नागौर

मंडी में शुरू हुई मूंग की आवक, सरकार की नहीं खुली नींद, किसानों को रोजाना 60 लाख से अधिक का नुकसान

नागौर जिले की कृषि उपज मंडियों में पिछले करीब 15-20 दिन से नए मूंग की आवक जारी है, लेकिन सरकार ने अब तक न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) पर खरीद की दिशा में एक कदम भी नहीं बढ़ाया है।

नागौरOct 10, 2024 / 05:25 pm

Kamlesh Sharma

नागौर. कृषि उपज मंडी में लगी मूंग की ढेरियां।

नागौर जिले की कृषि उपज मंडियों में पिछले करीब 15-20 दिन से नए मूंग की आवक जारी है, लेकिन सरकार ने अब तक न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) पर खरीद की दिशा में एक कदम भी नहीं बढ़ाया है। वर्तमान स्थिति को देखते हुए इस महीने खरीद शुरू होने की संभावना नजर नहीं आ रही है। इसके कारण किसानों को प्रति क्विंटल एक हजार से 1500 रुपए तक नुकसान उठाना पड़ रहा है।
गौरतलब है कि केंद्र सरकार ने विपणन वर्ष 2024-25 के लिए मूंग का न्यूनतम समर्थन मूल्य 8,682 रुपए प्रति क्विंटल तय किया है, लेकिन मंडी में किसानों को 7 हजार से 8 हजार के बीच के भाव मिल रहे हैं। ऐसे में किसानों को प्रति क्विंटल 1 हजार से 1500 रुपए कम के भाव मिल रहे हैं।
मंडी सूत्रों के अनुसार नागौर मंडी में पिछले सात-आठ दिन से छह हजार क्विंटल से अधिक की आवक हो रही है, प्रति क्विंटल 1 हजार से 1500 रुपए का नुकसान होने से प्रतिदिन किसानों को अकेले नागौर मंडी में बिकने वाले मूंग से 60 से 70 लाख का नुकसान हो रहा है। इसके बावजूद सरकार ने एमएसपी पर मूंग खरीद के लिए रजिस्ट्रेशन प्रक्रिया तक शुरू नहीं की है, जबकि किसान आए दिन भाजपा नेताओं एवं मंत्रियों को ज्ञापन देकर समय पर मूंग खरीद शुरू करने की मांग कर रहे हैं।

हर बार लेटलतीफी, योजना पर फिर रहा पानी

एमएसपी पर मूंग की खरीद में पिछले कुछ वर्षों से राज्य सरकार की ओर से लेटलतीफी की जा रही है। इसके चलते किसानों को कम दाम पर मूंग मंडी में बेचना पड़ता है। पिछले साल तक भाजपा नेता राज्य की कांग्रेस सरकार पर देरी का आरोप लगाते थे, लेकिन इस बार केन्द्र व राज्य दोनों जगह भाजपा की सरकार है, इसके बावजूद मूंग खरीद समय पर शुरू नहीं हो पाई है। गौरतलब है कि मूंग की कटाई करीब 20 दिन पहले शुरू हो गई और पिछले 15 दिन से मंडी में नया मूंग बेचने के लिए लाया जा रहा है।
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किसानों का कहना है कि यदि सरकार समय पर मूंग की खरीद शुरू कर दे तो मंडी में भी भाव सुधर जाएंगे अन्यथा किसानों को मजबूरन मंडी में कम भाव में मूंग बेचना पड़ता है। नागौर मंडी में एक अक्टूबर को जहां करीब 3100 क्विंटल मूंग की आवक हुई, वहीं 7 अक्टूबर को 6653 क्विंटल मूंग आया। यानी सात दिन में दुगुनी से ज्यादा आवक बढ़ गई। आने वाले दिनों में आवक की मात्रा और बढ़ने की संभावना है।

नागौर मंडी में इस माह हुई मूंग की आवक व औसत भाव

दिन ———–आवक—– औसत भाव

1 अक्टूबर –3097.50—- 7000-8150

2 अक्टूबर—- 3424.50—- 7000-8000

4 अक्टूबर—- 3724.50—- 7000-8000

5 अक्टूबर—- 4858.75—- 7000-7950
7 अक्टूबर—- 6653.00—- 7000- 8001

8 अक्टूब—-र 6170.50—- 7000-8050

9 अक्टूबर—-5838.50—-7000-7950

नोट – आवक क्विंटल में व औसत भाव प्रति क्विंटल

किसानों को पूरे भाव नहीं मिल रहे

सरकार की ओर से न्यूनतम समर्थन मूल्य पर मूंग की खरीद नहीं करने से किसानों को प्रति क्विंटल एक हजार से ज्यादा का नुकसान उठाना पड़ रहा है। मंडी में उच्च गुणवत्ता वाले मूंग के भाव 7200 से 7800 तक मिल रहे हैं। कई किसान उचित भाव नहीं मिलने के कारण फसल वापस ले जा रहे हैं, जबकि कुछ किसानों की मजबूरी है, इसलिए वे कम भाव में भी फसल बेच रहे हैं।
चांदमल, ताऊसर, किसान

किसानों को हो रही परेशानी

सरकार ने मूंग का न्यूनतम समर्थन मूल्य 8,682 रुपए घोषित कर दिया, लेकिन अब तक खरीद शुरू नहीं की है, जबकि मंडी में नए मूंग की आवक 15 दिन पहले ही शुरू हो गई। जो किसान सक्षम है, वो तो मूंग रोक लेंगे, लेकिन सामान्य किसानों को मजबूरी में कम दाम में मूंग बेचना पड़ रहा है। सरकार को जल्द से जल्द मूंग खरीद शुरू करनी चाहिए।
नरेश/कालूराम गहलोत, चैनार, किसान

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