हुए खर्च से सम्बन्धित सूचना विधानसभा में मांगी थी। इसके बाद राजस्थान पत्रिका ने समाचार प्रकाशित कर वन विभाग के अधिकारियों की कार्यशैली पर सवाल खड़े किए थे।
गौरतलब है कि सांझा वन प्रबंधन की प्रक्रिया से कराए गए पौधरोपण एवं जैव विविधता संरक्षण के कार्यों द्वारा वनाच्छादित क्षेत्र में वृद्धि करने, जैव विविधता को संरक्षित करने तथा वनों पर निर्भर जन समुदाय के आजीविका के अवसरों को बढ़ाने की बजाए वन विभाग के अधिकारियों द्वारा नौकरी बजाने पर राजस्थान पत्रिका ने चार दिन पहले समाचार प्रकाशित कर भ्रष्टाचार की पोल खोली थी। पत्रिका ने बताया था कि राज्य सरकार द्वारा हर वर्ष करोड़ों रुपए का बजट देने के बावजूद प्रदेश में वनाच्छादित क्षेत्र में वृद्धि होने की बजाए कम होती जा रही है।