स्वर साधना में रविवार को निकटवर्ती हरिमा के संगीत शिक्षक भूराराम शर्मा व उनकी शिष्या कांता शर्मा ने अलग-अलग रागों की बंदिशे व तराने सुनाकर समां बांध दिया। संगीत शिक्षक शर्मा ने अलग-अलग रागों पर आधारित बंदिशे सुनाई तथा गुरु के आदेश पर कांता शर्मा ने राग दरबारी कानड़ा में ‘घर जाने दे छोड़ मेरी बयां’ तथा बड़ा खयाल ‘पत्तियां ना आई…’ सुनाकर माहौल में सुरों की मिठास घोल दी। इससे पूर्व आकाशवाणी गायक कैलाश माकड़ ने ‘बस्ती-बस्ती पर्वत-पर्वत गाता जाए बंजारा’, ‘मेरी याद में तुम न आंसू बहाना’ जैसी एक से एक रचनाएं पेश की। कार्यक्रम में नरेन्द्र पारीक, लक्ष्मीनारायण सोनी, शरद जोशी, प्रीतम भट्ट, गणेश त्रिवेदी ने प्रस्तुतियां दी। गणेश वंदना देवेन्द्र त्रिवेदी ने की और कई गज़लें पेश की। तबले पर एल.के. झा, नरेन्द्र जोशी ‘प्रेमी’, अजय व्यास ने संगत की।