नागौर

झूठे जाल में फंसकर लुटने के बाद भी बदनामी के डर से नहीं दर्ज कराते रिपोर्ट

नागौर. युवा हो या बुजुर्ग, हनी ट्रेप का शिकार हो रहे हैं। ब्लैकमेङ्क्षलग ज्यादा बढऩे पर ये पुलिस के पास तो पहुंचते हैं पर एफआईआर दर्ज कराने से मना कर देते हैं। केवल यही कहते हैं कि ऊपरी तौर पर ही समझा-बुझाकर पीछा छुड़ा दिया जाए। पुलिस के बार-बार कहने पर ये मामला दर्ज कराने से बचते हैं।

नागौरApr 07, 2024 / 09:19 pm

Sandeep Pandey

बदनामी का डर उन्हें एफआईआर दर्ज कराने से रोक रहा है। इनदिनों फर्जी लड़की बनकर चैट के जरिए भी लोगों को फंसाना शुरू हो गया है। कई मामले तो पुलिस तक भी नहीं पहुंचते।


बदनामी का डर उन्हें एफआईआर दर्ज कराने से रोक रहा है। इनदिनों फर्जी लड़की बनकर चैट के जरिए भी लोगों को फंसाना शुरू हो गया है। कई मामले तो पुलिस तक भी नहीं पहुंचते। पुलिस तक वे मामले ही पहुंच पाते हैं जिसमें लोग ब्लेकमैङ्क्षलग से बहुत ज्यादा परेशान हो जाते हैं। हाल ही एक ऐसा मामला नागौर पुलिस के सामने आया। पेशे से प्राइवेट नौकर को दूर शहर की एक युवती व उसके साथी ब्लेकमैल कर बड़ी रकम की डिमाण्ड कर रहे हैं और नहीं देने पर बलात्कार के आरोप में फंसाने की धमकी देते हैं। आए दिन फोन से परेशान होकर वो पुलिस के पास पहुंचा और आपबीती सुना भी दी पर एफआईआर/परिवाद दर्ज नहीं कराने की बात पर अड़ा हुआ है। और तो और अब पुलिस उसे इसके लिए बुला रही है पर वो आ नहीं रहा।
सूत्र बताते हैं कि मोबाइल ही नहीं अन्य माध्यम से शिकार तलाशे जा रहे हैं। अब नागौर में भी इस तरह का चलन बढ़ गया है। व्हाट््सऐप/फेसबुक समेत अन्य सोशल साइट के जरिए युवती का फर्जी प्रोफाइल बनाया जाता है, इसके बाद अश्लील चैङ्क्षटग के जरिए युवा ही नहीं बुजुर्ग तक को फंसाया जा रहा है। बाद में अलग-अलग नम्बरों से चैट/फोटो अथवा बातचीत को वायरल करने की धमकी देकर रकम ऐंठी जा रही है। कई ऐसे पीडि़त भी पुलिस के पास पहुंचे पर रिपोर्ट देने के झंझट से बचते दिखे। इनमे कई तो ऐसे थे जिन्होंने मांगने पर ऑनलाइन पैसे भी ट्रांसफर किए।
दो लाख से अधिक दे दिए फिर…
कुछ समय पहले सरकारी नौकरी से रिटायर नागौर के एक बुजुर्ग भी मदद के लिए पुलिस के पास पहुंचे। बिना रिपोर्ट दर्ज कराए एक अधिकारी को इन्होंने बताया कि एक महिला से सम्पर्क हुआ, एक-दो बार मुलाकात भी हुई। अब वो डरा-धमका रही है, अब तक दो लाख से अधिक रुपए ले चुकी है। अब बलात्कार के मामले में फंसाने की धमकी दे रही है। इस पर ऊपरी स्तर पर जैसे-तैसे मामला रफा-दफा हुआ।
मोटी कमाई का जरिया बनाया
साइबर समेत अन्य थाने तक ये मामले पहुंच रहे हैं । कुछ पीडि़त सिर्फ वरिष्ठ अधिकारियों से ही बात कर अपनी पीड़ा बता रहे हैं। कुछ युवती/महिला समेत अन्य बदमाशों ने इस तरह के गिरोह बना लिए हैं जो नागौर में हनी ट्रेप अथवा अन्य मामले में फंसाने के चलते मोटी कमाई कर रहे हैं। बदनामी के डर से कोई भी छोटी-मोटी रकम तो तुरंत ही दे रहा है, मामला बढऩे पर पुलिस के पास जाते भी हैं पर स्वयं की बदनामी के डर से मामला दर्ज कराने से बचते हैं।
बात यहीं खत्म नहीं होती, अलाय में एक छात्रा के साथ उसी स्कूल के अध्यापक के अश्लील वीडियो वायरल हुए। अध्यापक की एप्रोच के चलते मामला रफा-दफा हो गया, इसके बावजूद कई बदमाशों ने इन फोटो के जरिए ही उगाही कर डाली। पुलिस खुद मानती है कि किसी प्रेम प्रसंग के अश्लील फोटो/वीडियो वायरल होते ही ऐसे लोगों को कमाई का मौका मिल जाता है। कई लोग बदनामी के डर से इनके हत्थे चढ़ जाते हैं।
सूत्रों का कहना है कि नागौर जिले में अभी तक आधा दर्जन पीडि़तों ने ही थाने में एफआईआर दर्ज कराई जबकि शिकायत देकर राहत पाने वालों की संख्या काफी है। झूठे झांसे में पहले तो लोग फंस जाते हैं फिर जब डरा-धमका कर वसूली शुरू होती है तब पुलिस के पास पहुंचते हैं । इसमें भी बदनामी के डर से रिपोर्ट दर्ज नहीं कराते।

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