नागौर

Cyber Crime: राजस्थान में रुक नहीं रही साइबर ठगी, तीन वारदात में फिर लाखों की चपत, इन बातों का रखें ध्यान

Cyber Crime: साइबर ठगी रुक नहीं रही। नए-नए बहाने तलाश कर लोगों की रकम में सेंध लगाई जा रही है। साइबर ठगों ने अपनी कारस्तानी से तीन वारदातों को अंजाम दिया।

नागौरJul 13, 2023 / 03:56 pm

Nupur Sharma

ऑनलाइन फ्रॉड

नागौर/पत्रिका। Cyber Crime Alert: साइबर ठगी रुक नहीं रही। नए-नए बहाने तलाश कर लोगों की रकम में सेंध लगाई जा रही है। साइबर ठगों ने अपनी कारस्तानी से तीन वारदातों को अंजाम दिया। पुलिस मामलों की जांच कर रही है। यही नहीं अब तो कोई संवाद की जरुरत तक नहीं रही, किसी भी लिंक को क्लिक करने का जोखिम उठाने पर भी खाते से रकम गायब हो रही है।

साइबर थाने में एक ऐसा ही मामला सामने आया। बैंककर्मी भावण्डा निवासी विजयपाल सिंह (33) के मोबाइल में दस जुलाई को एक लिंक आया, जिसे क्लिक करने पर खाते में से दो बार ट्रांजेक्शन हुआ। करीब एक लाख की चपत लगने के बाद ढेरों मैसेज भी आए। साइबर थाना पुलिस ने जांच शुरू की है।

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गुम मोबाइल से भी हेराफेरी
लाडनूं से भी साइबर थाना पुलिस को एक शिकायत मिली है। रामधन ने अपनी शिकायत में बताया कि उसका मोबाइल गुम हो गया। स्क्रीन लॉक नहीं थी। कुछ दिन बाद उसे पता लगा कि उसके फोन पे से एक लाख 70 हजार की धोखाधड़ी हो गई। संभवतया फोन-पे पर कोड रीसेट कर ठग ने उसे चपत लगा दी।

झांसा देकर लगाई चपत
ढींगसरा निवासी प्रहलादराम के साथ भी कुछ इसी तरह की वारदात हुई। उसने अपनी रिपोर्ट में बताया कि उसके पास फोन आया, जिसकी ट्रू कॉलर आईडी पर एसबीआई कस्टमर केयर लिखा हुआ था। फोन पर उसे कहा गया कि हाल ही में जारी आपका एटीएम कार्ड इंटरनेशनल सेवा से जुड़ा हुआ है। इसका मासिक चार्ज करीब बारह हजार रुपए होगा। इसको बंद करने के लिए एटीएम नंबर देने होंगे। प्रहलादराम ने एटीएम नंबर देने से मना कर दिया तो उससे कहा कि आप एनी डेस्क एप डाउनलोड करके भी बंद कर सकते हैं। इस पर उससे यह एप डाउन लोड करवा दिया गया। फिर फोन-पे के जरिए मोबाइल नंबर के प्रथम पांच अंक डालने को कहा, प्रहलादराम के मना करने पर कहा कि ऐसा नहीं करने पर आपका ट्रांजेक्शन नहीं होगा। उसके कहे अनुसार नंबर डालते ही 97 हजार 833 रुपए खाते से गायब हो गए।

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इसका रखें ध्यान
साइबर एक्सपर्ट राकेश सांगवा का कहना है कि मोबाइल फोन चोरी या खोने पर मिसिंग की रिपोर्ट कर मोबाइल ब्लॉक रवाना चाहिए। मिसिंग रिपोर्ट संबंधित पुलिस थाने पर या पुलिस वेब पोर्टल पर जाकर ऑनलाइन भी दर्ज करवाई जा सकती है। खोए हुए मोबाइल नंबर की नई सिम मोबाइल सेवा प्रदाता कंपनी से प्राप्त करें और ओटीपी सुविधा प्रारंभ होने तक 24 घंटे इंतजार करें। जैसे ही खोए या चोरी हुए मोबाइल फोन उपकरण में नया मोबाइल नंबर एक्टिव होगा, तुरंत अलर्ट मैसेज प्राप्त होगा जो चोर को पकड़वाएगा।

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