नावां शहर. विधानसभा चुनावों को साल का समय है, लेकिन भाजपा व कांग्रेस दोनों दलों ने ग्राउंड स्तर पर तैयारियां शुरू कर दी है। एक तरफ कांग्रेस भारत जोड़ो यात्रा के माध्यम से राजस्थान में माहौल बनाने में जुटी है, वहीं भाजपा जन आक्रोश यात्रा निकाल कर रणनीति बनाने में जुरी हुई है। भाजपा की जन आक्रोश रथ यात्रा की मॉनिटरिंग जिला मुख्यालय नागौर व जयपुर की बजाय दिल्ली मुख्यालय से हो रही है। इसमें पार्टी की ओर से संभागवार टीमों का गठन किया गया है। हर रथ के साथ टीम के लोग स्थानीय लोगों से सम्बंधित विधानसभाओं के नेताओं की जानकारी व उनका फीडबैक मांग रहे हैं। क्षेत्र में कितनी सक्रियता है, कांग्रेस सरकार की विफलताओं को लेकर लोगों में किस प्रकार का माहौल है। इसके साथ ही रोजाना कितना कवरेज मिला। कौनसे स्थान पर मिला है। इसके बारे में जानकारी जुटाई जा रही हैं। भाजपा के उच्च स्तरीय पदाधिकारियों ने बताया कि यात्रा के माध्यम से किसानों की कर्ज माफी, महिला अत्याचार, अपराध जैसे मुद्दों को प्रमुखता से उठा रहे हैं। इसके साथ ही केंद्र सरकार की उपलब्धियां भी बताई जा रही है। नावां विधानसभा क्षेत्र सहित पूरे प्रदेश में यात्रा निकाली जा रही है।
ऐसे काम कर रहा पूरा सिस्टम 1.नुक्कड़ सभा: रथ यात्रा का पूरा रूठ पहले से ही तय होता है। हर गांव में कितना रुकना है। इसे लेकर टीम द्वारा मिनट-टू-मिनट पूरा सिस्टम तैयार है। किस गांव में सभा करनी है। किसमें नुक्कड़ सभा का आयोजन होना है। इसे लेकर पूरी जानकारी होती है।
2.वक्ता व संख्या: हर विधानसभा में नुक्कड़ सभा के दौरान नए वक्ता रहते हैं। इसके साथ अधिकतर सूचियां भी जारी होती है, जो दूसरे दिन यात्रा के साथ रहते हैं। इसके साथ ही उनको पहले से ही सभी जानकारियां उपलब्ध रहती है।
2.वक्ता व संख्या: हर विधानसभा में नुक्कड़ सभा के दौरान नए वक्ता रहते हैं। इसके साथ अधिकतर सूचियां भी जारी होती है, जो दूसरे दिन यात्रा के साथ रहते हैं। इसके साथ ही उनको पहले से ही सभी जानकारियां उपलब्ध रहती है।
3.गूगल फार्म: इसके माध्यम से टीम द्वारा रथ कितने किलोमीटर घुमा, किन-किन गांवों में घुमा, कौनसे गांव में कितने समय तक रुका जैसी जानकारी होती है। इसकी सभा का फोटो ,वीडियो महिला व पुरुषों की संख्या सहित वक्ता का भी सम्बोधन होता है।
4.संभागवार ग्रुप: इनके पास है। रोजाना पूरी मॉनिटरिंग का जिम्मा है। यह गुप्त ग्रुप है। इसकी जानकारी केवल दिल्ली तक जुड़ी है। इसमें हर सभा का विश्लेषण किया जाता है। इसके बाद ही फीडबैक जाता है।
4.संभागवार ग्रुप: इनके पास है। रोजाना पूरी मॉनिटरिंग का जिम्मा है। यह गुप्त ग्रुप है। इसकी जानकारी केवल दिल्ली तक जुड़ी है। इसमें हर सभा का विश्लेषण किया जाता है। इसके बाद ही फीडबैक जाता है।
5.एडवांस टीम: रथ दूसरे दिन कहा जाएगा। इसकी जिम्मेदारी पूरी टीम के पास होती है। यह टीम पहले ही गांवों में पंहुच जाती है, ताकि वहां के लोगों को इसके बारे में जानकारी दे सकें। इसमें किसान चौपाल, युवा चौपाल, महिला चौपाल सहित अनेक कार्य तय होते हैं।
6.यात्रा रूट टीम: विधानसभा के अनुसार यात्रा का पूरा रूट चार्ट तैयार होता है। इससे किसी नेता के पहुंचने की भी जानकारी होती है। सामाजिक कार्यक्रमों में सहभागिता से लेकर अन्य कार्यक्रमों में भी जाने को लेकर जानकारी होती है।
6.यात्रा रूट टीम: विधानसभा के अनुसार यात्रा का पूरा रूट चार्ट तैयार होता है। इससे किसी नेता के पहुंचने की भी जानकारी होती है। सामाजिक कार्यक्रमों में सहभागिता से लेकर अन्य कार्यक्रमों में भी जाने को लेकर जानकारी होती है।
इनका कहना
शिकायत बॉक्स में ले रहे समस्या जन आक्रोश यात्रा कांग्रेस की नाकामियों को जनता के बीच में लेकर जा रहे हैं। शिकायत बॉक्स के माध्यम से स्थानीय समस्या के बारे में जानकारी ले रहे हैं। जिसकी पूरी रिपोर्ट तैयार होगी। यात्रा को लेकर वक्ताओं से लेकर अन्य सिस्टम भी काफी हाइटेक है।
कौशल शर्मा, प्रभारी जन आक्रोश यात्रा।
शिकायत बॉक्स में ले रहे समस्या जन आक्रोश यात्रा कांग्रेस की नाकामियों को जनता के बीच में लेकर जा रहे हैं। शिकायत बॉक्स के माध्यम से स्थानीय समस्या के बारे में जानकारी ले रहे हैं। जिसकी पूरी रिपोर्ट तैयार होगी। यात्रा को लेकर वक्ताओं से लेकर अन्य सिस्टम भी काफी हाइटेक है।
कौशल शर्मा, प्रभारी जन आक्रोश यात्रा।
केप्सन:- 1. नावां क्षेत्र में जन आक्रोश यात्रा को लेकर संबोधित करते हुए ।