Ayodhya Ram Mandir: श्रीराम जन्मभूमि अयोध्या में बन रहे भव्य मंदिर के गर्भगृह में रामलला प्रदेश के मकराना में निकलने वाले संगमरमर से तैयारी वेदी पर विराजमान होंगे। यह वेदी 3 फीट 4.5 इंच ऊंचाई, 6.4 बाय 8.1 फीट चौड़ाई की है, जो बनकर तैयार हो गई। यह राजस्थान के लिए सौभाग्य की बात रही कि सर्वाधिक तपने वाले प्रदेश के सबसे शीतल पत्थर से वेदी तैयार करने वाले कुशल कारीगर भी यहीं से गए हैं। इस पत्थर को मकराना से निकाला गया है। जिसे घड़ाई के बाद वेदी पर जड़ा गया है। संगमरमर से तैयार हुई इस वेदी पर रामलला 22 जनवरी को प्राण प्रतिष्ठा के बाद विराजमान हो जाएंगे।
संगमरमर ही क्यों…
रामलला को विराजमान करने के लिए मकराना सफेद संगमरमर पत्थर को चुना गया। इसकी खासियत यह कि चाहे कितनी भी भीषण गर्मी हो, यह पत्थर शीतल ही रहेगा। साथ ही वक्त बढऩे के साथ इसकी चमक बढ़ती चली जाएगी।
राजस्थान के इकबाल सक्का की बनाई स्वर्ण पादुका पहनेंगे अयोध्या में भगवान श्रीराम
दीवारों व फर्श पर भी हमारा मार्बल
मंदिर के गर्भगृह में भी नक्काशीदार सफेद मार्बल जड़ा गया है। इसे मंदिर के फर्श में भी उपयोग किया गया है। गर्भगृह के निर्माण में 13 हजार 300 घन फीट नक्काशीदार संगमरमर का उपयोग हुआ, जबकि 95 हजार 300 वर्ग फीट मार्बल फर्श और क्लेडिंग (आवरण) के लिए काम में लिया है।
यहां भी उपयोग हो चुका
मकराना का संगमरमर ताजमहल, कोलकाता के विक्टोरिया हाउस, दुबई एवं अबू धाबी की मस्जिद, जैन मंदिर, बिरला मंदिर, स्वर्ण मंदिर, वाइट हाउस, संसद भवन, उज्जैन महाकालेश्वर मंदिर एवं लीबिया पैलेस सहित कई प्रसिद्ध स्मारकों के निर्माण में उपयोग हो चुका है।
अनूठी कहानी, सावन में हर सोमवार को यहां शिव दर्शनों के लिए आते हैं नाग
युगों तक साक्षी बना रहेगा
पूरे राजस्थान के लिए यह सौभाग्य होगा कि यहां निकलने वाले सफेद संगमरमर पर प्रभु श्रीराम विराजेंगे। फर्श पर भी इसे जड़ा गया। सफेद संगमरमर युगों तक साक्षी बना रहेगा। यह काम हमें मिलना हमारे लिए पीढिय़ों तक अविस्मरणीय होगा।
धर्माराम चौधरी, राना मार्बल, मकराना (नागौर)