इसी प्रकार पिछले 9 साल से गोचर व अंगोर भूमि पर किए गए अतिक्रमण को हटाने के लिए खुडख़ुड़ा कलां के प्रेमाराम मेघवाल ने भी गुरुवार को फिर ज्ञापन सौंपा। प्रेमाराम ने ज्ञापन के माध्यम से कलक्टर को बताया कि ‘नागौर के अतिरिक्त जिला कलक्टर ने 13 जुलाई 2021 को जिला पुलिस अधीक्षक, नागौर उपखंड मजिस्ट्रेट, मूण्डवा तहसीलदार एवं खनि अभियंता को अतिक्रमण हटाने व पट्टे निरस्त करने के आदेश जारी किए थे, जिस पर तो कोई कार्रवाई हुई नहीं, उल्टा अतिक्रमियों ने खरीफ फसलों की बुआई कर दी।’ प्रेमाराम ने बताया कि कुछ दिन पूर्व मूण्डवा तहसीलदार, आरआई व पटवारी को लेकर गांव आए तो उसने मौके पर ले जाकर वस्तुस्थिति बताई, लेकिन उन्होंने न तो पट्टों को निरस्त किया और न ही अतिक्रमियों के खिलाफ कोई कार्रवाई की।
सुनवाई नहीं हुई तो गांधीजी का लिया सहारा
साडोकन के हरकाराम व खुडख़ुड़ा के प्रेमाराम पिछले कई वर्षों से सरकारी भूमि को अतिक्रमण मुक्त कराने की लड़ाई लड़ रहे हैं। हर महीने नागौर पहुंचकर जिला कलक्टर को ज्ञापन देते हैं, लेकिन कार्रवाई नहीं होने पर दोनों ने गांधीजी के समक्ष अपनी मांग रखी। गुरुवार को दोनों ने एक बैनर छपवाकर गांधीजी की प्रतिमा के सामने खड़े होकर सहयोग की अपील की।
साडोकन के हरकाराम व खुडख़ुड़ा के प्रेमाराम पिछले कई वर्षों से सरकारी भूमि को अतिक्रमण मुक्त कराने की लड़ाई लड़ रहे हैं। हर महीने नागौर पहुंचकर जिला कलक्टर को ज्ञापन देते हैं, लेकिन कार्रवाई नहीं होने पर दोनों ने गांधीजी के समक्ष अपनी मांग रखी। गुरुवार को दोनों ने एक बैनर छपवाकर गांधीजी की प्रतिमा के सामने खड़े होकर सहयोग की अपील की।
अधिकारी बने चिकने घड़े
दोनों ही परिवादियों ने बताया कि ऐसा नहीं है कि जिला कलक्टर उनकी मांग को अनसुना करते हैं, वे जैसे ही कलक्टर के सामने जाते हैं, कलक्टर हाथों-हाथ सम्बन्धित अधिकारियों से उनकी शिकायत को लेकर बात करते हैं तथा कार्रवाई के लिए सख्ती से निर्देश भी देते हैं, लेकिन अधीनस्थ अधिकारी कार्रवाई करने से गुरेज कर रहे हैं। जिला कलक्टर कार्रवाई को लेकर कई बार लिखित में निर्देश जारी कर चुके हैं, लेकिन अधिकारी चिकने घड़े बने हुए हैं।
दोनों ही परिवादियों ने बताया कि ऐसा नहीं है कि जिला कलक्टर उनकी मांग को अनसुना करते हैं, वे जैसे ही कलक्टर के सामने जाते हैं, कलक्टर हाथों-हाथ सम्बन्धित अधिकारियों से उनकी शिकायत को लेकर बात करते हैं तथा कार्रवाई के लिए सख्ती से निर्देश भी देते हैं, लेकिन अधीनस्थ अधिकारी कार्रवाई करने से गुरेज कर रहे हैं। जिला कलक्टर कार्रवाई को लेकर कई बार लिखित में निर्देश जारी कर चुके हैं, लेकिन अधिकारी चिकने घड़े बने हुए हैं।