video—डीडवाना के नमक पर संकट : सीवरेज का पानी लील रहा नमक क्यारियां
– 1290 नमक क्यारियां हो चुकी बंद, सुविधाओं के अभाव में हालात से जूझ रहे 1500 श्रमिक- देश की हर रसोई की पहली मांग रहा डीडवाना का नमक, अब केवल पंजाब व हरियाणा तक
-मजदूरों को न पीने का पानी, न सुस्ताने के लिए छांव,
डीडवाना. सुखाने के लिए नमक क्यारियों में बनाई गई ढेरिया।
बजरंग पारीक डीडवाना (nagaur). पूरे भारत में खाने का स्वाद बढाने वाले डीडवाना के नमक व्यवसाय पर अब धीरे-धीरे संकट के बादल मंडरा रहे। यहां पर श्रमिकों और कारोबारियों को व्यापार के लिए कोई सुविधा नहीं मिल रही। नतीजा यह कि नमक क्षेत्र में काम करने वाले लगभग 1500 मजदूर हालातों के आगे मानो मजबूर गए। यहां 1290 नमक क्यारियां बंद हो चुकी। एक समय था जब पूरे भारत में डीडवाना में बनने वाला नमक खाने का जायका बढाता था, जबकि वर्तमान में केवल पंजाब व हरियाणा तक ही नमक की पूर्ति रह गई।
प्राप्त जानकारी के अनुसार पिछले तीन-चार साल में नमक व्यवसाय पर संकट के बादल मंडराने शुरू हो गए। नमक श्रमिक अपनी मजबूरी के बोझ तले दबे यहां मजदूरी करते नजर आ रहे। कारोबारी भी अब धीरे-धीरे चिंता में डूब रहे। नमक उत्पादन के मामले में डीडवाना शहर का नाम इतिहास के पन्नों में दर्ज रहा। सांभर, पंचभद्रा, लूणकरणसर की तरह डीडवाना से भी देशभर में नमक की पूर्ति की जा रही थी। पिछले तीन-चार सालों में अनदेखी व सुविधा नहीं मिलने के कारण नमक व्यवसाय पर संकट आ गया। न समय पर स्वास्थ्य जांच और न ही सुविधाएं
डीडवाना नमक क्षेत्र में लगभग 1500 मजदूर रोजी-रोटी कमा रहे। जहां इन मजदूरों के लिए सुविधाएं बढनी थी, वहीं पिछले लगभग चार साल में सुविधाएं खत्म होती जा रही। नमक के पानी में खुले पाव (बिना रबर शूज के) काम करते मजदूर अपनी समस्याएं कहे तो भी किसे? श्रमिकों ने बताया कि नमक क्षेत्र को दो भागों में बांटा गया, जहां सर्दियों के दिनों में लगभग आठ-नो सौ व गर्मियों के दिनों में लगभग 1500 मजदूर काम कर रहे। नमक क्षेत्र में न तो मजदूरों के लिए पीने के पानी की व्यवस्था रही और न ही कोई छांव की। शिविर के माध्यम से होने वाली मजदूरों के स्वास्थ्य की जांच भी अब नहीं हो रही। बारिश में यहां मजदूरों के लिए कोई अन्य रोजगार भी अब नहीं रहे। सीवरेज के गंदे पानी ने बढ़ाई चिंता
खारड़ों में काम कर रहे श्रमिकों व व्यापारियों ने बताया पहले यहां सुरक्षा थी कि बाहर का पानी नमक क्षेत्र में नहीं आये। अभी शहर का सीवरेज का पानी नमक क्षेत्र में पहुंचा दिया। 12 इंच की लाइन शेखा का ताल में व 12 इंच की पाइप लाइन बालिया ताल में डालते हुए सीवरेज का व शहर का गंदा पानी नमक क्षेत्र में छोड़ा जा रहा, जिसके बाद यहां स्थित 1667 नमक क्यारियों में से 1292 नमक क्यारियां बंद हो चुकी। अब 375 नमक क्यारियां ही चालू रही। सुविधा बंद हुई तो अब पूरे देश में नहीं पहुंच रहा डीडवाना का नमक
नमक व्यापारियों ने बताया कि वर्तमान में यहां से नमक हरियाणा और पंजाब जा रहा, जबकि पहले यहां के बने नमक से भारत भर में आपूर्ति की जाती थी। पहले नमक को रेल सेवा के माध्यम से देश के कोने -कोने में भेजा जाता था, लेकिन वर्तमान में रेलवे की ओर से उक्त सुविधा के लिए ऐसी शर्त लगा दी कि अब नमक पूरे भारत में नहीं भेजा जा सकता। व्यापारियों ने बताया पहले नमक भेजने के लिए रेल में एक- दो डिब्बा मांगते तो भी मिल जाता था, जबकि अब पूरी रैक लगने पर ही नमक बाहर भेजने के लिए रेल का डिब्बा मिल रहा। ऐसे में ट्रक ही एकमात्र साधन रह गए। जिनका भाड़ा अधिक लगने से धीरे-धीरे पूरे देश में डीडवाना से नमक की सप्लाई बंद हो गई। श्रमिकों की जुबानी…मुझे नमक में काम करते हुए लगभग 20 साल हो गए। शूज तक नहीं मिलते। पैर की चमड़ी खराब हो रही। पीने के पानी की भी कोई सुविधा नहीं। अब स्वास्थ्य जांच शिविर भी नहीं लगाया जाता। सुखाराम, नमक श्रमिक
इधर की तरफ तीन सौ-साढे तीन सौ, माताजी क्षेत्र में भी चार-पांच सौ मजदूर है। सर्दियों के समय आठ सौ या नौ सौ मजदूर काम करते हैं, गर्मी के मौसम के समय लगभग पन्द्रह सौ मजदूर यहां पर काम करते हैं। छाव के लिए पहले यहां पर शेल्टर बने थे, वो सभी गिर गए। भगवान, नमक श्रमिक
— सीवरेज का पूरा पानी नमक क्षेत्र में छोड़ दिया गया। इसकी वजह से यहां पर नमक की क्यारिया चल नहीं पा रही। पहले यहां पर 1500 क्यारियां चलती थी, केवल सौ-डेढ सौ क्यारी बंद थी। अभी सब क्यारिया बंद हो चुकी। केवल 375 क्यारियां ही चल पा रही। रेलवे भी अब पूरी रैक की शर्त लगाने लग गया। इसके चलते पूरे भारत में यहां से नमक की पहुंच बंद हो गई। सरकार को इस ओर ध्यान देना चाहिए।
मूलाराम, नमक व्यापारी
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