हैरत की बात ये है कि बेनीवाल की सुरक्षा बढ़ाए जाने के इस पूरे घटनाक्रम में ना तो उन्हें फोन कॉल पर और ना ही किसी अन्य माध्यम से मैसेज के ज़रिए कोई व्यक्तिगत धमकी मिली है। ये सुरक्षा व्यवस्था सिर्फ खुफिया इनपुट्स के बाद बढ़ाई गई है।
सरकार खुलासा करे
अचानक सुरक्षा बढ़ाए जाने को लेकर जब विधायक बेनीवाल से पत्रिका ने बात की तो उन्होंने बताया कि पुलिस के उच्च अधिकारियों ने उन्हें बताया कि इंटेलिजेंस को मिले कुछ खुफिया इनपुट्स के चलते सुरक्षा बढ़ाई है, लेकिन तीन दिन बाद भी यह नहीं बताया कि कौनसी गैंग से खतरा है व क्यों है। उन्होंने कहा कि सरकार को मीडिया के सामने पूरा खुलासा करना चाहिए। बेनीवाल ने कहा कि मैं जम्मू-कश्मीर के नेताओं की तरह नजरबंद होकर रहने वालों में से नहीं हूं। यदि इंटेलिजेंस को कोई इनपुट मिले हैं तो तीन बाद भी किसी को गिरफ्तार क्यों नहीं किया गया। तीन दिन में प्रदेश की पुलिस ने क्या कार्रवाई की, इसकी भी जानकारी देनी चाहिए।
हमने सुरक्षा की मांग नहीं की
सोशल मीडिया के माध्यम से बेनीवाल के समर्थकों की ओर से उनकी सुरक्षा बढ़ाए जाने की मांग करने को लेकर विधायक ने कहा कि उनकी सुरक्षा प्रदेश के किसान और जवान करते हैं। उन्होंने न तो पहले कभी सुरक्षा की मांग की और न ही अब करेंगे। उन्होंने कहा कि समर्थकों को चिंता है, इसलिए वे मांग करते हैं। उन्होंने कहा कि प्रदेश में कानून व्यवस्था चौपट है और अपराधियों के हौसले बुलंद है।