दूसरा ठेकेदार भी पहले जैसा निकला कलक्टर ने पीडब्ल्यूडी के प्रमुख शासन सचिव को लिखे पत्र में बताया कि नागौर-बीकानेर हाइवे पर रेलवे समपार सख्या-61 पर सा.नि.वि.एन.एच. की ओर से ई.सी.सी. मोड पर रेलवे ओवरब्रिज के लिए वर्ष 2016 में राशि 25.74 करोड़ रुपए का बजट स्वीकृत कर ठेका दिया तथा संवेदक ने सितम्बर 2017 में काम शुरू किया था। इस प्रोजेक्ट को पूरा करने की तिथि 14 दिसम्बर 2018 तक थी। इस आरओबी का निर्माण शुरू से ही धीमी गति से होकर आज भी सात वर्ष बाद अधूरा है। सा.नि.वि.एन.एच. खण्ड नागौर से प्राप्त रिपोर्ट के अनुसार प्रथम संवेदक ने 5 वर्ष 8 माह बाद 64 प्रतिशत कार्य किया। इसके बाद विभाग ने अनुबंध निरस्त कर शेष कार्य के लिए 9.51 करोड़ का नया टेण्डर किया। जिसके बाद द्वितीय संवेदक ने निर्माण कार्य 26 सितम्बर 2023 को शुरू किया तथा 27 जून 2024 को 9 माह में काम पूरा करना था। लेकिन द्वितीय संवेदक की ओर से भी प्रथम संवेदक की तरह ही प्रोजेक्ट कार्य को अत्यधिक धीमी गति से किया जा रहा है।
पत्रिका की खबरों का दिया हवाला कलक्टर ने अपने पत्र में राजस्थान पत्रिका में प्रकाशित खबरों के तत्यों को समाहित करते हुए समाचारों की कटिंग भी प्रमुख शासन सचिव को भेजी है। पत्रिका ने समाचार प्रकाशित कर बताया था कि फाटक के पार करीब दस समाज के मोक्ष धाम है। कलक्टर ने इस बात को अपने पत्र में अंकित करते हुए बताया कि सभी का रास्ता ओवरब्रिज से होकर जाता है। इसी प्रकार कलक्टर ने बताया कि ओवरब्रिज से नागौर शहर की करीब एक लाख आबादी का आवागमन आरओबी के अधूरा होने से बाधित हो रहा है। नागौर शहर के लोगों का कृषि मण्डी, मुख्य जिला अस्पताल, कृषि कॉलेज, पॉलिटेक्निक कॉलेज, नर्सिंग कॉलेज, केन्द्रीय विद्यालय, राजकीय स्वामी विवेकान्नद मॉडल स्कूल एवं रीको एरिया (नया एवं पुराना) के आवागमन का एकमात्र सीधा रास्ता इसी आरओबी से होकर जाता है।
ठेकेदार को नोटिस दिया है आरओबी का निर्माण कार्य शीघ्र पूरा करने के लिए हमने ठेकेदार को नोटिस दिया है। समय बढ़ाना है या पैनल्टी लगानी है, इसका निर्णय ऊपर से तय होगा।
– दीपक परिहार, एक्सईएन, पीडब्ल्यूडी एनएच, नागौर प्रयास कर रहे हैं आरओबी का निर्माण कार्य शीघ्र पूरा करवाने को लेकर मैंने सार्वजनिक निर्माण विभाग के प्रमुख शासन सचिव को पत्र लिखा है। साथ ही एनएच के एक्सईएन को भी बुलाकर वस्तुस्थिति की जानकारी ली तो उन्होंने बताया कि पटरियों के ऊपर रखे गए गर्डर के टेक्नीकल इश्यू की वजह से काम में देरी हो रही है। रेलवे की इंजीनियर की ओर से ओके होने के बाद आगे का काम शुरू करेंगे। इसके साथ फाटक खोलने की मांग को देखते हुए हमने रेलवे के अधिकारियों को बोला है। प्रयास कर रहे हैं कि निर्माण कार्य जल्द से जल्द पूरा हो।
– अरुण कुमार पुरोहित, जिला कलक्टर, नागौर