निष्क्रियता को बनाया हथियार
सूत्रों की मानें तो मुख्य उप सचेतक महेन्द्र चौधरी, कांग्रेस नेता रिछपाल सिंह मिर्धा, पूर्व जिलाध्यक्ष जगदीश नारायण शर्मा, नगर परिषद सभापति कृपाराम सोलंकी, हनुमान बांगड़ा समेत अन्य नेता एआईसीसी दफ्तर पहुंचे व काजी निजामुद्दीन समेत पार्टी पदाधिकारियों के सामने बात रखी। कहा जा रहा है कि इन नेताओं ने ज्योति को टिकट दिए जाने के विरोध के जो कारण बताए हैं, उसमें साढ़े चार साल तक क्षेत्र में मिर्धा की निष्क्रियता की बात भी शामिल है। आला कमान पर दबाव बनाकर टिकट कटवाने में सफल रहते हैं तो समीकरणों को ध्यान में रखते हुए रिछपाल सिंह मिर्धा, जिला प्रमुख सुनीता चौधरी, कांग्रेस जिलाध्यक्ष जाकिर हुसैन गैसावत, हरेन्द्र मिर्धा के नामों पर विचार किया जा सकता है।
टिकट मांगना सबका अधिकार
टिकट मांगना सबका अधिकार है,पार्टी टिकट देगी तो चुनाव लडूंगी, नहीं तो पार्टी जिसे टिकट देगी उसके साथ रहूंगी।
डॉ. ज्योति मिर्धा, पूर्व सांसद, नागौर