गौरतलब है कि चुनाव की तारीख नजदीक आने के साथ ही राजनीतिक दलों की ओर से लगाए जा रहे मतदाता सूचियों में फर्जी नामों के आरोपों के निस्तारण व फर्जी मतदान पर अंकुश लगाने के लिए अब प्रशासन तकनीक की मदद लेगा। इसके लिए आगामी दिनों में शुरू होने वाले मतदाता सूची पुनरीक्षण अभियान के दौरान सॉफ्टवेयर की मदद ली जाएगी। हालांकि अभी सॉफ्टवेयर में सामने आ रही दिक्कतों को दूर करने का प्रयास किया जा रहा है। जल्दी ही इन्हें दूर कर सॉफ्टवेयर काम में लेना शुरू किया जाएगा। जिला प्रशासन के मुताबिक निर्वाचन विभाग ने सॉफ्टवेयर तैयार करवाया है।
ऐसे होगा फर्जी नामों का खुलासा
ऐसे होगा फर्जी नामों का खुलासा
सॉफ्टवेयर की मदद से अलग अलग मतदाता सूचियों में एक जैसे नाम वाले मतदाताओं के नाम कम्प्यूटर स्क्रीन पर सामने आ जाएंगे। उन्हें चिन्हित कर संबंधित एसडीओ को सूची भिजवाई जाएगी। वे अपने बीएलओ से कहकर उन नामों का सत्यापन करेंगे। नाम गलत पाए जाने पर संबंधित व्यक्ति का नाम सूची से हटा दिया जाएगा। एक व्यक्ति का नाम दो जगह पाए जाने पर उससे पूछा जाएगा। मतदाता की ओर से बताए गए मुताबिक कागजी प्रक्रिया पूरी कर एक सूची में नाम रखकर दूसरी से काट दिया जाएगा। मतदाता की ओर से कोई जवाब नहीं दिए जाने पर दोनों सूची से नाम विलोपित कर दिया जाएगा।
यह है बड़ी परेशानी
प्रशासन के मुताबिक निकाय व जिला क्षेत्र में सामने आने वाले दोहरे नाम संबंधित अधिकारी से सत्यापित करवाकर उनका समाधान किया जाएगा। इसके बावजूद सॉफ्टवेयर पर सामने आने वाले नागौर व दूसरे जिलों के नामों को सत्यापित करना मुश्किल होगा। क्योंकि ये काम राज्य स्तरीय अधिकारियों के क्षेत्राधिकार में है।
प्रशासन के मुताबिक निकाय व जिला क्षेत्र में सामने आने वाले दोहरे नाम संबंधित अधिकारी से सत्यापित करवाकर उनका समाधान किया जाएगा। इसके बावजूद सॉफ्टवेयर पर सामने आने वाले नागौर व दूसरे जिलों के नामों को सत्यापित करना मुश्किल होगा। क्योंकि ये काम राज्य स्तरीय अधिकारियों के क्षेत्राधिकार में है।
इनका कहना
मतदाता सूची में एक ही व्यक्ति के दो जगह नाम दर्ज होने की शिकायतों के समाधान के लिए इस बार सॉफ्टवेयर की मदद ली जाएगी। इससे काफी हद तक फर्जी नाम हट जाएंगे। दूसरे जिलों के नाम एक जैसे पाए जाने पर उनके समाधान में थोड़ी दिक्कत है। इसके समाधान के लिए प्रयासरत हैं।
मतदाता सूची में एक ही व्यक्ति के दो जगह नाम दर्ज होने की शिकायतों के समाधान के लिए इस बार सॉफ्टवेयर की मदद ली जाएगी। इससे काफी हद तक फर्जी नाम हट जाएंगे। दूसरे जिलों के नाम एक जैसे पाए जाने पर उनके समाधान में थोड़ी दिक्कत है। इसके समाधान के लिए प्रयासरत हैं।
बलवीरसिंह, चुनाव प्रभारी नावां शहर।