नागौर

तीन साल में तीस करोड़ की साइबर ठगी, आरोपी पकड़े गए पर नहीं मिला धेला

हर साल नागौर जिले में साइबर अपराध के करीब पांच सौ मामले बढ़ रहे हैं। पिछले तीन साल के आंकड़े यह भी बताते हैं कि साइबर ठगी के अधिकांश मामलों का निस्तारण नहीं हो पा रहा

नागौरJan 06, 2025 / 07:57 pm

Sandeep Pandey

एक चौथाई मामले हुए निस्तारित

केस-1
शेयर मार्केट में रकम लगाकर चार-पांच गुना लाभ कमाने का झांसा देकर नौसेना में कार्यरत जवान बनवारी लाल से करीब अस्सी लाख की साइबर ठगी हुई। दस्तावेज लेकर कथित डिमेट एकाउण्ट भी बनवा लिया और बताए गए खातों में रकम मांगते रहे, अब ना रकम वापस कर रहे हैं ना ही फोन उठा रहे हैं।
केस-2

विदेश में एक निजी कम्पनी में कार्यरत युवती के साथ तीन अन्य लोगों को अरेस्ट करने के एक साइबर ठग के फोन ने नागौर की कामकाजी महिला के होश उड़ा दिए। शातिर ठग ने डिजिटल अरेस्ट के जरिए भारी रकम ट्रांसफर कराने की कोशिश की, हालांकि महिला की सूझबूझ से वह कामयाब नहीं हो पाया।
केस-3

मेड़ता निवासी अमनदीप कौर पत्नी संदीप सिंह को भी बड़ा मुनाफा कमाने का झांसा देकर साइबर ठग करीब 33 लाख की चपत लगा गए। इस मामले में नौ आरोपी गिरफ्तार हुए। गंभीर प्रकृति के इस मामले में आरोपियों की जमानत अर्जी तक खारिज हो चुकी है।
एक्सपोज

नागौर. हर साल नागौर जिले में साइबर अपराध के करीब पांच सौ मामले बढ़ रहे हैं। पिछले तीन साल के आंकड़े यह भी बताते हैं कि साइबर ठगी के अधिकांश मामलों का निस्तारण नहीं हो पा रहा। साधन-संसाधन की कमी के साथ लोग भी मोटे मुनाफे के झांसे में फंसकर खुद अपनी रकम इन्हें सौंप रहे हैं। तीन साल में करीब तीस करोड़ की ठगी हुई, कुछ मामलों में आरोपी पकड़े भी गए पर फरियादियों को उनकी रकम वापस नहीं मिली। असल में पकड़े गए आरोपियों के पास रकम मिली ही नहीं।
सूत्रों के अनुसार अकेले नागौर जिले में पिछले तीन साल में साइबर अपराध व ठगी के करीब साढ़े चार हजार मामले दर्ज हुए। वर्ष 2022 में इनकी संख्या करीब एक हजार थी जो वर्ष 2023 में बढ़कर पंद्रह सौ हो गए। इसके अगले ही वर्ष यानी 2024 में इनकी संख्या दो हजार पार कर गई। अधिकांश मामले साइबर ठगी के रहे। दो-पांच हजार से लेकर एक-डेढ़ करोड़ तक की ठगी हुई। एक अनुमान के मुताबिक इन साइबर ठगी की रकम तीस करोड़ से अधिक बताई जा रही है।
सूत्र बताते हैं कि पिछले साल औसतन रोजाना चार-पांच मामले दर्ज हुए। साइबर ठगों ने सामान्य महिला/युवाओं को ही नहीं सरकारी अधिकारियों से लेकर वकील/न्यायिक अफसर तो क्या पुलिसकर्मियों तक को नहीं छोड़ा। डॉक्टर/इंजीनियर ही नहीं कई शिक्षाविद साइबर ठगी का शिकार हुए। यहां तो उन मामलों की संख्या बताई गई जो साइबर अथवा अन्य थानों में पहुंचे। बदनामी अथवा अन्य कारणों से बहुत से पीडि़तों ने रिपोर्ट तक दर्ज नहीं कराई।
एक चौथाई मामलों में सफलता

बताया जाता है कि पुलिस साइबर ठगी के एक चौथाई मामले के आरोपियों तक ही पहुंच पाई। जामताड़ा, दिल्ली, बिहार समेत अन्य दूर-दराज हिस्सों से कई आरोपी भी पकड़े गए पर रिफण्ड के नाम पर ठगी की रकम का मामूली सा हिस्सा भी पीडि़तों के हाथ नहीं लगा। तुरंत शिकायत मिलने पर सजग रहकर जो रकम होल्ड कराई जाती है बस उसे ही पुलिस अपनी सफलता बताती है। वर्ष 2024 में ही सात करोड़ से अधिक की साइबर ठगी/धोखाधड़ी हुई। तीन साल में यह ठगी करीब तीस करोड़ के आसपास बताई जाती है, इसमें इक्का-दुक्का मामलों को छोड़ दें तो आरोपी पकड़े भी गए तो धेला तक फरियादी को नहीं मिल पाया।
साधन-संसाधन बेहद कम…

साइबर अपराध को काबू पाने के तमाम साधन-संसाधन लचर हैं। करीब ढाई साल पहले साइबर थाना खुला था, यहां लम्बे समय तक सीआई का पद खाली रहा तो एसआई के तीन पदों पर तो आज तक भरे ही नहीं। कुछ साल पहले यह भी तय हुआ था कि हर थाने में दो साइबर एक्सपर्ट/पुलिसकर्मी होंगे जो इन पर ही फोकस करेंगे। हालात यह है कि पचास फीसदी थानों में तो एक-एक साइबर एक्सपर्ट तक तैनात नहीं है। इसके अलावा उससे अन्य रुटीन की ड्यूटी में झोंक दिया जाता है। साइबर मामलों के अनुसंधान पर ही ठीक ढंग से ध्यान नहीं दिया जाता।
कैसे सफल होगा अभियान…

साइबर अपराध की रोकथाम के साथ जनता को जागरूक करने के लिए साइबर शील्ड अभियान शुरू किया गया है। 31 जनवरी तक चलने वाले इस अभियान के दौरान साइबर अपराधों पर अंकुश लगाने, साइबर प्रकरण और परिवादों के निस्तारण के साथ नागरिकों को साइबर सुरक्षा और साइबर अपराध के प्रति जागरूक किया जाएगा। इस अभियान में पुलिस विभाग साइबर क्राइम रिपोर्टिंग पोर्टल और 1930 की शिकायतों व परिवादों का निस्तारण करेगा। संदिग्ध सिम और आईएमईआई नम्बरों की पहचान कर ब्लॉकिंग की कार्रवाई होगी। साइबर अपराध में वांछित आरोपी, गुमशुदा व चोरी हुए मोबाइल हैंडसेट की बरामदगी कर पीडि़तों को लौटाने के साथ साइबर अपराधियों का डेटाबेस भी तैयार होगा। अब गिनती की नफरी से यह अभियान कैसे सफल होगा।

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